यूनेस्को यानी United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization, एक विश्व स्तर की संस्था है। ये संस्था विश्वभर में सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर (जिसे मानवता के लिये उत्कृष्ट मूल्य माना जाता है) की पहचान, संरक्षण और सुरक्षा को प्रोत्साहित करने का निरंतर प्रयास करता है। इस आधार पर जो भी विशेष सांस्कृतिक या भौतिक महत्व के कारण जिन स्थलों का चयन होता है।
उन्हें विश्व धरोहर स्थल की सूची (UNESCO World Heritage Sites in India) में जारी कर दिया जाता है। जानकारी दे दें कि विश्व धरोहर स्थलों की सूची को ‘विश्व धरोहर कार्यक्रम’ (World Heritage Programme) द्वारा तैयार किया जाता है। और यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति (World Heritage Committee) इस कार्यक्रम को संचालित करती है।
आज इस लेख के माध्यम से हम आप को भारत के सभी 40 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची /UNESCO World Heritage Sites In India in Hindi के बारे में जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। इसके बारे में जानने के लिए आप लेख को पूरा पढ़ सकते हैं
UNESCO World Heritage Sites in India in Hindi
UNESCO द्वारा हमारे देश भारत में भी बहुत से स्थलों को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में रखा है। आइये जानते हैं हमारे देश के वो कौन-कौन से स्थल हैं ?
क्र. | विश्व धरोहर स्थल | संबंधित राज्य/क्षेत्र | घोषित वर्ष |
1. | आगरा का किला | उत्तर प्रदेश | 1983 |
2. | ताजमहल | उत्तर प्रदेश | 1983 |
3. | अजंता की गुफाएं | महाराष्ट्र | 1983 |
4. | एलोरा की गुफाएं | महाराष्ट्र | 1983 |
5. | कोणार्क सूर्य मंदिर | उड़ीसा | 1984 |
6. | महाबलीपुरम के स्मारक | तमिलनाडु | 1984 |
7. | काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान | असम | 1985 |
8. | मानस राष्ट्रीय उद्यान | असम | 1985 |
9. | केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान | राजस्थान | 1985 |
10. | हम्पी के स्मारक समूह | कर्नाटक | 1986 |
11. | खजुराहो के स्मारक समूह | मध्यप्रदेश | 1986 |
12. | फतेहपुर सीकरी | उत्तर प्रदेश | 1986 |
13. | गोवा के गिरिजाघर एवं कॉन्वेंट | गोवा | 1986 |
14. | एलीफेंटा की गुफाएं | महाराष्ट्र | 1987 |
15. | सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान | पश्चिम बंगाल | 1987 |
16. | पट्टादकल के स्मारक समूह | कर्नाटक | 1987 |
17. | चोल मंदिर | तमिलनाडु | 1987, 2004 |
18. | नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान | उत्तराखंड | 1988, 2005 |
19. | सॉंची के बौद्ध स्तूप | मध्यप्रदेश | 1989 |
20. | हुमायूं का मकबरा | दिल्ली | 1993 |
21. | कुतुबमीनार एवं उसके स्मारक | दिल्ली | 1993 |
22. | भारतीय पर्वतीय रेलवे, दार्जिलिंग | विभिन्न भारतीय राज्य | 1999, 2005, 2008 |
23. | बोधगया का महाबोधि मंदिर | बिहार | 2002 |
24. | भीमबेटका की गुफाएं | मध्यप्रदेश | 2003 |
25. | छत्रपति शिवाजी टर्मिनस | महाराष्ट्र | 2004 |
26. | चंपानेर – पावागढ़ पुरातत्व उद्यान | गुजरात | 2004 |
27. | लाल किला | दिल्ली | 2007 |
28. | जंतर – मंतर, जयपुर | राजस्थान | 2010 |
29. | पश्चिमी घाट | महाराष्ट्र, गोवा, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल | 2012 |
30. | राजस्थान के पहाड़ी दुर्ग | राजस्थान | 2013 |
31. | ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान | हिमालय प्रदेश | 2014 |
32. | रानी की वाव | गुजरात | 2014 |
33. | नालंदा विश्वविद्यालय | बिहार | 2016 |
34. | कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान | सिक्किम | 2016 |
35. | ली. कार्बुजिए के वास्तुशिल्प | चंडीगढ़ | 2016 |
36. | अहमदाबाद के एतेहासिक शहर | गुजरात | 2017 |
37. | मुंबई के विक्टोरियन ओर आर्ट डेको एनसेंबल | महाराष्ट्र | 2018 |
38. | गुलाबी शहर जयपुर | राजस्थान | 2019 |
39. | रामप्पा मंदिर | तेलंगाना | 2021 |
40. | धोलावीरा | गुजरात | 2021 |
यहाँ जानिये भारत के यूनेस्को विश्व धरोहर
भारत में वर्तमान में कुल 40 यूनेस्को विश्व धरोवर स्थल हैं। इस लेख में हम आप को इन सभी 40 यूनेस्को विश्व धरोवर स्थलों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
आगरा का किला (Laal Kila )
- उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित ये किला प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल है। जिसका निर्माण सिकरवार वंश के शासकों द्वारा करवाया गया है।
- लाल किले का निर्माण लाल बलुआ पत्थरों से किया गया है।
- Lal Kila पर सिकरवार वंश के बाद 1080 ई. में मोहम्मद गजनवी, दिल्ली सल्तनत के प्रथम शासक मोहम्मद सिकंदर लोदी (1504 ई.), 1517 ई. में सिकंदर लोदी की मृत्यु पश्चात उनके पुत्र इब्राहिम लोदी ने भी अपना आधिपत्य स्थापित किया। इसके बाद मुग़लों ने यहाँ से अपना शासन चलाया।
- मुग़ल सामाज्य के प्रसिद्द शासक शाहजहां द्वारा इस किले को वर्तमान में मौजूद लाल किले का रूप दिया।
- इस किले में शाहजहाँ द्वारा निर्मित जहाँगीर महल और खास महल मौजूद हैं।
