नीलगाय जैसे जंगली जानवरों को अगर मुफ्त में खेत से भगाना चाहते हैं तो चलिए आज आपको नीलगाय भगाने का एक फ्री का जुगाड़ बताते हैं-
नीलगाय जैसे जंगली जानवरों की समस्या
नीलगाय जैसे जंगली जानवर फसल को खा जाते हैं। कुचलकर बर्बाद कर देते हैं। किसान बड़ी मेहनत से फसल खड़ी करते हैं। लेकिन एक दो घंटे के अंदर अंदर नीलगाय सूअर जैसे जंगली जानवर फसल कुचल देते हैं, खा जाते हैं। जिससे मीना की मेहनत पैसे सब कुछ बर्बाद हो जाता है। लेकिन नीलगाय जैसे जंगली जानवरों को खेतों से दूर रखने के लिए किसानों को रात दिन तकवारी करने की जरूरत नहीं है। कुछ ऐसे उपाय हैं जिससे जंगली जानवरों को खेतों से दूर रखा जा सकता है तो चलिए इन उपायों के बारे में जानते हैं।
नीलगाय से फसल बचाने का फ्री का उपाय
नीलगाय से फसल को बचाने के लिए जी फ्री के उपाय की हम बात कर रहे हैं उसका नाम राख है। इस समय किसान ठंड से बचने के लिए अपने घर में आग लगाते हैं और कुछ लोगों के घर में तो खाना भी चूल्हे पर पकता है। जहां से लकड़ी जलने के बाद राख मिल जाती है। उस राख को अच्छे से ठंडा करके वह मक्के की फसल में डाल देते हैं। जी हां इस समय किसान मक्के की तकवारी करते हैं। जिसे उन्होंने रवि सीजन में लगाया था और मक्के के पौधों को नीलगाय ना खाये इसलिए वह राख छिड़क देते हैं
राख का स्वाद नीलगाय को पसंद नहीं आता। जिससे वह एक पत्ती मुंह में डालने के बाद वापस खेत से लौट जाती है और दोबारा उसे खेत में नहीं आती है। राख डालने से सिर्फ नीलगाय खेत से दूर नहीं रहेंगी बल्कि और भी फायदे होंगे। चलिए उसके बारे में जानते हैं।
राख डालने के फायदे जाने
फसल में अगर राख डाल दी जाती है तो जंगली जानवर उसे नहीं खाते हैं। इसके अलावा पाला भी नहीं लगता है। राख खाद का भी काम करती है, कीटनाशक के लिए भी राख का इस्तेमाल किया जाता है। बैगन जैसी अन्य सब्जियों में यह कीटनाशक के रूप में गांव में आज भी इस्तेमाल किया जाता है। राख खाद, कीटनाशक, जंगली जानवरों से रक्षा, पाला से फसल का बचाव करती है।