organic cow dung: हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने हाल ही में घोषणा की है कि सरकार जैविक गाय का गोबर तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदने के लिए टेंडर्स जारी करेगी. यह कदम न केवल कृषि को जैविक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है बल्कि यह किसानों की आय में सुधार लाने के लिए भी की गई है.
जैविक गोबर खरीदने की प्रक्रिया और महत्व
कृषि मंत्री ने बताया कि इस पहल के तहत न सिर्फ गोबर खरीदा जाएगा बल्कि उसे परिवहन और भंडारण की सुविधाएं (storage and transportation facilities) भी प्रदान की जाएंगी. इससे किसानों को अपने उत्पाद को बाजार तक पहुंचाने में आसानी होगी और उनकी आय में वृद्धि होगी.
गोबर के उपयोग और पर्यावरणीय लाभ
जैविक गोबर को उर्वरक के रूप में इस्तेमाल करने से मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है और यह पौधों की वृद्धि को भी बढ़ावा देता है. चंद्र कुमार के अनुसार, यह गोबर प्राकृतिक और पोषक तत्वों से भरपूर होता है (nutrient-rich organic fertilizer), जो कि खेती के लिए अत्यंत लाभकारी है.
कृषि में हाई-टेक तकनीक का इस्तेमाल
मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार कृषि में हाई-टेक तकनीकों का इस्तेमाल करने जा रही है. इसमें रिमोट सेंसिंग और त्रि-आयामी मानचित्रण जैसी तकनीकें शामिल हैं, जो कि किसानों को उनकी खेती के लिए बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगी (high-tech agriculture techniques).
कृषि क्षेत्र में आगे की योजनाएँ और नीतियाँ
आने वाले समय में हिमाचल प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र में कई नवीन योजनाएं लागू करने जा रही है. इसमें जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए अनुबंध खेती और नकदी फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित करना शामिल है (promoting organic farming and cash crops). ये योजनाएं न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेंगी बल्कि पर्यावरण के अनुकूल खेती को भी बढ़ावा देंगी.