- आगरा के लाल किले को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल की सूची में सन् 1983 में शामिल किया गया था।
अजंता की गुफाएं (Ajanta caves):
- अजंता की गुफाएं महाराष्ट्र राज्य में हैं। औरंगाबाद के पास बहने वाली नदी ‘वाघोरा’ के पास सह्याद्रि पर्वतमाला (पश्चिमी घाट) है। जहाँ ये रॉक-कट गुफाओं की एक शृंखला के तौर पर हैं, जिन्हें Ajanta Caves के रूप में जाना जाता है।
- अजंता की गुफाओं की कुल संख्या 29 हैं। ये गुफाएं बौद्ध धर्म से संबंधित हैं।
- इन गुफाओं को बौद्ध धर्म की शिल्पकारी का एक उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है
- इन पर की गयी कारीगरी एक उत्कृष्ट नमूना है जो बौद्ध धर्म के धार्मिक मान्यताओं एवं संस्कृति का जीवंत चित्रण का उदाहरण है।
- इन 29 गुफाओं में से 25 का उपयोग आवासीय गुफाओं या विहार हेतु और बाकी की 4 गुफाओं को चैत्य या प्रार्थना कक्ष के तौर पर उपयोग किया जाता था।
- माना जाता है कि इन गुफाओं का निर्माण और विकास 200 ई.पू. से 650 ईस्वी के मध्य हुआ था।
ताज महल (Taj Mahal)
- उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित ताज महल दुनिया के सात अजूबों में से भी एक माना जाता है।
- इसे मुग़ल सम्राट शाहजहाँ द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनाया था।
- ताज महल यमुना नदी के तट पर स्थित सफ़ेद संगमरमर से बना मकबरा है जिसे देखने लोग दूर-दूर से आते हैं।
- Taj Mahal को 17 वर्षों की अवधी में पूरा किया गया। इसका निर्माण वर्ष 1631 से लेकर वर्ष 1648 तक पूरा हुआ था।
- ये अपने अद्वितीय बनावट और स्वरूप के लिये प्रसिद्ध है।
- इस धरोहर का निर्माण की वास्तुशैली फारसी, तुर्की, इस्लामी और भारतीय वास्तुकला का सम्मिलित उदाहरण है।
- यूनेस्को द्वारा सन् 1983 में ताजमहल को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया ।
एलोरा की गुफाएं
- ये गुफाएं महाराष्ट्र में के औरंगाबाद में स्थित है।
- ये भारतीय पुरातात्विक स्थल है जिनका निर्माण राष्ट्रकुट वंश के शासकों द्वारा करवाया गया था।
- एलोरा की गुफाएं भारतीय पाषाण शिल्प स्थापत्य कला का बेहतरीन नमूना है।
- कुल 34 गुफाएं हैं – जिनमे से 12 बौद्ध गुफाएं, 17 हिंदू गुफाएं और 5 जैन गुफाएं मौजूद है।
- प्रसिद्ध एलोरा का कैलाशनाथ मंदिर भी यहीं गुफाओं में स्थित हैं।
- एलोरा की गुफाएं हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म को समर्पित है जिसे वर्ष 1983 में ङेस्क द्वारा विश्व धरोहर स्थल की श्रेणी में डाला था।
कोणार्क सूर्य मंदिर, उड़ीसा
- कोणार्क सूर्य मंदिर को वर्ष 1984 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की श्रेणी में रखा गया था।
- ये सूर्य मंदिर बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है जो कि भगवान सूर्य के रथ का एक विशाल प्रतिरूप है।
- कोणार्क सूर्य मंदिर ओडिशा के पुरी ज़िले में स्थित है, जिस का निर्माण 13वीं शताब्दी में गंग वंश के शासक नरसिंह देव प्रथम ने करवाया था।
- भगवान सूर्य के रथ को देखने पर आप पाएंगे कि 24 पहियों को प्रतीकात्मक डिज़ाइनों से सजाया गया है और सात घोड़ों द्वारा इस रथ को खींचते हुए दर्शाया गया है।
- इस मंदिर के निर्माण हेतु लाल रंग के बलुआ पत्थरों और ग्रेनाइट पत्थरों का उपयोग किया गया है।
- इसे कलिंग शैली में बनाया गया है।
महाबलीपुरम के स्मारक समूह
- महाबलीपुरम के स्मारक के समूह तमिलनाडु राज्य में स्थित हैं।
- इसका निर्माण / स्थापना पल्लव राजाओं द्वारा 7वीं और 8वीं शताब्दी में की गयी है। ये मंदिर बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट पर है।
- मंदिरों का निर्माण चट्टानों को तराश कर बनाया गया है।
- इन में गुफा मंदिरों की श्रृंखला में ‘अर्जुन की तपस्या’ (Arjuna’s Penance) या ‘गंगा का अवतरण’ (Descent of the Ganges) और शोर मंदिर (Shore Temple) अधिक लोकप्रिय हैं।
- इस शहर को सप्त पैगोडा के रूप में भी जाना जाता था. ऐसा इसलिए क्यूंकि इन स्मारकों में एकाश्म मंदिर, सात मंदिरों के अवशेष, और पाँच रथ शामिल हैं।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
- ये एक राष्ट्रीय उद्यान है जो आंशिक रूप से असम राज्य के गोलाघाट और नागांव जिले में स्थित है। ये सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है।
- यह राष्ट्रीय उद्यान लगभग 430 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। जिसमें नदी और दक्षिण में कार्बी आंगलोंग पहाड़ियों को भी शामिल किया गया है।
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन् 1904 में ब्रिटिश सरकार द्वारा की गई थी ।
- Kaziranga National Park एक सींग वाले गैंडे के लिए जाना जाता है। इस उद्यान में एक सींग वाले गैंडे की सबसे अधिक आबादी है। ईसिस वजह से सन् 1984 में यूनेस्को द्वारा इस राष्ट्रीय उद्यान को विश्व धरोहर की श्रेणी में डाला है।
मानस राष्ट्रीय उद्यान / मानस वन्यजीव अभयारण्य (1985)
- मानस वन्यजीव अभयारण्य वर्ष 1985 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में जोड़ा गया था।
- ये अभ्यारण असम में स्थित एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव अभ्यारण्य है, जिसकी स्थापना वर्ष 1990 में हुई थी।
