गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने सड़क सुरक्षा को लेकर कड़ा कदम उठाते हुए ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ अभियान शुरू किया है। अब बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं मिलेगा और बिना सीट बेल्ट के चारपहिया चालकों को सरकारी दफ्तरों में प्रवेश नहीं मिलेगा। जानिए इस नए नियम से आपको कैसे प्रभावित हो सकता है और क्या हैं इसके सख्त परिणाम!
Helmet नहीं तो पेट्रोल नहीं—गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में हुई जिला सड़क सुरक्षा समिति एवं विद्यालय वाहन परिवहन सुरक्षा समिति की अहम बैठक में यह कड़ा फैसला लिया गया है। इस बैठक में सड़क सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई और दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए कई निर्णायक कदम उठाए गए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि सड़क सुरक्षा (Road Safety) को लेकर कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ मिलकर नियमों को लागू करना होगा।
हेलमेट और सीट बेल्ट अब अनिवार्य
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि दोपहिया वाहन (Two-Wheeler) चालकों के लिए हेलमेट और चारपहिया वाहन (Four-Wheeler) चालकों के लिए सीट बेल्ट का उपयोग अनिवार्य किया जाए। इसके लिए यातायात पुलिस, परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग समेत सभी संबंधित एजेंसियों को एकजुट होकर कार्य करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि हेलमेट और सीट बेल्ट का प्रयोग केवल कानून के डर से नहीं, बल्कि आत्म-सुरक्षा की भावना से होना चाहिए।
‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ अभियान सख्ती से लागू
‘No Helmet, No Fuel’ अभियान अब जिले में पूरी सख्ती के साथ लागू किया जाएगा। इस निर्णय के अनुसार, अगर कोई दोपहिया चालक बिना हेलमेट पेट्रोल पंप पर आता है, तो उसे ईंधन नहीं दिया जाएगा। यह कदम न सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए है, बल्कि हेलमेट पहनने की आदत को भी बढ़ावा देने के लिए है। जिलाधिकारी ने साफ किया कि इस नियम का उल्लंघन करने वाले पेट्रोल पंपों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के प्रवेश पर रोक
गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने यह भी निर्णय लिया है कि जो व्यक्ति हेलमेट या सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करता, उसे सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों, विश्वविद्यालयों एवं अन्य संस्थानों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि लोग कानून को गंभीरता से लें और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
स्कूल वाहनों की फिटनेस और चालकों की जांच अनिवार्य
बैठक में स्कूल वाहन सुरक्षा को लेकर भी कड़े निर्देश जारी किए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी स्कूल वाहन बिना फिटनेस प्रमाणपत्र के सड़कों पर नहीं चलना चाहिए। इसके लिए परिवहन विभाग (Transport Department) और शिक्षा विभाग (Education Department) को आपसी समन्वय से जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, स्कूल वाहनों के चालकों की नियमित स्वास्थ्य जांच भी अनिवार्य की गई है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
ब्लैक स्पॉट्स और अवैध कटों पर त्वरित कार्रवाई
सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में से एक हैं ब्लैक स्पॉट (Black Spots) और अवैध सड़क कट। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी ऐसे संभावित दुर्घटना स्थलों की पहचान कर वहां सुधार कार्य तुरंत कराया जाए। इसके लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) को निर्देश दिया गया है कि वह अन्य विभागों के साथ मिलकर संयुक्त निरीक्षण कर इन खतरनाक स्थलों पर आवश्यक सुधार करें।
गांव-गांव चलाया जाएगा जागरूकता अभियान
सड़क सुरक्षा को जन आंदोलन बनाने के उद्देश्य से प्रशासन ने गांव-गांव में यातायात जागरूकता अभियान (Traffic Awareness Campaign) चलाने का निर्णय लिया है। ग्राम पंचायत बैठकों, स्वास्थ्य कर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से आम जनता को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि नियमों का पालन केवल शहरों तक ही सीमित न रहकर गांवों तक फैले।
आवारा पशु और अनधिकृत वाहनों पर सख्ती
सड़कों पर आवारा पशुओं की उपस्थिति और अनधिकृत वाहनों की समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संबंधित विभागों को इन गतिविधियों पर नियंत्रण करने और नियमित अभियान चलाने को कहा ताकि सड़कें सुरक्षित और व्यवस्थित बनी रहें।
बैठक में कौन-कौन रहा मौजूद
इस अहम बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी और विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) मंगलेश दुबे, एसीपी ट्रैफिक शकील अहमद, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ. उदित नारायण पांडेय, लोक निर्माण विभाग के अभियंता, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बस-ट्रक यूनियन के प्रतिनिधि और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
