आज के समय में खेती करने वाले किसानों की सबसे बड़ी समस्या पराली है। किसानो की फसल खेत से निकलने के बाद जो पराली बच जाती है जिसको हटाने के लिए किसान बहुत जल्दी करते हैं क्योंकि इसके बाद उनको गेहूं की फसल बनी होती है जिसकी वजह से वह जल्दबाजी में इसको जला करके खत्म कर देते हैं। इस वजह से खेत की उर्वराशक्ति लगातार घटती जाती जा रही है। इसकी वजह से मृदा की ऊपरी परत नष्ट हो जाती है और सूक्ष्मजीव की मृत्यु हो जाती है जिसके कारण उर्वरता घट जाती है।
ऐसे में भूमि के लिए यह बहुत ही हानिकारक साबित होती है। अब ऐसे में पर्यावरण पर बुरा असर भी ना पड़े और इस पराली का भी इंतजाम हो जाए। ऐसा एक आसान तरीका हम आपको बताने जा रहे हैं।
बेस्ट डी कंपोजर
बेस्ट डी कंपोजर एक जैविक उत्पाद होता है जो की पराली को जल्दी से सड़ा करके इसको जैविक खाद में तब्दील कर देता है। को बता दे यह एक कैप्सूल फॉर्म में पाया जाता है इसमें सूक्ष्मजीव मिलते हैं जो पराली को गलाने में बहुत सहायक माने जाते हैं। खेत में इसका इस्तेमाल करने से पराली को जैविक खाद में बदला जा सकता है जो की खेत के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होता है इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है साथ ही पर्यावरण के लिए भी बहुत अच्छा साबित होता है।
आइए जाने इसका इस्तेमाल कैसे करना है
- जब आपके खेत में पराली के कुछ अवशेष बच जाते हैं। तब आपको सुपर सीडर से अच्छे से इसमें जुताई करके मिट्टी में मिलाते है। इसके बाद में पराली धीरे-धीरे सड़ जाती है और जैविक खाद के रूप में बदल जाती है। इसके साथ ही इसे जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और इससे खेत में अवशेषों का प्रबंध भी हो जाता है।
- अगर आप दूसरी तरह से इसको जैविक खाद में बदलना चाहे तो आपको सबसे पहले पराली के अवशेषों को इकट्ठा कर लेना चाहिए और इस पर बेस्ट डी कंपोजर का गोल 5 से 6 बार अच्छे से स्प्रे कर देना चाहिए। इसके बाद एक सप्ताह में पूरी पराली जैविक खाद में तैयार हो जाएगी।
- बेस्ट डी कंपोजर को तैयार करने का बहुत ही आसान तरीका है इसके लिए आपको सबसे पहले 200 लीटर पानी में 3 किलो गुड़ और 500 ग्राम बेसन के साथ दो कैप्सूल बेस्ट डी कंपोजर को डालना है और अच्छे से लकड़ी से मिला लेना है। इसके बाद में आपको इस मिश्रण को चार-पांच दिनों तक छोड़ देना है ताकि गुड़ और बेसन सूक्ष्मजीवों के साथ मिलकर न्यूट्रिएंट कलर मीडियम का कार्य कर सके। इसके बाद में आपको इस गोल को पराली पर तीन से चार बार अच्छे से स्प्रे कर देना है इसके बाद यह एक हफ्ते के अंदर पराली जैविक खाद के रूप में तैयार हो जाएगी।