- वन्य जीव अभ्यारण्य के साथ-साथ बाघ एवं हाथी आरक्षित क्षेत्र भी है (मानस टाइगर रिज़र्व का हिस्सा है )
- एक जैव विविधता हॉटस्पॉट है, जो मानस नदी के साथ फैला भी है।
- फारेस्ट हिल, जलोढ़ घास के मैदान और इस स्थल के सुंदरता और शांत वातावरण का कारण उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों की एक शृंखला है।
- यहाँ कई प्रकार की लुप्तप्राय प्रजातियों जैसे- बाघ, एक सींग वाला राइनो, स्विप डियर दलदली हिरण (Swamp Deer), पिग्मी हॉग (Pygmy Hog) और बंगाल फ्लोरिकन (Bengal Florican) को रहने के लिये वातावरण प्रदान कराया जाता है।
केवलादेव राष्ट्रिय उद्यान
- केवला राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित है। जो कि विश्व के प्रसिद्ध पक्षी अभ्यारण में से एक है
- 1982 में इसकी स्थापना हुई और यूनेस्को द्वारा इस राष्ट्रीय उद्यान को सन् 1985 मे विश्व विरासत स्थल घोषित किया
- यह राजस्थान राज्य में स्थित एक वेटलैंड है जिसका उपयोग 19वीं शताब्दी के अंत तक बतख शूटिंग रिज़र्व के रूप में किया जाता रहा है। हालाँकि जल्द ही इसमें शिकार को प्रतिबंधित कर दिया गया और वर्ष 1982 में इस क्षेत्र को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया।
- यह राष्ट्रीय उद्यान 375 पक्षी प्रजातियों और विभिन्न अन्य प्रकार के जीवों का निवास स्थल है। यह पलैरेटिक प्रवासी जलपक्षी (Palaearctic Migratory Waterfow), गंभीर रूप से लुप्तप्राय साइबेरियन क्रेन (Siberian Crane) के साथ-साथ विश्व स्तर पर संकटग्रस्त ग्रेटर स्पॉटेड ईगल (Greater Spotted Eagle) और इंपीरियल ईगल (Imperial Eagle) के लिये शीतकालीन आश्रय प्रदान करने का कार्य करता है।
- यह गैर-प्रवासी प्रजनन पक्षियों का हर वर्ष बड़ी संख्या में स्वागत करता है।
हम्पी के स्मारक समूह
- हम्पी के स्मारक समूहों को विश्व धरोहर स्थल की सूची/ UNESCO World Heritage Sites में सन 1986 में शामिल किया गया था। इस स्थल को विजयनगर राज्य की आखरी राजधानी थी।
- Hampi के mandir कर्नाटक राज्य में तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है।
- हम्पी के मदिर को तत्कालीन शासकों द्वारा 14वीं और 16वीं शताब्दी के मध्य बनवाया गया था।
- इन मंदिरों को उनकी पुष्प अलंकरण, बड़ी विमाओं, विशाल खम्भों, स्पष्ट नक्काशी, भव्य मंडपों एवं मूर्ति कला तथा पारंपरिक चित्र निरुपण के लिये जाना जाता है।
- जिसमें रामायण और महाभारत के विषय शामिल किये गए हैं।
फतेहपुर सीकरी
- फतेहपुर सिकरी उत्तर प्रदेश में स्थित है जिसे मुग़ल सम्राट अकबर ने 16वीं शताब्दी में बसाया था।
- एक समय पर इसे छोटी अवधी के लिए इसे साम्राज्य की राजधानी भी बनाया गया था।
- फतेहपुर सीकरी मस्जिद हिंदू और पारसी वास्तुकला का एक सम्मिलित उदाहरण है।
- इस स्थल पर मशहूर बड़े मस्जिदों में से जामा मस्जिद व अन्य स्मारक भी यहाँ स्थित हैं।
- स्मारकों की सूची में आंख मिचौली, दीवान-ए-खास, बुलंद दरवाजा, शाही मसजिद पंच महल, ख्वाबगाह, जौधा बाई का महल, अनूप तालाब आदि प्रमुख हैं।
गोवा के गिरिजाघर व कॉन्वेंट (मठ)
- गोवा के गिरिजाघर व कॉन्वेंट दक्षिण भारत में गोवा के पणजी में स्थित हैं, जिन का निर्माण 16वीं शताब्दी में किया गया था।
- Goa Church पुर्तगाली गोथिक शैली में किया गया है, जो कि विशेष रूप से बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस (Basilica of Bom Jesus) एशिया में ईसाई धर्म प्रचार के प्रारंभ का संकेत देते हैं।
- बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस में सेंट फ्राँसिस जेवियर की पवित्र कब्र है सेंट फ्रेंसिस ज़ेवियर और सेंट कैथेड्रल के मकबरे भी हैं।
- इन स्मारकों को एशिया के प्रमुख हिस्सों में मैनुअलिन (Manueline), मैननर (Mannerist) और बारोक (Baroque) कला के प्रसार के लिये जाना जाता है।
सांची के बौद्ध स्तूप
- साँची का बौद्ध स्मारक मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है , जैसा की नाम से ही समझ सकते हैं कि ये बौद्ध धर्म से संबंधित हैं।
- वर्तमान में यही बौद्ध अभयारण्य है जो सबसे पुराना अभ्यारण है जो अभी भी अस्तित्व में है। ये 12वीं शताब्दी तक भारत में एक प्रमुख बौद्ध केंद्र था।
- साँची स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक द्वारा कराया गया है जबकि बाद में अग्निमित्र शुंग ने इस स्तूप को फिर से जीर्णोद्धार किया गया। और इसे बड़ा और विशाल रूप दिया।
- साँची के बौद्ध स्मारकों के स्तंभों, प्रासादों, मंदिरों और मठों का निर्माण अलग-अलग राज्यों द्वारा (अधिकांश पहली और दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में) किया गया है।
- बताते हैं कि यहाँ भगवान महात्मा बुद्ध के कुछ अवशेष रखे हैं और देश के सबसे संरक्षित क्षेत्रों में से एक है।
- 1989 में इसे यूनेस्को की विश्व विरासत सूची UNESCO World Heritage Sites में शामिल कर लिया गया।
एलीफेंटा की गुफाएं
- एलीफेंटा को घारापुरी की गुफाएं के नाम से भी जाना जाता है। जो महाराष्ट्र में गेटवे ऑफ़ इंडिया से 10 किलोमीटर दूर , मुंबई में स्थित हैं।
- एलीफेंटा द्वीप किसी समय कोंकणी मौर्यों की द्वीपीय राजधानी थी।
