मुकेश खन्ना, जो कि भारतीय टेलीविजन के प्रसिद्ध अभिनेता हैं, ने हाल ही में रणबीर कपूर द्वारा नितेश तिवारी की आगामी फिल्म “रामायण” में भगवान राम के किरदार निभाने को लेकर विवादित बयान दिया है। खन्ना का यह बयान उनके पिछले बयानों की तरह ही सुर्खियों में आ गया है, जिसमें उन्होंने रणबीर कपूर को “लम्पट छिछोरा” करार दिया है। इस लेख में हम इस विवाद के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
मुकेश खन्ना का विवादित बयान
मुकेश खन्ना ने एक इंटरव्यू में रणबीर कपूर के राम के किरदार को लेकर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा, “अगर कोई रियल लाइफ में छिछोरा है, तो वह स्क्रीन पर भी ऐसा ही दिखाई देगा।” उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति भगवान राम का किरदार निभाएगा, उसे राम का अवतार होना चाहिए और उसकी छवि रावण जैसी नहीं होनी चाहिए। खन्ना ने यह स्पष्ट किया कि उन्हें उम्मीद है कि रणबीर कपूर इस भूमिका में सफल होंगे, लेकिन उन्होंने उनकी पिछली फिल्मों में दिखाए गए नकारात्मक व्यक्तित्व पर भी चिंता जताई।
अरुण गोविल की तुलना
खन्ना ने अभिनेता अरुण गोविल का उदाहरण देते हुए कहा कि गोविल ने राम के किरदार को जिस तरह से निभाया, वह एक गोल्ड स्टैंडर्ड बन गया है। उन्होंने कहा कि दर्शकों की अपेक्षाएं इस किरदार के प्रति बहुत अधिक हैं और इसलिए रणबीर कपूर की तुलना गोविल से स्वाभाविक है। उनका मानना है कि राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता को न केवल अभिनय में बल्कि उनके व्यक्तित्व में भी राम की विशेषताएँ होनी चाहिए।
प्रभास का उदाहरण
खन्ना ने प्रभास का भी उल्लेख किया, जिन्होंने हाल ही में “आदिपुरुष” में भगवान राम की भूमिका निभाई थी। खन्ना के अनुसार, प्रभास को दर्शकों द्वारा स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि वे राम की छवि से मेल नहीं खाते थे। उन्होंने कहा कि यह केवल अभिनय का मामला नहीं है, बल्कि अभिनेता की उपस्थिति और व्यक्तित्व भी महत्वपूर्ण है।
रणबीर कपूर की प्रतिक्रिया
हालांकि रणबीर कपूर ने अभी तक इस विषय पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनकी फिल्म “रामायण” को लेकर दर्शकों और मीडिया में काफी चर्चा हो रही है। फिल्म का पहला भाग दिवाली 2026 में रिलीज़ होने वाला है, जबकि दूसरे भाग की रिलीज़ दिवाली 2027 में निर्धारित की गई है।
मुकेश खन्ना का बयान एक बार फिर यह दर्शाता है कि भारतीय सिनेमा में धार्मिक पात्रों को निभाने वाले अभिनेताओं पर कितना दबाव होता है। दर्शकों की अपेक्षाएँ और पारंपरिक मान्यताएँ अक्सर अभिनेताओं पर भारी पड़ती हैं। खन्ना ने अपने विचारों के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि भगवान राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता को न केवल अपने अभिनय कौशल बल्कि अपने व्यक्तिगत जीवन में भी एक आदर्श होना चाहिए।