बिहार के गोपालगंज में रहने वाले प्रदीप सिंह महज 23 साल की आयु में ही आईएएस अधिकारी बनें हैं। एक गरीब परिवार से नाता रखने वाले प्रदीप सिंह बचपन से ही अधिकारी बनना चाहते थे। हालांकि परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वो प्रदीप को कोचिंग दिलवा सकें। लेकिन प्रदीप सिंह ने हार नहीं मानी और मेहनत कर अधिकारी बनने के सपने को सच कर लिया।

प्रदीप सिंह साल 2020 में यूपीएससी परीक्षा को पास कर आईएएस अधिकारी बने हैं। हालांकि इनके लिए ये राह इतनी आसानी नहीं थी। पैसों की कमी होने के कारण प्रदीप के पति ने अपना घर तक बेच दिया था। घर बेचकर जो पैसे पिता को मिले उससे प्रदीप ने दिल्ली आकर कोचिंग क्लास ज्वाइन की।
प्रदीप सिंह वैसे मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। लेकिन इनका परिवार इंदौर में रहता है। इन्होंने अपनी पढ़ाई इंदौर से ही की है।12वीं के बाद ये यूपीएससी की तैयारी करने के लिए दिल्ली आना चाहते थे। लेकिन परिवार की हालत सही नहीं थी। इनके पिता पेट्रोल पंप पर काम करते थे और कमाई काफी कम थी। ऐसे में अपने बेटा को दिल्ली भेजना इनके लिए आसान नहीं था।

हालांकि इनके पिता जानते थे कि प्रदीप आसानी से यूपीएससी की परीक्षा को पास कर सकते हैं। जरूरत है तो बस अच्छी कोचिंग की। फिर क्या था प्रदीप के पिता ने पैसों का इंतजाम करने के लिए अपना घर बेच दिया। जिसके बाद प्रदीप दिल्ली आ गए और कोचिंग लेना शुरू कर दी।
एक रैंक कम आने से टूटा सपना
प्रदीप सिंह ने साल 2018 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी और ऑल इंडिया में 93वीं रैंक हासिल की। लेकिन उनका चयन आईएएस के लिए नहीं हुआ। 96 रैंक आने की वजह से प्रदीप को अपॉइंटमेंट इंडियन रेवेन्यू सर्विस ( IRS) का पद मिला। प्रदीप सिंह के अनुसार साल 2018 में यूपीएससी क्लियर हो गया। लेकिन IAS से सिर्फ एक रैंक पीछे रह गए। इनके पास IPS बनने का भी विकल्प था। लेकिन इन्होंने फॉरेंस सर्विस ज्वॉइन की और छुट्टी लेकर तैयारी में जुट गए।
एक रैंक से आईएएस न बन पाने के कारण ये दुखी रहने लगे और तनाव में चले गए। लेकिन इन्होंने दिल लगाकर मेहनत की और एक साल बाद फिर से एग्जाम दिया। इस बार इनकी रैंक ऑल इंडिया में 26 आई। इसके बाद इनका चयन आईएएस के लिए हुआ और इन्होंने अपना सपना पूरा किया। आज ये बतौर आईएएस अधिकारी अपनी सेवा देश को दे रहे हैं।
रोज रिवीजन करें
प्रदीप के अनुसार एग्जाम को पास करने में पेशेंस और पर्सिवरेंस अहम भूमिका निभाते हैं। ये एक लंबी प्रक्रिया है। जो सालों चलती है। इस दौरान हिम्मत न हारें और मेहनत करें। आप किसी भी क्षेत्र में कितने अच्छे हों, पर सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है। इसलिए देखें कि आप कहां सुधार ला सरते हैं। रोज के रोज रिवीजन करें और पिछले साल के प्रश्न-पत्र जरूर देखें। साथ ही योगा और मेडिटेशन करते रहें। इस दौरान अपनी सेहत का भी ध्यान रखें। एक दिन आपको सफलता जरूर मिलेगी।