- घारापुरी गुफाओं का निर्माण 5वीं और सातवीं शताब्दी में किया गया था। गुफाओं की कुल संख्या 7 है।
- यहाँ की गुफाओं में 7 में से 5 गुफाओं में हिन्दू और बाकि 2 में बौद्ध धर्म का साक्ष्य मिलता है।
- इन में मुख्य गुफा में कुल 26 स्तम्भ हैं जहाँ शिव की अनेक रूपों का वर्णन करती मूर्तियां हैं
- यहाँ शैव पंथ से जुड़ी शिल्प कला का संग्रह है। इसे 1987 में यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया था।
- ये गुफाओं में पहाड़ों को काटकर की गई कारीगरी दक्षिण भारतीय मूर्तिकला अद्भुत नमूना है।
सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान
- सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के सुंदरवन डेल्टा में स्थित है।
- यह राष्ट्रीय उद्यान विश्व में बंगाल बाघ के सबसे बड़े भंडारों में से एक है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान की राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1984 में हुई थी।
- यहां 400 से ज्यादा बंगाल बाघ पाए जाते हैं बाघों के साथ ही ये पक्षियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।
- यह राष्ट्रीय उद्यान पश्चिमी घाट भारत के पश्चिमी तट के समानांतर एक पर्वत शृंखला है जिसका विस्तार केरल, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों में है।
- पश्चिमी घाट उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों के साथ-साथ विश्व स्तर पर 325 संकटग्रस्त प्रजातियों का निवास स्थल भी है।
खजुराहो के स्मारक समूह
- खजुराहो मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। जो कि जैन धर्म और हिंदू धर्म के स्मारकों का समूह है।
- इनका निर्माण चंदेल राजवंश द्वारा 10वीं और 11वीं शताब्दी में किया गया था।
- बताया जाता है कि खजुराहो के स्मारकों की कुल संख्या 85 है जिनमे से मात्र 25 मंदिर ही वर्तमान में शेष हैं।
- जिनमें कंदरिया महादेव का मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
- नागर शैली में बने ये मंदिर समूह स्थापत्य कला और मूर्ति कला का बेहतरीन उदाहरण हैं।
पट्टदकल के स्मारक समूह
- पट्टदकल के स्मारक समूह कर्नाटक में स्थित है।
- बादामी के चालुक्य राजवंश द्वारा बनवाए गए ‘बेसर शैली’ के मंदिरों को 7वीं और 8वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया है।
- यहाँ कुल निर्मित 10 प्रमुख मंदिर हैं। जिन में से नौ शिव मंदिर और एक जैन मंदिर है।
- इन मंदिरों में से ‘विरूपाक्ष का मंदिर’ सर्वाधिक प्रसिद्ध है।
- बताते हैं कि यह मंदिर रानी लोकमहादेवी द्वारा काँची के पल्लवों पर अपने पति की विजय के उपलक्ष्य में 7वीं – 8वीं शताब्दी के मध्य बनवाया था।
- इस स्मारक का प्रारंभिक निर्माण नागर शैली में किया था लेकिन इसका अधिकाँश निर्माण निर्माण द्रविड़ शैली में हुआ है।
- पट्टदकल के स्मारक समूह को वर्ष 1987 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था।
महान चोल मंदिर
- चोल मंदिर चोल शासकों द्वारा 11वीं और 12वीं शताब्दी में बनाये गए हैं।
- इसमें तीन प्रसिद्द मंदिर हैं – तंजावुर के बृहदेश्वर मंदिर, गंगाईकोंडचोलिसवरम के मंदिर, और दरासुरम में ऐरावतेश्वर मंदिर शामिल हैं।
- ये दक्षिण भारतीय हिस्से में बसे तमिलनाडु में स्थित हैं।
- ये मंदिर वास्तुकला, मूर्ति कला, पेंटिंग और कांस्य ढलाई (Bronze Casting) में चोलों की सटीकता तथा पूर्णता को प्रकट करते हैं।
- इन्हे द्रविड़ शैली में बनया गया है।
- सन् 1987 में यूनेस्को द्वारा तंजावुर के बृहदेश्वर मंदिर को विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया। वही वर्ष 2004 में गंगाईकोंडचोलिसवरम के मंदिर, और दरासुरम के ऐरावतेश्वर मंदिर को भी इस सोची में स्थान दिया गया।
नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान
- भारत के उत्तराखंड राज्य में ये दोनों ही राष्ट्रीय उद्यान नंदा देवी पर्वत माला के समीप (राज्य में असाधारण रूप से उच्च ऊँचाई वाले पश्चिम हिमालयी क्षेत्र) स्थित हैं।
- नंदा देवी उद्यान को वर्ष 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया। इसके कुछ दूरी पर स्थित फूलों की घाटी है। इन दोनों ही राष्ट्रीय उद्यानों को संयुक्त रूप से नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व कहा जाता है।
- यूनेस्को द्वारा सन् 1988 में इस संयुक्त क्षेत्र को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया।
- Nanda Devi National Park के अंतर्गत भारत के दुसरे सबसे ऊंचा पर्वत शिखर नंदा देवी भी स्थित है।
- फूलों की घाटी में अल्पाइन फूलों के विभिन्न प्रकार देख सकते हैं।
- फूलों की अनेक प्रजातियों के साथ साथ अन्य जीवों की प्रजातियां भी पायी जाती है।
- यही नहीं विश्व स्तर पर संकटग्रस्त प्रजातियों में शामिल स्नो लेपर्ड (Snow Leopard), हिमालयन मस्क डियर (Himalayan Musk Deer) आदि की भी अच्छी खासी महत्वपूर्ण आबादी भी है।
हुमायूं का मकबरा
- Humayun’s Tomb / हुमायूं का मकबरा वर्ष 1570 – 72 में निर्मित किया गया था।
- भारत में ये पहला उद्यान मकबरा था जिसका अपना ही सांस्कृतिक महत्व है।
- नई दिल्ली के पुराने किले के निकट मथुरा मार्ग के समीप स्थित हुमायूँ का मकबरा मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
