क्या आप जानते हैं कि बैंक में जमा आपके पैसे पर कितना बीमा (इंश्योरेंस) मिलता है? DICGC से मिलने वाली गारंटी की यह ज़रूरी जानकारी 99% लोगों को नहीं पता होती है। अपने पैसे की सुरक्षा का यह बड़ा नियम जानने के लिए आगे पढ़ें।
पुराने समय में लोग ज़्यादातर पैसे अपने घर में ही रखते थे, जिस वजह से चोरी की घटनाएँ बहुत होती थीं। हालांकि आज भी चोरी होती है, लेकिन अब लोग घरों में कम पैसे रखते हैं क्योंकि उनके ज़्यादातर पैसे बैंक में जमा होते हैं। अक्सर यह सवाल उठता है कि अगर कोई बैंक डूब जाए, तो क्या उसमें जमा ग्राहकों का सारा पैसा डूब जाता है? ऐसी स्थिति में, क्या ग्राहकों के पैसे का बीमा (इंश्योरेंस) होता है या उनका पूरा पैसा सचमुच चला जाता है, जैसा कि कई बार देखा गया है?
99% लोग नहीं जानते ये जानकारी
ज्यादातर 99% लोगों को यह जानकारी नहीं होती कि बैंक में जमा किए गए पैसों का बीमा (Insurance) भी होता है। अगर आप भी नहीं जानते कि बैंक में जमा आपकी रकम पर आपको कितना बीमा कवर मिलता है, तो चलिए हम आपको इस बारे में पूरी और ज़रूरी जानकारी देते हैं।
जब कोई बैंक किसी वजह से बंद होता है, तो आपके जमा पैसों का बीमा (इंश्योरेंस) होता है। यह बीमा राशि आपको डिपॉजिटर्स इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की तरफ से दी जाती है। यह सुविधा आपके बैंक में जमा पैसों को सुरक्षित रखती है।
जमा रकम पर मिलेगा ₹5 लाख तक का बीमा
सामान्य तौर पर, बैंक में जमा आपकी रकम पर आपको ₹5 लाख तक का ही बीमा (इंश्योरेंस) कवर मिलता है। इसका मतलब है कि भले ही आपके खाते में ₹10 लाख जमा हों, लेकिन गारंटी सिर्फ ₹5 लाख तक मिलने की ही होती है। हालाँकि, ऐसा नहीं है कि आपको बाकी की रकम बिल्कुल नहीं मिलेगी, लेकिन बीमा सुरक्षा की बात करें तो वह केवल ₹5 लाख तक ही सीमित होती है।
इस स्थिति में डूब सकता है आपका पैसा
अगर आपकी जमा राशि ₹5 लाख से ज़्यादा है, तो यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बैंक के पास कितनी संपत्ति है। यदि बैंक की देनदारियाँ (क़र्ज़ या देनदारी) कम हैं, तो आपको अपना पैसा वापस मिलने की संभावना है। लेकिन अगर देनदारियाँ ज़्यादा हैं, तो आपका पैसा डूब सकता है। आपको बता दें कि सरकार विचार कर रही है कि DICGC (डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन) से मिलने वाले बीमा (इंश्योरेंस) की राशि को ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख तक कर दिया जाए। उम्मीद है कि सरकार अगले 6 महीनों में इस बारे में कोई फैसला ले सकती है।
