Delhi : बांग्लादेश में हिंसा उसके लिए काफी मुश्किलें खड़ी कर रही है। इस बीच अहम बात यह है कि अगर उत्तर प्रदेश बांग्लादेश का साथ नहीं देता है तो बांग्लादेश को खाने-पीने और रहने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि इससे भारत को भी नुकसान हो सकता है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश से सीमेंट, चावल, कृषि सामान, चमड़ा और अन्य छोटे-बड़े कच्चे माल का निर्यात होता है। ऐसे में जब से बांग्लादेश में संकट शुरू हुआ है, तब से सारा सामान सीमा पर फंसा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 7000 करोड़ रुपये का सामान सीमा पर फंसा हुआ है, जिसकी वजह से बांग्लादेश को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बन चुकी है और मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है। लेकिन हालात अभी भी सामान्य नहीं हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत से बांग्लादेश में 6000 से ज्यादा सामान निर्यात होता है। इसमें मसाले, खाने का तेल, सूती कपड़े, गेहूं, सब्जियां, चीनी और फल शामिल हैं। अब जब यह सामान सीमा से आगे नहीं जा पाएगा तो बांग्लादेश को तो नुकसान होगा ही, साथ ही भारत को उसका करोड़ों का भुगतान भी नहीं मिल पाएगा।
मोहम्मद यूनुस ने की शांति बनाए रखने की अपील
गुरुवार को नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने बांग्लादेश के बंगभवन में शपथ ली। मोहम्मद यूनुस ने देश की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है। नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर शुरू हुए आंदोलन के बाद शेख हसीना ने पहले प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया और अब वह भारत में हैं।
मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की जनता से अपील जारी करते हुए कहा कि मैं सभी से अपील करता हूं कि वे शांत रहें। सभी तरह की हिंसा से दूर रहें। पेरिस से रवाना होते समय मोहम्मद यूनुस ने कहा था कि वह देश में जाकर स्थिति का आकलन करेंगे और देखेंगे कि सभी को कैसे एकजुट किया जाए। मोहम्मद यूनुस को लेकर विपक्षी दलों का क्या रुख रहेगा? यह स्थिति भी अभी स्पष्ट नहीं है।