- इस मकबरे का निर्माण मुगल सम्राट हुमायूं की मृत्यु पश्चात उनकी विधवा पत्नी हमीदा बानो बेगम की आज्ञा से बनवाया गया था।
- यह मकबरा ताजमहल सहित कई अन्य वास्तुशिल्प नवाचारों के लिये प्रेरणा स्रोत था
- भारत में बनाया गया ये पहला मकबरा था जिसे बनाने में बड़े पैमाने पर लाल बलुआ पत्थरों का उपयोग किया गया था।
- निर्माण की शैली चारबाग़ है जिसे यूनेस्को द्वारा वर्ष 1993 में इसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल है।
कुतुबमीनार एवं उसके स्मारक
- यूनेस्को द्वारा वर्ष 1993 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।
- क़ुतुब मीनार व इसके स्मारक दिल्ली के लाल कोट में स्थित है, जिस का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक के समय में प्रारंभ किया गया था।
- इसकी ऊँचाई 72.5 मीटर और आधार का व्यास क्रमशः 14.32 मीटर और 2.75 मीटर है।
- कुतुबुद्दीन ऐबक के समय में प्रारंभ होकर ये पूरी तरह से इल्तुतमिश के समय में तैयार हुआ।
- क़ुतुब मीनार का बहुत बार जीर्णोद्धार हुआ सन् 1211 से 1236 में इल्तुतमिश ने , 1296 से 1316 के मध्य अलाउद्दीन खिलजी द्वारा इसे फिर से निर्मित कर इसे और विस्तारित किया गया।
- इस के अलावा वर्ष 1326 और 1368 में बिजली गिरने के चलते ये ईमारत क्षतिग्रस्त हुई जिसे फिरोज़ शाह तुगलक द्वारा जीर्णोद्धार किया गया था।
- एक बार फिर से 1503 सिकंदर लोदी ने इस इमारत के ऊपर के मंजिलों का जीर्णोद्धार किया।
- यहाँ से प्राप्त स्मारकों में प्रमुख हैं- चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य (द्वितीय) का लौह स्तंभ, अली दरवाज़ा, कुव्वतुल इस्लाम मस्जिद आदि।
जंतर- मंतर, जयपुर
- जंतर मंतर राजस्थान के जयपुर में स्थित है, जो कि एक खगोलीय वेधशाला है।
- इस के निर्माण का उद्देश्य खगोलीय स्थितियों के अवलोकन करने के लिए 17वीं – 18वीं शताब्दी में बनाया गया था।
- UNESCO विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल इस वैधशाला का निर्माण महाराजा जयसिंह द्वितीय ने सन् 1724 ईसवी में करवाया था।
- ऐसे ही अन्य वेधशाला का निर्माण जयपुर के अलावा चार और स्थानों – दिल्ली, वाराणसी, मथुरा और उज्जैन में भी करवाया गया था।
- इस साइट में 20 मुख्य उपकरणों का एक सेट स्थापित किया गया था जिस से ग्रहों की स्थिति और चाल का सटीक अवलोकन किया जा सके।
- ये भारतियों द्वारा मुगल काल में पुनर्जीवित खगोलीय कौशल और ज्ञान की अभिव्यक्ति है।
- जंतर-मंतर का निर्माण हिंदू और मुस्लिम खगोलशास्त्रियों के बीच छिड़ी बहस को खत्म करने के लिए किया गया था ।
भारतीय पर्वतीय रेलवे
- भारत के पर्वतीय रेलवे के अंतर्गत तीन रेलवे विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है।
- ये तीनों ही रेलवे देश के विभिन्न राज्यों के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित हैं – दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, कालका-शिमला रेलवे और नीलगिरि पर्वतीय रेलवे
- यहाँ जानिए इन तीनों रेलवे के बारे में –
- दार्जिलिंग पर्वतीय रेलवे: यह रेलवे पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित हैं। Darjeeling Himalayan Railway पहाड़ी रेलवे का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है। इसकी स्थापना ब्रिटिश सरकार द्वारा वर्ष 1881 में शुरू किया गया है जो पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच संचालित की जाती है। “Toy Train” के नाम से मशहूर इस पर्वतीय रेलवे को वर्ष 1999 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था ।
- नीलगिरि पर्वतीय रेलवे: इस रेलवे लाइन की शुरुआत 1891 में हुई थी और 1908 तक पूरी हुई। यह तमिलनाडु में स्थित नीलगिरि पहाड़ियों पर स्थित 46 किलोमीटर लंबी एक सिंगल रेलवे ट्रैक है जिसे वर्ष 2005 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया था।
- कालका-शिमला रेलवे: यह रेलवे 96.6 किलोमीटर लम्बी सिंगल ट्रैक वर्किंग रेल लिंक है जिसे शिमला को जोड़ने के उद्देश्य के साथ 19वीं शताब्दी के मध्य में बनाया गया था। ये रेलवे लाइन हिमाचल प्रदेश में स्थित है। हिमाचल प्रदेश के कालका और शिमला पहाड़ियों के बीच चलने वाली ये पर्वतीय रेलवे वर्ष 2008 में यूनेस्को की UNESCO World Heritage Sites में शामिल की गयी है।
महाबोधि मंदिर परिसर, बोधगया (2002)
- Bodhgaya में स्थित महाबोधि मंदिर बिहार राज्य में स्थित विश्व धरोहर स्थलों में से एक है।
- इस मंदिर का निर्माण चक्रवर्ती सम्राट अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में कराया गया था।
- हालाँकि वर्तमान में स्थित इस मंदिर का निर्माण 5वीं या 6वीं शताब्दी में ( अनुमान के अनुसार ) में कराया गया माना जाता है।
- इसे सबसे प्राचीनतम बौद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। ये पूरी तरह से ईंटों से निर्मित किया गया है।
- यह मंदिर बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध को समर्पित है
- भगवान् बुद्ध के जीवन से संबंधित चार पवित्र स्थलों में से एक महाबोधि मंदिर परिसर को माना जाता है।
- यहाँ भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी जहाँ वर्तमान में मंदिर में महात्मा बुद्ध की एक बड़ी प्रतिमा स्थापित है।
