सीमा पर बढ़ते भारत-पाक तनाव के बीच आपकी डिजिटल और व्यक्तिगत सुरक्षा पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गई है। ऐसे में ये 5 सेफ्टी ऐप्स आपके लिए बन सकते हैं ‘डिजिटल बॉडीगार्ड’। एक क्लिक से पुलिस, एम्बुलेंस या अपने परिजनों तक मदद पहुंचाएं – जानें कौन-से हैं ये जरूरी ऐप्स और कैसे करेंगे आपकी तुरंत मदद
भारत-पाक तनाव (India-Pakistan Tension) के इस संवेदनशील दौर में हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहे। देश की सीमाओं पर हालात गंभीर हैं और ऐसे समय में साइबर, डिजिटल और व्यक्तिगत सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसी के मद्देनजर आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे टॉप सेफ्टी ऐप्स (Top Safety Apps) के बारे में जो इमरजेंसी के वक्त आपकी मदद कर सकते हैं। ये ऐप्स न सिर्फ लोकेशन शेयरिंग, बल्कि सीधे इमरजेंसी सर्विसेस से संपर्क की सुविधा भी देते हैं।
112 इंडिया ऐप (112 India App): एकीकृत आपातकालीन सेवा
112 इंडिया ऐप सरकार द्वारा शुरू किया गया एक आधिकारिक Emergency Response Support System (ERSS) है। यह ऐप 24×7 इमरजेंसी सर्विस देने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जहां आप एक क्लिक पर पुलिस, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस को कॉल कर सकते हैं।
इस ऐप में ‘SHOUT’ फीचर है जो खतरे की स्थिति में नजदीकी वॉलंटियर्स को अलर्ट करता है। साथ ही, यह ऐप आपकी रीयल टाइम लोकेशन को ट्रैक करता है और स्थानीय अधिकारियों तक तुरंत पहुंचाता है। हर भारतीय को यह ऐप अपने फोन में जरूर रखना चाहिए, खासकर महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह बेहद जरूरी है।
CitizenCOP: नागरिकों की सुरक्षा में सहायक
CitizenCOP एक ऐसा ऐप है जो न केवल इमरजेंसी अलर्ट भेजने की सुविधा देता है, बल्कि इसके जरिए आप किसी अपराध की रिपोर्ट, ट्रैफिक उल्लंघन, चोरी आदि की जानकारी पुलिस को भेज सकते हैं। यह ऐप गोपनीयता का पूरा ध्यान रखता है और यूजर की पहचान सार्वजनिक नहीं करता।
यह ऐप खासतौर पर मेट्रो शहरों में बहुत उपयोगी साबित हुआ है जहां आपातकालीन स्थितियों की जानकारी स्थानीय पुलिस तक तेजी से पहुंचाई जा सकती है। इसमें SOS अलर्ट के साथ-साथ ट्रैक माय मूवमेंट जैसी सुविधाएं भी हैं जो परिवार के सदस्य को आपकी लोकेशन शेयर करती हैं।
bSafe: प्राइवेट नेटवर्क के साथ डिजिटल सुरक्षा
bSafe एक इंटरनेशनल लेवल का सुरक्षा ऐप है जिसे खासकर महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है। इस ऐप की खासियत है कि यह ऑटोमैटिक वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर देता है जब यूजर ‘SOS’ बटन दबाता है।
आप इसमें अपने विश्वासपात्र लोगों को जोड़ सकते हैं जो आपके मूवमेंट को लाइव ट्रैक कर सकते हैं। अगर आप खतरे में हैं तो ऐप खुद-ब-खुद आपके संपर्कों को अलर्ट भेजता है और वीडियो व ऑडियो रिकॉर्डिंग शेयर करता है। यह ऐप Artificial Intelligence का भी इस्तेमाल करता है ताकि खतरे की स्थितियों की पहचान की जा सके।
Sachet ऐप: साइबर क्राइम से सुरक्षा
साइबर फ्रॉड और डिजिटल धोखाधड़ी के इस युग में Sachet ऐप एक अहम रोल निभाता है। यह ऐप Reserve Bank of India (RBI) और अन्य वित्तीय संस्थानों की मदद से शुरू किया गया है जो ऑनलाइन फ्रॉड की रिपोर्टिंग की सुविधा देता है।
इस ऐप के जरिए आप किसी भी अनजान कॉल, फर्जी लिंक्स या ऑनलाइन पेमेंट से जुड़ी धोखाधड़ी को रिपोर्ट कर सकते हैं। इसके अलावा यह ऐप आपको cyber hygiene बनाए रखने के लिए गाइड करता है और विभिन्न तरह की धोखाधड़ी की पहचान में मदद करता है।
MySafetipin: सुरक्षित लोकेशन की जानकारी
MySafetipin ऐप महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। यह ऐप शहरों की सुरक्षा रेटिंग प्रदान करता है। यह लाइटिंग, पैदल यात्री ट्रैफिक, ट्रांसपोर्ट अवेलेबिलिटी और आसपास के माहौल को ध्यान में रखकर किसी स्थान को safe या unsafe के रूप में रेट करता है।
आप इस ऐप के माध्यम से यह जान सकते हैं कि किसी खास इलाके में कितनी सुरक्षा है और क्या वहां जाना सुरक्षित रहेगा या नहीं। इसमें यूजर-जनरेटेड डेटा के आधार पर रीयल टाइम अपडेट भी मिलता है।
डिजिटल और व्यक्तिगत सुरक्षा समय की मांग
भारत-पाक तनाव की स्थिति में सिर्फ सैन्य बल ही नहीं, आम नागरिकों की भी सजगता ज़रूरी है। डिजिटल युग में स्मार्टफोन एक ऐसा टूल बन चुका है जो आपके लिए सुरक्षा कवच का काम कर सकता है। ऊपर बताए गए ऐप्स को डाउनलोड कर आप खुद को और अपने परिवार को एक मजबूत डिजिटल सुरक्षा घेरा प्रदान कर सकते हैं।
इसके साथ ही यह जरूरी है कि आप सार्वजनिक स्थानों पर सतर्क रहें, अनजान कॉल्स और मैसेज से बचें, और सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की भ्रामक या उकसाने वाली सामग्री साझा न करें।
