दुनियाभर में विविध संस्कृतियाँ और परंपराएँ हैं जिनमें से कुछ अनोखी होती हैं. आज हम आपको नामीबिया की एक जनजाति हिम्बा के बारे में बता रहे हैं जहाँ की महिलाएँ अपने पूरे जीवन में सिर्फ एक बार नहाती हैं और वह भी केवल अपने विवाह के दिन.
शादी के दिन ही नहाने की परंपरा
हिम्बा जनजाति की महिलाएं जीवन में केवल एक बार नहाने की परंपरा का पालन करती हैं. यह परंपरा उनकी सामाजिक और सांस्कृतिक विशेषताओं का हिस्सा है. इस विशेष अवसर पर नहाने का कार्य उनके लिए एक धार्मिक और शुद्धिकरण समारोह का प्रतीक है.
शरीर को फ्रेश रखने की खास विधि
हिम्बा महिलाएं नहाने के बजाय विशेष जड़ी-बूटियों का धुआं अपने शरीर पर लगाकर खुद को ताजगी महसूस होती हैं. यह विधि न केवल उन्हें तरोताजा रखती है बल्कि उनके शरीर को सुगंधित भी बनाती है और कीटाणुओं का नाश करती है.
जीवनशैली और सामाजिक बंधन
इस जनजाति की महिलाएं न केवल शादी के दौरान नहाती हैं बल्कि वे पानी से दूर रहकर अपनी पारंपरिक जीवनशैली का पालन करती हैं. उनकी यह विशेषता उनके समाज में उनकी पहचान और सामाजिक स्थिति को मजबूत करती है.
पारंपरिक लेप और इसके फायदे
हिम्बा महिलाएं अपने शरीर पर जानवरों की चर्बी और हेमटिट पाउडर का लेप लगाती हैं, जिससे उनकी त्वचा लाल रंग की हो जाती है. यह लेप उन्हें सूरज की कठोर किरणों से बचाने के साथ-साथ कीटों के काटने से भी रक्षा करता है