इस समय पूरा देश शारदीय नवरात्रि के रंग में डूबा हुआ है। हर कोई माता रानी की भक्ति में लीन दिखाई दे रहा है। मां को प्रसन्न करने के लिए रोज मंदिर जाकर उनकी पूजा अर्चना कर रहे हैं, उन्हें चुनरी और शृंगार की सामग्री चढ़ा रहे हैं। नवरात्रि के दिनों में माता के मंदिरों में बहुत भीड़ रहती है। देशभर में मां के कई मंदिर हैं। इनमें से कुछ बड़े अनोखे और चमत्कारी भी हैं। आप ने भी कई मंदिरों के किस्से सुने होंगे। लेकिन आज जिस मंदिर के बारे में हम बताने जा रहे हैं वह सबसे हटकर और अनोखा है।
यहां 24 घंटे AC में रहती है मां काली
गर्मी की वजह से इंसानों को पसीना आना आम बात होती है। लेकिन क्या आप ने कभी देखा है कि माता की मूर्ति को भी गर्मी से पसीना निकलने लगे? ऐसा अनोखा नजारा मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित एक मंदिर में देखने को मिलता है। यहां जबलपुर के संस्कारधानी में ‘गोंड काली मां’ का मंदिर स्थित है। इसे काली माई सिद्ध पीठ से भी जाना जाता है। इस मंदिर की खास बात ये है कि यहां माता रानी की सुविधा के लिए 24 घंटे एसी लगे हुए हैं। यदि गलती से यहां लाइट चली जाए और एसी बंद हो जाए तो माता की मूर्ति को पसीना निकलने लगता है।
मां को यह पसीना इतना अधिक निकलता है कि कई बार उनके कपड़े भी गीले हो जाते हैं। फिर पुजारियों को बार-बार उनके कपड़े बदलने पड़ते हैं। इसलिए वहाँ के लोगों ने पहले कूलर की व्यवस्था की थी। लेकिन माता रानी की गर्मी कूलर से भी शांत नहीं हुई। फिर एसी लगाया गया। इससे माता रानी को बड़ी राहत मिलती है। बस यदि लाइट चली जाए तो थोड़ी दिक्कत हो जाती है।
AC बंद होते ही आने लगता है बहुत पसीना
‘गोंड काली मां’ का यह मंदिर करीब 600 साल पहले गोंडवाना साम्राज्य ने बनाया था। इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन को आते हैं। नवरात्रि के दिनों में यहां बहुत भीड़ हो जाती है। इससे गर्मी का लेवल और भी बढ़ जाता है। नतिजन माता रानी पसीने से तर हो जाती है। यही वजह है कि माता के दरबार में दिन रात एसी चलता रहता है।
अब काली मां को इतना पसीना क्यों आता है ये बात अभी भी रहस्य ही बनी हुई है। हालांकि श्रद्धालु काली मां का पूरा ख्याल रख रहे हैं। उन्हें गर्मी ना हो इसलिए उनकी पूरी कोशिश रहती है कि एसी एक मिनट के लिए भी बंद ना हो। वैसे माता का यह अनोखा मंदिर आपको कैसा लगा हमे कमेंट कर जरूर बताएं। साथ ही इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक शेयर कर पहुंचाएं।