वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को अपने मुख्य कामकाज पर ध्यान केंद्रित करने और जमा राशि बढ़ाने के लिए नई योजनाएं बनाने की सलाह दी है। शनिवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निदेशक मंडल की बैठक के बाद उन्होंने इन मुद्दों पर मीडिया से बातचीत की।
घरेलू बचतकर्ताओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
सीतारमण ने कहा कि घरेलू बचत वाले ग्राहक तेजी से अन्य निवेश विकल्पों की ओर जा रहे हैं। इसलिए, बैंकों को इन बचतकर्ताओं पर विशेष ध्यान देने और अधिक आकर्षक जमा योजनाएं पेश करने की सलाह दी गई है।
बैंक नई योजनाएं लाकर जमा राशि बढ़ाएं
उन्होंने कहा कि आरबीआई ने बैंकों को ब्याज दर के प्रबंधन में स्वतंत्रता दी है, जिसे बैंकों को पूरी तरह से उपयोग करना चाहिए। उन्हें नए-नए उत्पाद लाने चाहिए और जमा राशि जुटाने पर जोर देना चाहिए। बैंक अधिकारी बड़े या थोक जमा की बजाय छोटे बचतकर्ताओं पर ध्यान केंद्रित करें।
ऋण और जमा वृद्धि में अंतर
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वर्तमान में ऋण और जमा वृद्धि के बीच लगभग तीन से चार प्रतिशत का अंतर है। ऋण वृद्धि ज्यादा है जबकि जमा वृद्धि कम है। उन्होंने बताया कि ऋण अब डिजिटल रूप से दिए जा रहे हैं, जबकि बैंकों में चल रही जमा योजनाओं के साथ ऐसा नहीं है।
अनूठे उत्पादों की जरूरत
दास ने कहा कि बैंकों को और ज्यादा जमा प्राप्त करने के लिए अनूठे उत्पादों पर ध्यान देना चाहिए। कर्ज और जमा का अनुपात बढ़ा है और इसे संतुलित करने की आवश्यकता है।
अगर सेविंग अकाउंट है तो उसे पर मिलेगा ज्यादा ब्याज.
नहीं गाइडलाइन के अनुसार बैंक जल्द ही सेविंग अकाउंट पर सामान्य तौर पर मिलने वाले तीन प्रतिशत तक के ब्याज को बढ़ा सकते हैं तथा फिक्स्ड डिपॉजिट ब्याज दरों में भी बदलाव करके इन्हें और आकर्षक बना सकते हैं ताकि लोगों को बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट से अच्छा इनकम मिले और फल स्वरुप बैंकों के पास डिपॉजिट बढ़े.
आपको बताते चलें कि मौजूदा समय में एचडीएफसी बैंक अपने सीनियर सिटीजन ग्राहकों को स्पेशल फिक्स्ड डिपॉजिट के जरिए 7.9% तक का ब्याज मुहैया करा रहा है. अगर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया और वित्त मंत्री के द्वारा दिए गए सुझावों को बड़े प्राइवेट बैंक मानते हैं तो उम्मीद है कि फिर से ब्याज दर है 8% या उससे ऊपर जल्द ही देखने को मिल सकते हैं.