telephones in bathroom: 1980 और 1990 के दशक में, टेलीफोन (telephone in homes) हर घर और होटलों का अभिन्न हिस्सा हुआ करते थे. उस समय होटलों के लग्ज़री बाथरूमों में भी टेलीफोन लगे होते थे, जिसे अमीरी की निशानी माना जाता था. ऐसे होटलों में गेस्ट बिना बाथरूम से बाहर निकले ही रूम सर्विस (room service) के लिए कॉल कर सकते थे. यह आमतौर पर पाँच सितारा होटलों में देखा जाता था.
बाथरूम में टेलीफोन की जरूरत
जहां एक ओर बाथरूम में टेलीफोन होना विलासिता का प्रतीक था वहीं समय के साथ इसकी उपयोगिता पर सवाल उठने लगे. पहले यह सुविधा होटल में ठहरे मेहमानों को बेहद पसंद आती थी, क्योंकि उन्हें इससे विशेष और आरामदायक अनुभव प्राप्त होता था. हालांकि, तकनीकी विकास के साथ ही मोबाइल फोन्स ने धीरे-धीरे टेलीफोन की जगह ले ली और अब अधिकतर लोग बाथरूम में भी अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं.
बाथरूम में टेलीफोन की प्रासंगिकता में कमी
आज के दौर में बाथरूम में टेलीफोन होने की अहमियत खत्म हो गई है. अब यदि किसी होटल के बाथरूम में टेलीफोन होता है, तो लोग इसे अनुपयुक्त और कई बार अस्वच्छ मानते हैं. नई पीढ़ी को यह सुविधा बिलकुल भी पसंद नहीं आती. जहां पहले होटलों में बाथरूम फोन होना उनकी रेटिंग को बेहतर बनाता था वहीं अब कई देशों में होटल की रेटिंग (hotel ratings) के लिए इसे जरूरी नहीं माना जाता.
अलग-अलग देशों में बाथरूम फोन के रुझान
यूनाइटेड किंगडम के ज्यादातर होटलों में बाथरूम फोन का जिक्र तक नहीं होता, लेकिन अमेरिका के कुछ लग्जरी होटलों में अभी भी बाथरूम में टेलीफोन रखना जरूरी माना जाता है. हालांकि, मोबाइल के आगमन के बाद से इसकी आवश्यकता काफी कम हो गई है, और अब केवल कुछ होटल इसे सुरक्षा कारणों से बनाए रखते हैं. यह सुविधा पहले मुख्य रूप से मेहमानों की सुविधा के लिए दी जाती थी ताकि वे बाथरूम में भी कॉल कर सकें या रिसीव कर सकें.