भीमबेटका की गुफाएं / शैल आवास
- भीम बेटका के शैल आवास या गुफाएं मध्य प्रदेश राज्य में रायसेन जिले में अब्दुलागंज के समीप ‘रातापानी वन्यजीव अभयारण्य’ में स्थित है।
- बताते हैं कि ये पुरापाषाण काल का एक पुरास्थल है।
- इन स्थलों की खोज 1975 में ‘विष्णु श्रीधर वाकणकर’ नाम के व्यक्ति द्वारा की गयी थी।
- यह स्थल आदि मानव द्वारा बनाए गए शैलाचित्रों के लिए प्रसिद्ध है।
- यहाँ प्राप्त 700 से अधिक शैलाश्रयों में से 400 शैलाश्रय चित्रों द्वारा सज्जित हैं।
- इसे भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन का प्राचीनतम साक्ष्य माना जा सकता है।
- इस क्षेत्र को भारत के पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग द्वारा अगस्त 1990 में राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया और इसके बाद वर्ष 2003 में यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Sites) घोषित किया गया ।
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल (विक्टोरिया टर्मिनल)
- विक्टोरिया टर्मिनल यानी वर्तमान का छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में स्थित एक ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन है।
- ये छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल भारत सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन में से एक माना जाता है। और साथ ही इसे मुंबई की पहचान भी कहा जाता है।
- हमारे देश में विक्टोरिया युगीन गोथिक वास्तुकला (Victorian Gothic शैली ) का विकास भारत के पारंपरिक वास्तुकला के साथ मिलकर हुआ है।
- इस इमारत को डिज़ाइन करने का श्रेय ब्रिटिश वास्तुकार वास्तुकार एफ. डब्लू. स्टीवंस को जाता है।
- इस टर्मिनल का निर्माण कार्य वर्ष 1878 में शुरू हुआ जो 10 वर्षों में बनकर तैयार हुआ था। मध्ययुगीन इतालवी मॉडलों पर आधारित एक उच्च विक्टोरियन गोथिक (High Victorian Gothic) डिज़ाइन के अनुसार इसे तैयार किया गया है।
- इस वास्तुकला के तहत बनी इमारतों के गुंबद, बुर्ज, नुकीले मेहराब आदि पारंपरिक भारतीय महल वास्तुकला से मिलते-जुलते हैं।
- इस स्टेशन को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का गौरव 2 जुलाई 2004 को प्रदान किया गया था।
चम्पानेर-पावागढ़ पुरातत्त्व उद्यान (2004)
- चंपानेर -पावागढ़ पुरातत्व उद्यान भारत के गुजरात राज्य के पंचमहल जिले में स्थित है।
- पावागढ़ पुरातत्व उद्यान में वृहद स्तर पर भारतीय पुरातात्विक, ऐतिहासिक और जीवंत संस्कृतिक धरोहर स्थित है और इसी वजह से यूनेस्को द्वारा वर्ष 2004 में इस उद्यान को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया ।
- पावागढ़ किले का निर्माण 15वीं शताब्दी में चौहान राजपूतों के द्वारा किया गया था।
- ये एक पुरातत्व उद्यान है, प्रागैतिहासिक काल में बनाए गए प्रारंभिक हिंदू राजधानी का एक पहाड़ी किला और 16वीं शताब्दी में निर्मित गुजरात राज्य की राजधानी के अवशेष हैं।
- 8वीं से 14वीं शताब्दियों के बीच के इन अवशेषों में धार्मिक इमारतें, महल, आवासीय परिसर, कृषि आदि अवसंरचानाएँ भी शामिल हैं।
- पावागढ़ पहाड़ी की चोटी पर स्थित कालिकामाता का मंदिर, एक महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थल माना जाता है।
- यह स्थल एकमात्र पूर्ण और अपरिवर्तित इस्लामिक पूर्व-मुगल शहर है।
राजस्थान के पहाड़ी दुर्ग
- राजस्थान में अनेक दुर्ग / किले हैं लेकिन इस धरोहर स्थल में राजस्थान के चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर, कुंभलगढ़, जैसलमेर, जयपुर और झालावाड़ में स्थित छह राजसी किले शामिल हैं। जो निम्न हैं –
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग, चित्तौड़गढ़
- गागरोन दुर्ग, झालावाड़
- आमेर दुर्ग, जयपुर
- कुम्भलगढ़ दुर्ग, कुम्भलगढ़
- रणथंबोर दुर्ग, सवाई माधोपुर
- जैसलमेर दुर्ग, जैसलमेर
- 8वीं से 18वीं शताब्दी तक के राजपूत शासन की जीवन-शैली और प्रकृति को इन सभी किलों की उपस्थिति दर्शाती है।
- यह किलेबंदी शहरी केंद्रों, महलों, व्यापारिक केंद्रों और मंदिरों के चारों तरफ है, जहाँ कला और संस्कृति के विभिन्न रूपों का विकास हुआ है।
- वर्ष 2013 में यूनेस्को द्वारा राजस्थान के इन पहाड़ी दुर्गों को UNESCO World Heritage Sites In India में शामिल किया है।
पश्चिमी घाट
- यूनेस्को द्वारा पश्चिमी घाट यानी अरब सागर के तट पर स्थित जैव विविधता से भरपूर पहाड़ों को विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया गया है।
- पश्चिमी घाटों पर अनेकों पहाड़ शामिल हैं, जिन में से लगभग 39 पहाड़ों एवं स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।
- इन पश्चिमी घाटों पर स्थित 39 पहाड़ियों में से 20 केरल में , 10 कर्नाटक में, 5 तमिलनाडु में और 4 महाराष्ट्र में स्थित हैं।
- यहाँ पश्चिमी घाट की पहाड़ियां जिन्हे विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया गया है। जैसे की –
- अन्नामलाई की पहाड़ियां,
- पेरियार की पहाड़ियां,
- नीलगिरी की पहाड़ियां,
- कुदरेमुख की पहाड़ियां,
- तलाकावेरी की पहाड़ियां,
- सहयात्री की पहाड़ियां आदि
