मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई बेहद लोकप्रिय प्रधानमंत्री जन-धन योजना को 11 साल पूरे हो गए हैं। इन 11 सालों में इस योजना के तहत खोले गए खातों की संख्या बढ़कर 56.16 करोड़ हो गई है और इन खातों में कुल 2.68 लाख करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। यह योजना न केवल वित्तीय समावेशन का एक बेहतरीन उदाहरण बन गई है, बल्कि इसने करोड़ों भारतीयों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी अहम भूमिका निभाई है।
ओवरड्राफ्ट सुविधा

जन धन योजना के तहत, खाताधारकों को कई महत्वपूर्ण सुविधाएँ मिलती हैं, जिनमें से एक ओवरड्राफ्ट सुविधा भी है। इस सुविधा के तहत, लाभार्थी ₹10,000 तक की राशि प्राप्त कर सकते हैं। ओवरड्राफ्ट का मतलब है कि अगर आपके खाते में पर्याप्त पैसा नहीं है, तब भी आप एक निश्चित सीमा तक पैसे निकाल सकते हैं या लेन-देन कर सकते हैं। यह सुविधा गरीब और ज़रूरतमंद परिवारों के लिए, खासकर आपात स्थिति में, बहुत बड़ी राहत साबित होती है। इसके अलावा, सभी लाभार्थियों को ₹2 लाख के दुर्घटना बीमा कवर के साथ एक मुफ़्त रुपे डेबिट कार्ड भी मिलता है।
जन धन योजना के आंकड़े
हाल ही में वित्त मंत्रालय ने जन धन योजना की सफलता के आंकड़े जारी किए हैं:
मार्च 2015 में यह संख्या 14.72 करोड़ खातों से बढ़कर 13 अगस्त 2025 तक 56.16 करोड़ हो गई है। यह योजना की अभूतपूर्व पहुंच को दर्शाता है। कुल खाताधारकों में से 56% महिलाएं हैं, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। 67% खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं, जिससे बैंकिंग सुविधाएं देश के दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच गई हैं।
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से 45 लाख करोड़ रुपये सीधे लाभार्थियों के खातों में हस्तांतरित किए गए हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है और बिचौलियों की भूमिका समाप्त हुई है। भारत की 94% वयस्क आबादी के पास अब बैंक खाता है, जिससे देश का वित्तीय समावेशन का लक्ष्य लगभग पूरा हो गया है।

अन्य लाभ
प्रधानमंत्री जन धन योजना खाताधारकों को कुल 38.68 करोड़ रुपे डेबिट कार्ड जारी किए गए हैं। इससे उन्हें कैशलेस लेनदेन की सुविधा के साथ-साथ अंतर्निहित दुर्घटना बीमा कवर भी प्राप्त हुआ है। ये खाते कई अन्य सरकारी योजनाओं के लिए भी पात्र हैं, जैसे:
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई)
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई)
अटल पेंशन योजना (एपीवाई)
सूक्ष्म इकाई विकास एवं पुनर्वित्त एजेंसी बैंक (मुद्रा) योजना
जन-धन योजना ने देश के कोने-कोने में, खासकर गुवाहाटी जैसे शहरों और असम के ग्रामीण इलाकों में, लोगों के जीवन में क्रांति ला दी है। यह योजना न केवल वित्तीय सेवाओं तक पहुँच प्रदान करती है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक समानता लाने में भी एक महत्वपूर्ण साधन साबित हुई है।
