आज हम सफलता की कहानी में लेकर आए हैं भोपाल के किसान ओमनारायण जी की कहानी जिनकी बागवानी फसलों की नर्सरी से सालाना टर्नओवर 10 लाख है।
ओमनारायण कुशवाहा का परिचय
ओमनारायण कुशवाहा भोपाल के गाँव रतुआ रतनपुर के रहने वाले हैं। ओमनारायण कुशवाहा ने अपना रोजगार खेती और खेती से जुड़ी कामो में देखा। जिसके लिए उन्होंने मध्य प्रदेश के कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को संपर्क किया और केंद्र में होने वाले विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लिया। वहां पर उन्हें कृषि से जुड़ी तकनीक और नर्सरी संचालन के बारे में सीखा।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड से मिली सहायता
ओमनारायण जी ने जब 2020 में अपने खेत के 0.05 एकड़ में पॉलीहॉउस नर्सरी की शुरुआत की थी, तब उनके खेत में पानी की बहुत समस्या रहती थी। उन्होंने पानी की समस्या का समाधान खुद निकाला, जिसके लिए उन्होंने कुएं के लिए खुदाई की और जल स्रोत तैयार किया। पानी की समस्या खत्म होने के बाद उन्होंने अपनी नर्सरी में खूब मेहनत की। चलिए जानते हैं उनकी संघर्ष से सफलता तक की कहानी।
कुछ साल अपनी नर्सरी में दिन-रात काम करने के बाद उनकी नर्सरी ने रफ़्तार पकड़ लिया और ये रफ़्तार राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की सहायता से मिली। उन्होंने 2024 में अपनी नर्सरी का विस्तार करने की सोची, जिसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड से 48 लाख रुपये का ऋण लिया। अपनी नर्सरी का विस्तार उन्होंने 2 एकड़ में कर दिया,जहां उन्होंने गुलाब,जरबेरा,गेंदा और नौरंगा फूलों को अपनी नर्सरी में लगाया और फूलों के साथ उन्होंने फलों के पौधों को भी नर्सरी में शामिल किया।
0.05 एकड़ से शुरुआत कर 8 एकड़ में पहुँची नर्सरी

उन्होंने अपनी नर्सरी की शुरुआत 0.05 एकड़ से की थी और अब उन्ही नर्सरी 8 एकड़ में हो गई है। उनकी नर्सरी में अब फूलों और फलों के साथ बहुत सारी फसलें जुड़ गई हैं, जैसे बैंगन,टमाटर,मिर्ची,लौकी,खीरा जैसे सब्जियों के हाइब्रिड पौधे और अंकुर बीएनआर जैसी उन्नत किस्मों के पौधे।
वे हमेशा सीखते रहते हैं और अपनी नर्सरी में आधुनिक तकनीक अपनाते रहते हैं। उनकी नर्सरी के पौधे भोपाल सहित दूसरे शहरो तक जाते हैं और अब वे अपनी नर्सरी को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जल्द ही लाने वाले हैं।
उनकी नर्सरी से उन्हें सालाना 10 लाख तक की आमदनी हो जाती है। अपने बढ़ने के साथ वे औरों को भी बढ़ा रहे हैं। अपनी नर्सरी में उन्होंने बहुत सारे ग्रामीणों को रोजगार दिया है।