रानी की वाव
- रानी की वाव यानी बावड़ी गुजरात के पाटण में स्थित है।
- एक प्रसिद्ध बावड़ी अर्थात सीढ़ीदार कुऑं है इस बावड़ी का निर्माण सन् 1063 में कराया गया था।
- गुजरात के सोलंकी राजा भीमदेव प्रथम की स्मृति में उनकी प्रथम पत्नी रानी उदयामति ने वर्ष 1050 में इसका सरस्वती नदी के किनारे निर्माण करवाया था।
- भारतीय उप-महाद्वीप में भूमिगत जल स्रोत एवं संग्रहण प्रणालियों हेतु सीढ़ीदार कुएँ का निर्माण करना, विशेष तरीका रहा है
- इसमें मारू-गुर्जर स्थापत्य शैली का उपयोग किया गया है जिसे 3,000 ई. पू. बनाया जाता रहा है।
- रानी की वाव 20 मीटर चौड़ा 64 मीटर लंबा और 27 मीटर गहरा है।
- 22 जून 2014 को इस बावड़ी को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
नालंदा विश्विद्यालय
- Nalanda Vishwavidyalaya वर्ष 2016 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची (UNESCO World Heritage Sites In India) में शामिल किया गया
- नालंदा विश्वविद्यालय बिहार राज्य के राजगीर में स्थित है जो कि प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का विश्वविख्यात केंद्र था।
- इस विश्वविद्यालय का निर्माण कराने का श्रेय महान गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम को जाता है।
- यह मूल रूप से एक बौद्ध विश्वविद्यालय था, यहाँ बौद्ध धर्म के भग्नावशेष मिले हैं। हालाँकि इस विश्वविद्यालय में बौद्ध धर्म के साथ ही साथ दूसरे अन्य धर्मों के छात्र भी पढ़ते थे।
- अलेक्जेंडर कनिंघम के द्वारा इस विश्वविद्यालय की खोज की गयी।
कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान, सिक्किम
- वर्ष 2016 में इस कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची (UNESCO World Heritage Sites In India) में शामिल किया गया है।
- कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान सिक्किम में स्थित है, जिस की स्थापना वर्ष 1977 में की गई थी।
- यह विश्व की तीसरी सबसे ऊँची चोटी कही जाने वाली माउंट खांग्चेंडज़ोंगा ( Mount Khangchendzonga) विद्यमान है।
- इस पार्क में बर्फ से ढकी पहाड़ियाँ और विभिन्न झीलें और ग्लेशियर भी हैं, जिसमें ज़ेमू ग्लेशियर भी शामिल है जिसकी लम्बाई 26 किलोमीटर है और जो माउंट खांग्चेंडज़ोंगा के आधार पर स्थित है।
- लगभग 25% सिक्किम राज्य के हिस्से को कवर करते हुए कंचनजंगा पार्क का संपूर्ण क्षेत्रफल 1784 वर्ग किलोमीटर है।
- में विभिन्न स्थानीय और संकटग्रस्त पेड़ पौधे और पशुओं की प्रजातियों के लिये रहने योग्य वातावरण सुनिश्चित करता है।
- जानवर जैसे – हिम तेंदुए, काले भालू, कस्तूरी मृग, जंगली गधा और लाल पांडा आदि की प्रजाति यहाँ पायी जाती है।
ली कार्बुजिए के वास्तुशिल्प
- UNESCO द्वारा वर्ष 2016 मेंली कार्बुजिए के वास्तुशिल्प को विश्व धरोहर स्थलों की सूच्ची में में डाला था।
- इस वास्तुकला की शुरुआत प्रसिद्द स्विस-फ्रेंच आर्किटेक्ट ली कार्बूजियर (Le Corbusier)द्वारा की गयी थी।
- इस वास्तुकला की धरोहर में शामिल 7 देशों में फैले 17 स्थल हैं, जिनमें आधुनिक स्थापत्य शैली की अभिव्यक्ति को देखा जाता है।
- इस स्थापत्य कला द्वारा भीड़ भरे शहरों में लोगों को बेहतर आवासीय सुविधाएँ प्रदान करने के लिये इमारतों में अपार्टमेंट और मोड्यूलर डिज़ाइन की शुरुआत की गई थी।
- ली कार्बूजियर द्वारा चंडीगढ़ में कॉम्पलेक्स के अलावा भी बहुत कुछ डिज़ाइन किया है –
- गवर्मेंट म्यूजियम एवं आर्ट गैलरी,
- चंडीगढ़ आर्किटेक्चर कॉलेज आदि का भी डिज़ाइन तैयार किया है।
ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान
- Great Himalayan National Park हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है।
- ये देश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और विश्व विरासत स्थलों में से एक है जिसे वर्ष 1999 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया है।
- हिमालय के पहाड़ों के पश्चिमी भाग में स्थित ये पार्क इन वजहों से जाना जाता है –
- उच्च अल्पाइन चोटियों,
- अल्पाइन घास के मैदानों और
- नदी के साथ स्थित जंगलों के लिये जाना जाता है।
- इतना ही नहीं यह सम्बंधित कई नदियों और साथ ही उनके जल ग्रहण क्षेत्र और ग्लेशियर से भी घिरा हुआ है।
- जैव विविधता की दृष्टि से देखें तो ये एक हॉटस्पॉट क्षेत्र है। इस में 25 प्रकार के जंगल एवं कई प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि इनमें से कई संकटग्रस्त की श्रेणी में आते हैं।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में –
- 800 प्रकार के पौधे,
- लगभग 25 प्रकार के वन और
- 185 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 2014 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया ।
अहमदाबाद के ऐतिहासिक शहर
- ये ऐतिहासिक शहर गुजरात में स्थित है।
- अहमदाबाद की ऐतिहासिक शहर (पुराना अहमदाबाद भी कह सकते हैं ) की स्थापना 11 वीं सदी में राजा आशा भील के द्वारा आशावल नाम से की गई थी।
- इसे गुजरात सल्तनत का महत्वपूर्ण राजनैतिक और वाणिज्य केंद्र कहा जाता था।
- वर्तमान में भी इसे आधुनिक अहमदाबाद शहर का हृदय माना जाता है।
