जुनैद खान द्वारा वैभव सूर्यवंशी पर दिया गया विवादित बयान हाल ही में चर्चा का विषय बना हुआ है। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर जुनैद खान ने वैभव की उम्र को लेकर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या 13 साल का बच्चा सच में इतना लंबा छक्का मार सकता है?” यह बयान तब आया जब वैभव ने अंडर-19 एशिया कप में शानदार प्रदर्शन किया और एक मैच में 67 रन बनाए, जिसमें 5 गगनचुंबी छक्के शामिल थे।
वैभव सूर्यवंशी का प्रदर्शन
वैभव सूर्यवंशी, जो कि केवल 13 वर्ष के हैं, ने अंडर-19 एशिया कप में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होंने चार मैचों में 55.67 की औसत और 146.49 के स्ट्राइक रेट के साथ 167 रन बनाए हैं। उनकी इस बेहतरीन पारी ने उन्हें टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में 7वें स्थान पर पहुंचा दिया है।
हालांकि, जुनैद खान का बयान इस बात को लेकर चिंता को जन्म देता है कि क्या युवा खिलाड़ियों की उम्र को लेकर कभी-कभी संदेह किया जाता है। पाकिस्तान में अक्सर एज फ्रॉड के मामलों की खबरें आती हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या भारतीय क्रिकेट में भी ऐसी स्थिति हो सकती है।
जुनैद खान का बयान और प्रतिक्रिया
जुनैद खान ने इंस्टाग्राम पर वैभव का एक वीडियो साझा करते हुए यह सवाल उठाया। उनके इस बयान पर भारतीय फैंस ने सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। कई फैंस ने उनकी टिप्पणी को असंगत और पूर्वाग्रहित बताया, यह कहते हुए कि वैभव की उम्र को लेकर संदेह करना सही नहीं है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ:
– कई फैंस ने कहा कि जुनैद को अपने देश के खिलाड़ियों की उम्र पर ध्यान देना चाहिए।
– कुछ लोगों ने यह भी कहा कि जुनैद का बयान भारतीय क्रिकेट को कमतर आंकने का प्रयास है।
भविष्य की संभावनाएँ
अंडर-19 एशिया कप का फाइनल भारत और बांग्लादेश के बीच खेला जाना है, जिसमें वैभव से बड़ी पारी की उम्मीद की जा रही है। यदि वह इस मैच में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उनकी प्रतिभा और भी उजागर होगी।
जुनैद खान का बयान इस बात का संकेत देता है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा कितनी तीव्र हो गई है। युवा खिलाड़ियों पर दबाव बढ़ता जा रहा है, और ऐसे समय में उन्हें समर्थन और प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है।
वैभव सूर्यवंशी एक युवा प्रतिभा हैं जो अपने खेल से सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। जुनैद खान का विवादित बयान केवल एक पहलू है, लेकिन यह इस बात की पुष्टि करता है कि युवा खिलाड़ियों को अपनी क्षमता साबित करने के लिए लगातार मेहनत करनी होगी।