Tomato Making Alchol: टमाटर की कीमतों में तेजी से उतार-चढ़ाव होता रहता है जिसका असर न सिर्फ उपभोक्ताओं पर पड़ता है बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति पर भी असर डालता है. इसी वजह से सरकार अब टमाटर की सप्लाई चेन में स्थिरता लाने की पहल कर रही है.
सरकार की नई पहल
सरकार ने टमाटर से जुड़ी सप्लाई चेन और प्रोसेसिंग क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए हैकाथॉन (hackathon) के माध्यम से 28 नए आइडिया चुने हैं. ये नए विचार टमाटर की सप्लाई में निरंतरता और मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए हैं जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा.
क्यों होती है टमाटर की कीमतों में अस्थिरता?
टमाटर की कीमतों में अस्थिरता के पीछे कई कारण होते हैं. मौसमी बदलाव, खराब मौसम, ट्रांसपोर्टेशन में बाधा, और कीटों के हमले से फसल को नुकसान (crop damage) प्रमुख कारण हैं. उपभोक्ता मामलों की सचिव, निधि खरे के अनुसार इन कारणों से कई बार कीमतें दोगुनी तक बढ़ जाती हैं जिससे किसानों की आय में अस्थिरता आती है.
सरकारी उपाय और भविष्य की योजनाएँ
उपभोक्ता मामलों की सचिव ने यह भी बताया कि सरकार ने टमाटर के मूल्य अस्थिरता को कम करने के लिए विभिन्न नई तकनीक का समर्थन किया है. इसमें टमाटर से वाइन बनाने (tomato wine production) जैसे आइडिया भी शामिल हैं. सरकार इन स्टार्टअप्स को निवेशकों से जोड़ने और उन्हें कारोबार बढ़ाने में मदद करने का प्रयास कर रही है.
टमाटर उत्पादन की स्थिति
भारत में टमाटर का उत्पादन (tomato production) वार्षिक रूप से लगभग 20 मिलियन टन होता है, जिसमें दक्षिणी और पश्चिमी भारत से बड़ा हिस्सा आता है. इस उत्पादन का लगभग 60% इन्हीं क्षेत्रों से होता है.