- वर्ष 2017 से UNESCO World Heritage Sites In India में शामिल है।
गुलाबी शहर जयपुर
- यूनेस्को द्वारा जुलाई 2019 में शहर को विश्व धरोहर स्थल की सूची (UNESCO World Heritage Sites In India ) में शामिल किया गया है।
- राजस्थान राज्य का सबसे बड़ा शहर है जयपुर जिसे गुलाबी शहर भी कहा जाता है।
- वर्ष 1727 में जयपुर नगर (चहारदिवारी वाला नगर) की स्थापना सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा की गई थी।
- जयपुर नगर की खासियत है कि इसको वैदिक वास्तुकला के प्रकाश में व्याख्यायित स्टूडियो योजना के आधार पर बसाया गया है ।
- इस शहर में महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों के कारण इस शहर को भारत का पिंक सिटी या गुलाबी शहर कहा जाता है।
- उपनिवेश काल से ही नगर की सड़कों के ओर व्यवसाय की सुविधा है। ये सड़कें बड़े चौराहों या चौपड़ भी कह सकते हैं, पर एक-दूसरे से मिलती हैं।
- नग्न बसाने के लिए प्राचीन हिंदू, मुगल और पश्चिमी देशों के तत्त्वों का प्रयोग किया गया है।
- यह शहर अपनी समृद्ध भवन निर्माण-परंपरा, सरस, संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
मुंबई के विक्टोरियन और आर्ट डेको अंसेंबल
- ये महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर के फोर्ट इलाके में स्थित है।
- इस साइट में 19वीं सदी का विक्टोरियन संरचनाओं का संग्रह (अर्थात् विक्टोरियन गोथिक पुनर्जागरण के भवन) और समुद्र तट के साथ 20वीं सदी के आर्ट डेको भवन शामिल हैं।
- भारतीय वास्तु तत्त्वों से मेल खाती ये दोनों शैलियाँ इन संरचनाओं में दिखने को मिलता है। उदाहरण हेतु आप नियो-गोथिक शैलियों में डिज़ाइन की गई इमारतों को देख सकते हैं। जो की बालकनियों और बरामदों से संपन्न है।
- ऐसे ही इंडो- डेको (Indo- Deco) का उपयोग आर्ट डेको (Art Deco) में भारतीय तत्त्वों को जोड़ने के बाद उभरी शैली का वर्णन करने के लिये किया जाता है।
- वर्ष 2018 में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों की सूची में नाम आया।
धोलावीरा
- धोलावीरा गुजरात राज्य में स्थित सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रसिद्ध पुरास्थल है जिसे विश्व धरोहर स्थल में जोड़ा गया है।
- अभी तक सिंधु सभ्यता से संबंधित स्थलों में ये अब तक का ज्ञात सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे बड़े स्थलों में से एक है।
- इस स्थल से सिंधु सभ्यता से जुड़े अनेकों अवशेष व स्थान पाए गए है। जैसे कि जैसे – तांबा, पत्थर, आभूषण, टेराकोटा, सोना, आदि पाया गया
- वर्ष 2021 में इसे UNESCO World Heritage Site In India की सूची में डाला गया।
तेलंगाना का रामप्पा मंदिर
- रामप्पा मंदिर को रुद्रेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर दक्षिण भारत के तेलंगाना राज्य के मुलुंड जिले के पालमपेट गॉंव में स्थित है।
- यह एक शिव मंदिर है जिस का निर्माण सन् 1213 ईसवी (मंदिर में स्थित शिलालेख के अनुसार) में हुआ था।
- मंदिर का निर्माण काकतीय साम्राज्य के शासक गणपति देव के सेनापति रेचारला रुद्रदेव ने करवाया था।
- यूनेस्को द्वारा वर्ष 2021 में इस मंदिर को विश्व धरोहर स्थलों की श्रेणी (UNESCO World Heritage Sites in India) में डाला था।
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों से संबंधित प्रश्न उत्तर
भारत में कितने यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है?
हमारे देश भारत में कुल 40 यूनेस्को धरोहर स्थल हैं। जिन में से इस सूची में 32 सांस्कृतिक स्थल, 7 प्राकृतिक स्थल और 1 मिश्रित स्थल शामिल हैं।
40 वां यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल कौन सा है?
कच्छ के रण में हड़प्पा शहर, धोलावीरा, भारत का 40 वां यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल बन गया
भारत की एकमात्र मिश्रित विश्व धरोहर कौन सी है?
ताज महल, आगरा (1983) भारत की एकमात्र मिश्रित विश्व धरोहर है।
विश्व में कुल कितने विरासत स्थल है?
जुलाई 2021 तक पूरी दुनिया में लगभग 1154 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है। इन में से 897 सांस्कृतिक, 218 प्राकृतिक, 39 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं।
भारत में सबसे अधिक विश्व धरोहर स्थल किस राज्य में है?
हमारे देश में सबसे अधिक विश्व धरोहर स्थल महाराष्ट्र में हैं। यहाँ कुल पांच यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। साइटों में अजंता गुफाएं, एलोरा गुफाएं, एलीफेंटा गुफाएं, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और दक्षिण मुंबई की विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको इमारतें शामिल हैं।
सबसे ज्यादा यूनेस्को साइट किस देश में है?
ऐसा देश जहाँ सबसे ज्यादा यूनेस्को साईट है – इटली।
बता दें कि 58 प्रविष्टियों के साथ इटली में विश्व धरोहर स्थलों की संख्या सबसे अधिक है।
आज इस लेख में हम ने आप को भारत के सभी 40 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची की जानकारी दी। उम्मीद है आप को ये जानकारी पसंद आयी होगी। यदि आप ऐसे ही अन्य लेखों के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट News Remind से जुड़ सकते हैं।Categories