छोटे किसान अगर सही समय पर सही फसल का चुनाव करते हैं, तो वे भी अन्य किसानों की तरह मुनाफा कमा सकते हैं। चलिए एक ऐसे ही किसान के अनुभव के बारे में जानें-
हाइब्रिड खीरा की खेती से किसान को मुनाफा
कई ऐसे किसान हैं, जो कम जमीन से ज्यादा मुनाफा कमाते हैं। वहीं कुछ किसान बड़े ज़मीनों के मालिक होते हुए भी इतना ज्यादा मुनाफा नहीं कमा पाते। जिसमें एक किसान हैं मोहम्मद उमर, जो रामपुर के रहने वाले एक बुजुर्ग किसान हैं। वे कई सालों से हाइब्रिड खीरा की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छा-खासा उत्पादन मिल जाता है। 5 से 6 बीघा जमीन से वे हर साल लगभग 70 से 72 क्विंटल तक खीरे का उत्पादन लेते हैं। उनकी फसल आसपास की मंडियों के साथ-साथ दिल्ली जैसी दूर-दराज की मंडियों तक जाती है।
तो चलिए जानते हैं वे किस तरीके से खेती करते हैं, कब बुवाई करते हैं, कितना खर्चा आता है और कितनी कमाई होती है।
हाइब्रिड खीरा की खेती में खर्चा
खर्चे के बारे में किसान बताते हैं कि वे 5 से 6 बीघा में खेती करते हैं, जिसमें करीब 20 से 25 हजार रुपये तक की लागत आ जाती है। मुनाफे की बात करें तो उन्होंने बताया कि अगर बाजार में अच्छा भाव मिल जाए, तो एक से डेढ़ लाख रुपये तक का मुनाफा हो जाता है। वे पारंपरिक विधि से ही हाइब्रिड खीरा की खेती करते हैं, लेकिन कुछ बातों का खास ध्यान रखते हैं, जिससे 45 से 50 दिन में फसल तैयार हो जाती है और उसकी गुणवत्ता भी अच्छी रहती है। चलिए अब जानते हैं उनकी खेती का तरीका और मिलने वाला उत्पादन।

किस तरीके से करते हैं खेती
हाइब्रिड खीरे की खेती के तरीके की बात करें, तो यह सामान्य खीरे की तरह ही की जाती है। बिना मंडप बनाए जमीन पर ही खीरे की बुवाई की जाती है। वे बताते हैं कि फरवरी और मार्च के बीच वे खीरे की बुवाई करते हैं और बीच-बीच में जैविक खाद देते हैं। साथ ही जैविक कीटनाशक का भी उपयोग करते हैं। आवश्यकता के अनुसार सप्ताह में दो बार सिंचाई करते हैं। बुवाई से पहले खेतों में पुरानी गोबर की खाद डालते हैं, जिससे फसल अच्छी होती है। फरवरी-मार्च में बोई गई फसल अप्रैल से मई के बीच तैयार हो जाती है। इस तरह अधिक समय भी नहीं लगता है।
बीज का खर्चा भी अधिक नहीं आता है। 5 से 6 बीघा जमीन में वे लगभग 55 पैकेट बीज लगाते हैं, जिनमें प्रत्येक पैकेट में करीब 10 ग्राम बीज होता है। उत्पादन की बात करें तो प्रति बीघा लगभग 10 से 12 क्विंटल तक उत्पादन मिलता है। अगर मौसम अनुकूल रहा, तो किसान को अच्छा मुनाफा होता है। गर्मियों में खीरे की मांग अधिक रहती है, जिससे किसानों को मुंहमांगी कीमत मिल सकती है। इसलिए छोटे किसानों के लिए यह खेती एक अच्छा अवसर है।
