मुख्यमंत्री लड़की बहन योजना के तहत सरकार लड़कियों को शिक्षा और अन्य सुविधाओं के लिए आर्थिक मदद देती है। अब इस योजना में राशि में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे अधिक लड़कियां इसका लाभ उठा सकेंगी। यह योजना शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास पर केंद्रित है। जानिए, राशि में वृद्धि से किसे कितना लाभ होगा और इस योजना का फायदा कैसे उठाएं।
महाराष्ट्र सरकार का महिला सशक्तिकरण वादा: ‘लड़की बहिन योजना’ से बढ़ेगा आर्थिक बोझ, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को सत्ता में लौटने का श्रेय लड़की बहिन योजना को दिया जा रहा है। इसके तहत राज्य की 2.5 करोड़ पात्र महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की राशि देने का वादा किया गया था। चुनाव जीतने पर इस राशि को 2,100 रुपये प्रति माह करने का वादा भी किया गया था। अब सरकार के सामने यह वादा निभाने का दबाव है, लेकिन खर्चों का प्रबंधन करना एक बड़ी चुनौती बन सकता है।
वित्तीय बोझ और सरकार की चुनौतियां:
विश्लेषकों के अनुसार, अगर राशि बढ़ाई जाती है तो सरकारी खजाने पर बोझ 35,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 46,000 करोड़ रुपये हो जाएगा। यह बढ़ी हुई राशि सरकार के लिए अतिरिक्त 11,000 करोड़ रुपये का आवंटन मांग सकती है। महाराष्ट्र देश के सबसे अधिक राजस्व वसूलने वाला राज्य है, लेकिन खर्च भी उसी अनुपात में है, जिससे सरकार को अपने वादे को पूरा करने के लिए वित्तीय स्रोत तलाशने होंगे।
राजस्व जुटाने के उपाय:
चूंकि महाराष्ट्र औद्योगिक प्रदेश है और सर्विस सेक्टर यहां के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है, इसलिए सेल्स टैक्स या सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी हो सकती है। सरकार बाजार उधारी का भी विकल्प चुन सकती है, या फिर केंद्र सरकार से सहायता प्राप्त करने पर विचार कर सकती है, क्योंकि एनडीए केंद्र में भी सत्ताधारी है।
आगे का रास्ता:
विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा करने के लिए सरकार को फंड जुटाने के विकल्पों पर विचार करना होगा। महिला सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई इस योजना से महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और यह योजना राज्य में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।