किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी डिजिटल पहचान सुरक्षित करना आवश्यक है ताकि आधार, पैन या बैंक खातों का दुरुपयोग न हो सके। पैन कार्ड को आयकर विभाग की वेबसाइट से डिएक्टिवेट करें और आधार बायोमेट्रिक्स को UIDAI पोर्टल पर लॉक करें। साथ ही वोटर आईडी, बैंक खाते और सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी अपडेट या बंद करें।
आज के डिजिटल युग में हमारी पहचान सिर्फ कागज़ों में नहीं, बल्कि ऑनलाइन सिस्टम्स में भी दर्ज होती है। पैन कार्ड, आधार, बैंक खाते और सोशल मीडिया प्रोफाइल सब कुछ डिजिटल नेटवर्क से जुड़ा है। लेकिन किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद अगर इन पहचान पत्रों को सही समय पर बंद न किया जाए, तो उनका दुरुपयोग हो सकता है। पहचान की चोरी (Identity Theft) जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में मृतक व्यक्ति की डिजिटल पहचान को सुरक्षित करना परिजनों की जिम्मेदारी बन जाती है।
आइए जानते हैं कि 2025 के नियमों के अनुसार पैन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य डिजिटल डॉक्यूमेंट्स को घर बैठे कैसे सरेंडर या डिएक्टिवेट किया जा सकता है।
1. मृतक का पैन (PAN) कार्ड कैसे करें डिएक्टिवेट
आयकर विभाग अब मृतक व्यक्ति के पैन कार्ड को निष्क्रिय (Deactivate) करने की सुविधा देता है। इसका उद्देश्य है कि मृतक के नाम पर कोई गलत वित्तीय गतिविधि या कर संबंधी दस्तावेज़ तैयार न किए जा सकें।
कदम दर कदम प्रक्रिया:
- सबसे पहले मृतक के कानूनी वारिस को आयकर विभाग की e-Filing वेबसाइट (https://www.incometax.gov.in) पर लॉग इन करना होगा।
- ‘Profile Settings’ सेक्शन में जाकर ‘Deactivate PAN’ का विकल्प चुनें।
- अब मृतक का Pan Number, Full Name, और Death Certificate अपलोड करें।
- सबमिट करने के बाद रिक्वेस्ट की पुष्टि ईमेल और एसएमएस दोनों से मिल जाएगी।
जरूरी सावधानी:
पैन कार्ड डिएक्टिवेट करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि मृतक व्यक्ति के सभी लंबित टैक्स रिटर्न दायर हो चुके हों और किसी भी प्रकार का टैक्स रिफंड प्राप्त कर लिया गया हो। ऐसा इसलिए क्योंकि पैन बंद होने के बाद इन प्रोसेस को दोबारा सक्रिय नहीं किया जा सकता।
2. आधार कार्ड को कैसे करें सुरक्षित
वर्तमान में UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) आधार कार्ड को स्थायी रूप से सरेंडर या डिलीट करने की सुविधा नहीं देता। लेकिन इसमें एक विकल्प है जिसके ज़रिए आप मृतक व्यक्ति की पहचान को सुरक्षित कर सकते हैं — बायोमेट्रिक्स लॉक करना (Lock Biometrics)।
इसे कैसे करें:
- UIDAI की वेबसाइट (https://uidai.gov.in) या mAadhaar ऐप खोलें।
- मृतक के आधार नंबर से लॉग इन करें। इसके लिए पंजीकृत मोबाइल नंबर पर OTP आएगा।
- अब ‘Lock/Unlock Biometrics’ विकल्प चुनें और बायोमेट्रिक्स को लॉक कर दें।
एक बार लॉक हो जाने के बाद उस आधार नंबर का उपयोग फिंगरप्रिंट या आइरिस स्कैन से किसी भी सर्विस के लिए नहीं किया जा सकेगा। इससे किसी भी तरह का फ्रॉड या पहचान की चोरी रोकने में मदद मिलती है।
अभी के नियम:
सरकार भविष्य में ऐसा सिस्टम लागू करने की दिशा में काम कर रही है जिसमें मृत्यु पंजीकरण के साथ ही संबंधित व्यक्ति का आधार नंबर अपने-आप निष्क्रिय हो जाए। तब तक, बायोमेट्रिक्स लॉक करना ही सबसे सुरक्षित विकल्प है।
3. अन्य सरकारी और निजी दस्तावेजों में जरूरी कदम
डॉक्यूमेंट सुरक्षा सिर्फ पैन और आधार तक सीमित नहीं है। मृतक व्यक्ति के नाम पर दर्ज अन्य डिजिटल रिकॉर्ड्स को भी अपडेट या बंद करना जरूरी है।
वोटर आईडी कार्ड:
चुनाव आयोग में जाकर फॉर्म-7 भरकर मृत व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है। यह काम निर्वाचन कार्यालय (ERO) या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है।
बैंक खाते:
संबंधित बैंक शाखा को मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) दिखाकर खाते को “मृतक खाता” (Deceased Account) के रूप में मार्क करवाएं या आवश्यकतानुसार बंद करवाएं। यदि बैंक में नॉमिनी का विवरण पहले से दर्ज है, तो उसे प्रक्रिया आसान हो जाती है।
सोशल मीडिया अकाउंट्स:
फेसबुक, इंस्टाग्राम, और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म अब ‘Legacy Contact’ फीचर देते हैं, जहां परिजन अकाउंट को ‘Memorialize’ कर सकते हैं या हटाने का अनुरोध भेज सकते हैं। इससे कोई भी व्यक्ति उस अकाउंट का दुरुपयोग नहीं कर पाता।
4. दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए अंतिम सुझाव
- मृतक के सभी मूल दस्तावेज़ों को एक सुरक्षित फाइल में रखें और उनकी डिजिटल कॉपी पासवर्ड-प्रोटेक्टेड फोल्डर में सेव करें।
- किसी अनजान व्यक्ति या एजेंसी के साथ आधार, पैन, या बैंक संबंधी दस्तावेज़ों की फोटो या स्कैन कॉपी साझा न करें।
- सभी ऑनलाइन अकाउंट्स के पासवर्ड को रीसेट या कैंसिल करवाएं ताकि कोई उनका गलत इस्तेमाल न कर सके
