July माह के बाद मानसून के आगमन की तैयारियों को लेकर किसान चिंतित हैं। हालांकि, उन्हें अपने खेतों में सब्जी की खेती से डर लगता है। बरसात के मौसम में अधिक पानी होने से सब्जियों का उत्पादन कम हो जाता है और पौधों की वृद्धि शक्ति भी रुक जाती है। ऐसे में जानकारी देते हुए पूर्णिया के सब्जी वैज्ञानिक विकास कहते हैं कि किसान भाइयों को बताई गई बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए। जिससे उन्हें बरसात के मौसम में भी अच्छा उत्पादन मिलेगा।
बरसात के मौसम में भी बिना किसी नुकसान के इन सब्जियों की खेती करें। जानकारी देते हुए पूर्णिया भोला पासवान शास्त्री कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी वैज्ञानिक विकास कुमार ने लोकल 18 को बताया कि बरसात के मौसम में किसान भाइयों को सब्जियों की खेती करने में काफी परेशानी होती है और उस दौरान उत्पादन में भी कमी आती है।
दरअसल, उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में सब्जी उत्पादक को परेशानी का सामना करना पड़ता है। उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अधिक बारिश होने से फूल, परगना गिरने लगते हैं और इससे फूल और फल लगने की प्रक्रिया भी रुक जाती है और पौधे भी पूरी तरह से जम जाते हैं। कुछ आसान उपाय अपनाकर हम अपने खेत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
बरसात के मौसम में किसानों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। पूर्णिया के कृषि विशेषज्ञ विकास कुमार कहते हैं कि बरसात के मौसम में खेती करने से पहले हमें वैज्ञानिक तरीके से फसलों का चयन करना होगा। दूसरी बात बरसात के मौसम में अच्छा सब्जी उत्पादक बनने के लिए सबसे पहले हमें अच्छे खेत का चयन करना चाहिए। जहां बरसात के मौसम में पानी जमा होने की समस्या न हो और बारिश होने के बाद भी पानी जल्दी निकल जाए या छोटी नाली बना दें। ताकि पानी जमा न हो।
तीसरी बात जब भी किसान अपने खेतों में सब्जियां लगाएं तो सबसे पहले वैज्ञानिक विधि से हर सब्जी को थोड़ी दूरी पर लगाएं। और एक पौधे या बीज से दूसरे पौधे के बीच 60 सेमी से 1 मीटर की दूरी बनाए रखें। हालांकि किसी भी पौधे की पंक्तियों के बीच की दूरी 60 सेमी से 60 सेमी से एक मीटर होनी चाहिए और पंक्तियों के बीच की दूरी जरूरी है। अगर पौधे की दूरी की बात करें तो एक पौधे के बीच करीब 7 सेमी की दूरी दे सकते हैं और सभी किसान अपनी पसंद के हिसाब से इसकी दूरी तय करें। बेफिक्र होकर सब्जी की खेती करें। जिससे आपके सब्जी उत्पादन पर भी प्रभाव कम पड़ेगा, जिससे पौधे का उत्पादन भी बढ़ेगा और वह अच्छे से बढ़ेगा और पौधे को हवा और धूप भी आसानी से मिलेगी, साथ ही उचित पोषक तत्वों का प्रयोग करें।
पूर्णिया भोला पासवान शास्त्री कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी वैज्ञानिक विकास कुमार कहते हैं कि खेत तैयार करने से पहले और बाद में इसका प्रयोग करें। किसान भाई जब भी अपने खेतों में पोषक तत्वों का प्रयोग करें तो अपने खेतों में जैविक और रासायनिक दोनों प्रकार के खाद्य मिश्रण का प्रयोग करें। जितना हो सके सड़े हुए गोबर का प्रयोग करें। इसके अलावा जमीन की क्षमता बढ़ाने के लिए नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटाश का प्रयोग सीमित मात्रा में करें। हालांकि उन्होंने बताया कि एक हेक्टेयर में 80 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50 किलोग्राम फास्फोरस और 30 से 40 किलोग्राम पोटाश को मिलाकर छिड़काव करें।