पैन कार्ड 2.0- पैन कार्ड धारकों के लिए बड़ी खबर। केंद्र सरकार ने हाल ही में पैन 2.0 परियोजना शुरू की है, जिसके तहत भारतीय वित्तीय व्यवस्था को और उन्नत और डिजिटल बनाने की पहल की गई है। इस परियोजना के तहत, स्थायी खाता संख्या (पैन) प्रणाली को नई तकनीक की मदद से और अधिक उन्नत और सुरक्षित बनाया जाना है। इसके तहत पैन को आधार और अन्य डिजिटल पहचान प्रणालियों के साथ एकीकृत किया जाएगा। यह परियोजना 1,435 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की गई है।
इस पहल की मदद से विभिन्न वित्तीय लेनदेन आसान हो जाएंगे। आपको बता दें कि पैन 2.0 परियोजना डेटा सुरक्षा को प्राथमिकता देगी और इसके तहत धोखाधड़ी को रोकने के लिए अत्याधुनिक सुरक्षा मानकों को अपनाया जा रहा है।
पैन 2.0 परियोजना क्या है?
पैन 2.0, मौजूदा स्थायी खाता संख्या (पैन) प्रणाली को उन्नत स्तर पर ले जाने की सरकार की एक योजना है। इससे पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ-साथ करदाताओं के लिए सेवा को सरल और सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी। अब तक लगभग 78 करोड़ पैन जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से 98 प्रतिशत व्यक्तिगत करदाताओं के पास हैं। यह परियोजना आयकर विभाग के डिजिटल बुनियादी ढांचे को भी मजबूत करेगी।
पैन 2.0 में क्या बदलाव होंगे?
क्यूआर कोड: नए पैन कार्ड में क्यूआर कोड जोड़ा जाएगा, जिससे सेवाओं तक पहुंच तेज हो जाएगी।
बेहतर सुरक्षा: पैन डेटा वॉल्ट प्रणाली के माध्यम से कार्ड की जानकारी को अधिक सुरक्षित बनाया जाएगा।
डिजिटल एकीकरण: पैन और टैन सेवाओं को एकीकृत किया जाएगा और करदाता पंजीकरण को उन्नत किया जाएगा।
कागजी कार्रवाई में कमी: नए बदलावों से अनावश्यक कागजी कार्रवाई खत्म हो जाएगी और लागत कम हो जाएगी।
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पैन डेटा वॉल्ट सिस्टम क्या है?
पैन 2.0 में पैन से जुड़ी जानकारी सुरक्षित रखने के लिए एक डेटा वॉल्ट सिस्टम भी शामिल होगा। चूँकि बैंक और बीमा कंपनियाँ पैन की जानकारी का इस्तेमाल करती हैं, इसलिए उन्हें इसे सुरक्षित रूप से संग्रहीत करना होगा।
पैन 2.0 के लाभ:
सेवाओं में गति और पारदर्शिता।
बढ़ी हुई डेटा सुरक्षा।
डिजिटल बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा।
कागजी कार्रवाई और लागत में कमी।
क्या आपको नए पैन कार्ड के लिए आवेदन करने की आवश्यकता है?
नहीं, मौजूदा पैन धारकों को नए कार्ड के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। यह एक वैकल्पिक सुविधा है और नए कार्ड धारकों को पैन 2.0 के तहत उन्नत सुविधाएँ दी जाएँगी।