Diesel Vehicle Ban: अक्टूबर का आधा महिना बीतने के साथ ही राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता पर चिंता जताते हुए एक अलर्ट जारी किया है. इसके अनुसार अक्टूबर से दिसंबर तक की अवधि में हवा अत्यधिक प्रदूषित हो जाती है जिससे निवासियों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है. इसी कारण सरकार ने डीजल वाहनों की बिक्री पर अंतिम तिथि तय कर दी है जिससे आने वाले वर्षों में इनका चलन पूरी तरह बंद हो जाएगा.
डीजल वाहनों पर प्रतिबंध की डेडलाइन
सरकार और ऊर्जा संक्रमण सलाहकार समिति के अनुसार 2027 तक डीजल वाहनों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध (Complete Ban) लगा दिया जाएगा. इस कदम का उद्देश्य न केवल प्रदूषण को कम करना है बल्कि ईवी वाहनों (Electric Vehicles) को बढ़ावा देना भी है. सरकार इसके लिए जल्द ही ईवी पर सब्सिडी योजना (Subsidy Scheme) की घोषणा भी करने वाली है जिससे उपभोक्ताओं को ईवी खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिल सके.
प्रारंभिक प्रतिबंध का क्षेत्र
शुरुआती चरण में देश के उन चुनिंदा शहरों में डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा जिनकी आबादी 10 लाख से अधिक है. यह प्रतिबंध धीरे-धीरे विस्तारित किया जाएगा और अंततः पूरे देश में डीजल वाहनों का संचालन बंद हो जाएगा. इस पहल से शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण के स्तर में महत्वपूर्ण कमी आने की उम्मीद है.
ईवी और पेट्रोल वाहनों को प्राथमिकता
सरकार का सुझाव है कि उपभोक्ता अब ईवी या पेट्रोल वाहनों (Petrol Vehicles) की खरीदारी पर विचार करें क्योंकि आने वाले सालों में डीजल वाहनों का उपयोग मुश्किल हो जाएगा. इसके अलावा ईवी वाहनों के लिए सरकारी सब्सिडी और प्रोत्साहन भी मिलेगा जिससे उपभोक्ताओं को आर्थिक रूप से लाभ होगा और वे पर्यावरण के अनुकूल ऑप्शनकी ओर आकर्षित होंगे.