FD: फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, लेकिन समय से पहले एफडी तुड़वाने पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। एफडी प्री-मैच्योर विद्ड्रॉल के तहत बैंक कम ब्याज दर देती है और पेनल्टी भी लगाती है। आइए जानते हैं इससे जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु और इससे बचने के तरीके।
एफडी प्री-मैच्योर विद्ड्रॉल के नुकसान
समय से पहले एफडी तुड़वाने पर बुक्ड रेट के बजाय कार्ड रेट पर ब्याज दिया जाता है। अलग-अलग बैंकों में पेनल्टी दरें अलग होती हैं, जो आमतौर पर 0.5% से 1% तक होती हैं। पेनल्टी और कम ब्याज दर की वजह से आपकी प्रभावी ब्याज दर कम हो जाती है।
एफडी टेन्योर बुक्ड रेट कार्ड रेट पेनल्टी प्रभावी ब्याज दर
5 साल 7% 6% 1% 5%
3 साल 6.5% 5.5% 0.5% 5%
1 साल 6% 5.75% 0.5% 5.25%
एफडी प्री-मैच्योर विद्ड्रॉल का उदाहरण
मान लीजिए आपने ₹1,00,000 की 5 साल के लिए एफडी कराई है और ब्याज दर 7% है। अगर आप इसे एक साल के बाद तुड़वाते हैं, तो आपको एक साल की एफडी पर 6% कार्ड रेट के हिसाब से ब्याज मिलेगा। इसके साथ ही, 1% की पेनल्टी के बाद आपकी प्रभावी ब्याज दर 5% हो जाएगी।
निवेश राशि ब्याज दर (बुक्ड) कार्ड रेट पेनल्टी अंतिम ब्याज
₹1,00,000 7% 6% 1% ₹5,000
एफडी तुड़वाने से बचने के उपाय
एक बड़ी एफडी करने की बजाय छोटे-छोटे अमाउंट में कई एफडी कर सकते हैं। इससे आप जरूरत पड़ने पर केवल कुछ एफडी तोड़ सकते हैं और बाकी एफडी पर ब्याज मिलता रहेगा। निवेश करने से पहले अपने भविष्य की वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एफडी का टेन्योर चुनें। कई बैंक ऑटो-रिन्यूअल का विकल्प देते हैं, जिससे आपकी एफडी मैच्योरिटी के बाद अपने आप रिन्यू हो जाती है और आपको ज्यादा ब्याज मिलता है।
एफडी प्री-मैच्योर विद्ड्रॉल से बचाव के फायदे
जब आप एफडी को उसके टेन्योर तक जारी रखते हैं, तो आपको बुक्ड रेट के हिसाब से ही ब्याज मिलेगा। समय से पहले एफडी न तोड़ने पर पेनल्टी चार्ज से बचा जा सकता है। लंबी अवधि तक एफडी रखने से अधिक ब्याज का लाभ मिलेगा।