बिहार की मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत बेटियों को जन्म से लेकर पढ़ाई तक सरकार आर्थिक सहायता देती है। योजना का उद्देश्य लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा को मजबूत बनाना है। जन्म पर प्रोत्साहन राशि, पढ़ाई के अलग-अलग चरणों में मदद और अन्य योजनाओं के तहत लंबे समय की वित्तीय सुरक्षा भी मिलती है। जानें कैसे मिलेगा पूरा लाभ।
देश में बालिकाओं की स्थिति में सुधार और उनके उत्थान के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर कई तरह के प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने बेटियों के जन्म, शिक्षा और सुरक्षित भविष्य के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन्हीं प्रयासों में एक है मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, जिसका मकसद है कि राज्य की हर बेटी स्वस्थ पैदा हो, अच्छी शिक्षा पाए और आर्थिक रूप से सक्षम बन सके। इस योजना में बेटियों को सीधे ₹2100 मासिक सहायता नहीं दी जाती, बल्कि जन्म से लेकर स्नातक तक हर चरण में आर्थिक सहायता उपलब्ध की जाती है, ताकि परिवार पर बोझ कम हो और बेटियाँ बिना रुकावट आगे बढ़ सकें।
बेटियों को मिलने वाली वित्तीय सहायता
बिटिया के जन्म लेते ही योजना के तहत पहली जन्म पर ₹2000 की मिलती है। वहीं दूसरी सहायता उनके पहले जन्मदिन पर ₹1000 की दी जाती है। ये राशि सीधे बच्ची के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है और इसका उद्देश्य है कि परिवार बेटियों के जन्म को उत्सव की तरह मनाए और आर्थिक कारणों से कोई भेदभाव न हो।
शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए मिलने वाले लाभ
बेटी के बढ़ते हर पड़ाव पर योजना राशि प्रदान करती है। इसमें स्वास्थ्य जांच, स्कूल एडमिशन, यूनिफॉर्म, सैनेटरी नैपकिन जैसी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग चरणों में आर्थिक सहायता दी जाती है। यह सुनिश्चित करता है कि लड़की की पढ़ाई आर्थिक समस्या के कारण बीच में न रुके।
योजना में कैसे करें आवेदन?
अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो प्रक्रिया बहुत कठिन नहीं है। इसके लिए सबसे पहले आप अपने बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (CDPO) से संपर्क करें या जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (DPO) से जानकारी लें। इसके साथ ही आवश्यक दस्तावेज़ जैसे जन्म प्रमाण पत्र, बैंक खाता, आधार आदि तैयार रखें। अधिकांश आवेदन प्रक्रिया offline mode में होती है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को भी आसानी हो सके।
