Mata Vaishno Devi ropeway project: श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने दिव्यांग यात्रियों और बुजुर्गों की यात्रा को आसान बनाने के लिए एक नई रोपवे परियोजना की शुरुआत की है. यह निर्णय श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए लिया गया है ताकि उनकी यात्रा को और भी सुरक्षित और समय-कुशल बनाया जा सके. इस परियोजना का कुछ स्थानीय लोगों द्वारा विरोध भी किया जा रहा है, लेकिन बोर्ड का कहना है कि स्थानीय चिंताओं को ध्यान में रखते हुए परियोजना को आगे बढ़ाया जाएगा.
रोपवे का तकनीकी पहलू
रोपवे परियोजना ताराकोट मार्ग से श्री माता वैष्णो देवी के मुख्य भवन तक यात्रा को जोड़ेगी. इससे श्रद्धालु सांझी छत तक आसानी से पहुँच सकेंगे और वहां से पैदल भवन तक की यात्रा कर सकेंगे. यह रोपवे आधुनिक तकनीक से लैस होगा और प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाएगा, जिससे भीड़-भाड़ कम होगी और यात्रा का समय भी कम होगा.
प्रभावित होने वाले श्रद्धालु
श्रद्धालुओं, खासकर बीमार या दिव्यांग लोगों के लिए यह रोपवे एक वरदान साबित होगा. पहले उन्हें घोड़ा, खच्चर या पालकी का सहारा लेना पड़ता था, लेकिन अब रोपवे की सहायता से वे आसानी से और सुरक्षित रूप से दर्शन कर सकेंगे. इससे उनकी यात्रा का अनुभव न केवल सुखद होगा बल्कि यात्रा के दौरान त्रिकुटा पहाड़ियों का मनोरम दृश्य भी उन्हें प्राप्त होगा.
स्थानीय समुदाय के साथ समन्वय
श्राइन बोर्ड ने स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर काम करने की बात कही है. उनका लक्ष्य है कि रोपवे परियोजना से स्थानीय लोगों को किसी भी प्रकार की हानि न पहुंचे और उनकी चिंताओं का समाधान किया जा सके. इसके लिए बोर्ड नियमित रूप से स्थानीय समुदाय के साथ बैठकें कर रहा है और उनके सुझावों को भी शामिल कर रहा है.