प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के तहत पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को मोदी सरकार ₹15,000 तक की प्रोत्साहन राशि दे रही है। यह राशि दो किस्तों में सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है पहली 6 माह बाद और दूसरी 12 माह बाद वित्तीय साक्षरता कोर्स पूरा करने पर। यह योजना युवाओं को औपचारिक रोजगार से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम है।
देश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर देने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (PMVBRY) शुरू की है। यह योजना 1 अगस्त 2025 से लागू हो चुकी है और इसका मकसद उन युवाओं को प्रोत्साहित करना है जो पहली बार किसी औपचारिक नौकरी (Formal Job) में शामिल हो रहे हैं।
सरकार इस योजना के तहत पात्र युवाओं को ₹15,000 तक की प्रोत्साहन राशि दे रही है। खास बात यह है कि यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में दो किस्तों में ट्रांसफर की जाएगी।
पहली बार नौकरी करने वालों के लिए बड़ा प्रोत्साहन
आज के दौर में कई युवा पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में रहते हैं, लेकिन पहली नौकरी के शुरुआती दिनों में आर्थिक असुरक्षा उन्हें परेशान करती है। मोदी सरकार की यह पहल ऐसे ही युवाओं की मदद के लिए बनाई गई है। योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं युवाओं को मिलेगा जो पहली बार किसी कंपनी, फैक्ट्री या संस्था में नौकरी शुरू कर रहे हैं और जिनका पहली बार EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) में पंजीकरण हुआ है।
किस्तों में मिलेगा ₹15,000 का लाभ
सरकार द्वारा दी जाने वाली यह प्रोत्साहन राशि दो चरणों में जारी होगी —
- पहली किस्त: जब कर्मचारी अपनी नौकरी में 6 महीने पूरे कर लेगा, तो उसके आधार से जुड़े बैंक खाते में पहली किस्त सीधे ट्रांसफर की जाएगी।
- दूसरी किस्त: यह राशि नौकरी में 12 महीने पूरे होने के बाद, और साथ ही एक वित्तीय साक्षरता कोर्स (Financial Literacy Course) पूरा करने पर दी जाएगी।
इस तरीके से सरकार युवा कर्मचारियों को न केवल आर्थिक सहयोग दे रही है बल्कि उन्हें वित्तीय ज्ञान से भी सशक्त बना रही है ताकि वे भविष्य में अपने पैसों का सही प्रबंधन कर सकें।
कौन ले सकता है योजना का लाभ?
इस योजना के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें रखी गई हैं, जिन्हें पूरा करने पर ही युवा लाभ उठा सकते हैं:
- नया कर्मचारी: लाभार्थी को पहली बार किसी औपचारिक नौकरी में शामिल होना चाहिए।
- समय सीमा: नौकरी 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच शुरू की गई होनी चाहिए।
- वेतन सीमा: कर्मचारी का मासिक वेतन ₹1,00,000 से कम होना चाहिए।
- खाता लिंक: बैंक खाता आधार से लिंक (Aadhaar Seeded) होना जरूरी है।
इन शर्तों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ सही पात्र व्यक्तियों तक पहुँचे और वास्तविक नए कर्मचारियों की मदद हो।
पंजीकरण और आवेदन की प्रक्रिया
जो युवा इस योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं, वे इसे बहुत आसानी से ऑनलाइन कर सकते हैं।
- PMVBRY पोर्टल या श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर योजना से जुड़ी पूरी जानकारी प्राप्त करें।
- UMANG ऐप पर जाकर ‘फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (FAT)’ का प्रयोग कर अपना UAN (Universal Account Number) तैयार करें।
- इसके बाद अपने नियोक्ता (Employer) से संपर्क करें, क्योंकि वही कर्मचारी का EPFO पंजीकरण पोर्टल के माध्यम से पूरा करेगा।
- पंजीकरण पूरा होने के बाद पात्रता की पुष्टि होने पर योजना का लाभ स्वतः बैंक खाते में प्राप्त होगा।
युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना सिर्फ एक वित्तीय सहायता कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह युवाओं को औपचारिक कार्यबल से जोड़ने का राष्ट्रीय अभियान है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि भारत की युवा शक्ति सुरक्षित रोजगार प्रणाली का हिस्सा बने और औपचारिक अर्थव्यवस्था में योगदान दे।
यह पहल न सिर्फ रोजगार बढ़ाएगी, बल्कि डिजिटल और औपचारिक रोजगार व्यवस्था को भी मजबूत करेगी। सरकार चाहती है कि हर युवा नौकरी के साथ सामाजिक सुरक्षा लाभों (Social Security Benefits) जैसे EPF, पेंशन और बीमा का भी हिस्सा बने।
अन्य योजनाओं से जुड़ाव
गौरतलब है कि केंद्र सरकार पहले से ही कई युवाओं और कारीगरों के लिए योजनाएँ चला रही है। उदाहरण के लिए, PM विश्वकर्मा योजना के तहत पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को ₹15,000 का टूलकिट अनुदान दिया जाता है। इसी तरह PMVBRY पहली नौकरी पाने वाले युवाओं के लिए है जिससे हर वर्ग तक सरकारी सहयोग पहुँच सके।
भारत के युवाओं के लिए यह योजना एक सुनहरा मौका है जहाँ न सिर्फ रोजगार मिलता है, बल्कि सरकार से आर्थिक प्रोत्साहन भी। यदि आपने हाल ही में नौकरी शुरू की है या करने की योजना बना रहे हैं, तो प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के तहत पंजीकरण अवश्य करवाएं और अपने भविष्य की मजबूत शुरुआत करें।
