किसान भाइयों की फसल कभी-कभी उम्मीद से कम हो जाती है, मेहनत पूरी होती है, लेकिन नतीजा आधा मिलता है। इसका कारण कुछ आम गलतियाँ हैं, बहुत गहरा बोना, सूखी मिट्टी, पुराने बीज, बिना उपचार, और ज्यादा घनी बुआई। ये पांच गलतियाँ फसल को कमजोर कर देती हैं, लेकिन अच्छी बात ये है कि इनसे बचना आसान है। तो चलिए, इन गलतियों को समझते हैं, और जानते हैं कि इन्हें कैसे ठीक करें, ताकि खेत हरा रहे, और फसल बंपर हो।
1. बहुत गहरा बोना, खराब अंकुरण
कई बार किसान बीज को बहुत गहरा बो देते हैं, सोचते हैं कि ऐसा करने से पौधा मजबूत होगा। लेकिन सच इसके उलट है, गहराई में बीज को हवा और रोशनी कम मिलती है, जिससे अंकुरण खराब होता है। जैसे, गेहूं को 5-6 सेंटीमीटर से ज्यादा गहरा बोया तो आधे बीज दबकर रह जाते हैं। इससे बचने के लिए बीज को सही गहराई पर बोएं, गेहूं और चावल के लिए 3-5 सेंटीमीटर, सब्जियों के लिए 1-2 सेंटीमीटर। हल्की मिट्टी डालें, बोने से पहले खेत को समतल करें, ताकि बीज ऊपर आएँ, और फसल अच्छी शुरू हो।
2. सूखी मिट्टी, स्टंट वृद्धि
सूखी मिट्टी में बोई फसल की ग्रोथ रुक जाती है, गर्मी में तोरई, लौकी या भिंडी जैसे पौधे बिना पानी के मुरझा जाते हैं। बीज को अंकुरित होने और जड़ों को बढ़ने के लिए नमी चाहिए, अगर खेत सूखा है, तो पौधे छोटे रह जाते हैं, और फल कम लगते हैं। इससे बचने का तरीका है, बुआई से पहले खेत में हल्की सिंचाई करें। मिट्टी नम हो, लेकिन कीचड़ न बने, बारिश का इंतजार न करें, ट्यूबवेल या नहर से पानी दें। बुआई के बाद भी 4-5 दिन तक नमी बनाए रखें, ताकि पौधे मजबूत हों।
3. एक्सपायर्ड या पुराने बीज
पुराने या एक्सपायर्ड बीज बोना फसल को कमजोर करने की बड़ी वजह है, कई बार सस्ते के चक्कर में पुराना स्टॉक ले लिया जाता है, जो अंकुरित ही नहीं होता। जैसे, मूंग या चने के बीज दो साल से पुराने हों, तो आधे से ज्यादा खराब निकलते हैं। इससे बचने के लिए हमेशा ताजा और प्रमाणित बीज लें, पैकेट पर एक्सपायरी डेट देखें। गाँव की दुकान से ले रहे हों, तो बीज को हाथ में मलकर चेक करें, अगर टूट जाए या बदबू आए, तो न लें। अच्छे बीज से फसल शुरू से मजबूत होगी।
4. बीज का कोई उपचार नहीं
बिना उपचार के बीज बोना भी बड़ी गलती है, कीड़े, फंगस, और बीमारियाँ बीज को अंदर से खराब कर देती हैं। मिट्टी में मौजूद दीमक या फंगस गेहूं, भिंडी, और खीरे के बीज को चट कर जाते हैं, इससे बचने के लिए बोने से पहले बीज को उपचारित करें। 2 ग्राम थाइरम या कार्बेन्डाजिम को 1 किलो बीज के साथ मिलाएं, देसी तरीके से नीम का तेल या गोमूत्र में बीज को 2-3 घंटे भिगोएँ। ये उपचार बीज को कीड़ों और बीमारी से बचाता है, और अंकुरण बढ़िया होता है।
5. ज्यादा सघन या घनी बुआई
कई किसान सोचते हैं कि ज्यादा बीज बोएंगे, तो फसल ज्यादा होगी, लेकिन घनी बुआई से पौधों को हवा, रोशनी, और खाना कम मिलता है। जैसे, तोरई या लौकी को पास-पास बोया तो बेलें उलझती हैं, और फल छोटे रह जाते हैं। इससे बचने के लिए सही दूरी रखें, गेहूं के लिए 20-22 सेंटीमीटर, भिंडी और करेले के लिए 30-40 सेंटीमीटर, और लौकी-कद्दू के लिए 1-2 मीटर। खेत में लाइन बनाकर बोएं, ताकि हर पौधे को बढ़ने की जगह मिले, कम बीज से भी फसल बढ़िया होगी, अगर देखभाल सही हो।
इन गलतियों से बचने का आसान रास्ता
इन पांच गलतियों से बचना मुश्किल नहीं है, खेत को तैयार करते वक्त मिट्टी नम करें, ताजा और उपचारित बीज चुनें, सही गहराई और दूरी पर बोएं। गाँव में कृषि केंद्र से सलाह लें, वहाँ सही बीज और दवाएँ मिलेंगी, बोने से पहले मिट्टी की जाँच करा लें, कितनी नमी और ताकत है, ये पता चल जाएगा। थोड़ी समझदारी से मेहनत का पूरा फल मिलेगा।
ये गलतियाँ छोटी लगती हैं, लेकिन फसल को बर्बाद कर सकती हैं, सही तरीके से खेती करें, बीज सही हो, मिट्टी तैयार हो, और बुआई सही ढंग से हो। इससे न सिर्फ उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि बाजार में अच्छा दाम भी मिलेगा, अपने खेत में ये तरीके आजमाएं, और देखें कैसे फसल लहलहाती है, और जेब भरती है।