CERT-In ने गूगल क्रोम यूजर्स को लेकर हाई-रिस्क अलर्ट जारी किया है। क्रोम के नए वर्जन में ऐसा खतरनाक बग मिला है, जिससे हैकर्स कुछ ही सेकंड में आपका डेटा चुरा सकते हैं और सिस्टम पर कब्जा कर सकते हैं। जानिए कौन से वर्जन हैं खतरनाक और कैसे बचें इस साइबर हमले से – पूरी जानकारी आगे
यूजर्स के लिए बड़ा खतरा, सरकार की हाई-रिस्क वॉर्निंग, तुरंत अपडेट करें गूगल क्रोम
भारतीय साइबर एजेंसी CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) ने गूगल क्रोम (Google Chrome) के डेस्कटॉप वर्जन के यूजर्स को लेकर एक गंभीर चेतावनी जारी की है। एजेंसी के अनुसार, गूगल क्रोम के कुछ संस्करणों में सुरक्षा से जुड़ी बड़ी खामी (Vulnerability) पाई गई है, जिसका हैकर्स फायदा उठा सकते हैं। इस खामी के जरिए साइबर हमलावर किसी यूजर की जानकारी चुरा सकते हैं, सिस्टम पर नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं या फिर उसे पूरी तरह क्रैश भी कर सकते हैं।
CERT-In ने इसे “हाई-रिस्क अलर्ट” के तौर पर चिह्नित किया है और यूजर्स को तुरंत अपने ब्राउज़र को अपडेट करने की सलाह दी है। अगर गूगल क्रोम का डेस्कटॉप वर्जन समय पर अपडेट नहीं किया गया, तो यूजर्स को बड़ा नुकसान हो सकता है।
किन वर्जन में है खतरा
CERT-In की रिपोर्ट के अनुसार, यह खतरा गूगल क्रोम के वर्जन 123.0.6312.58 और 123.0.6312.59 में पाया गया है। ये दोनों ही वर्जन Windows और macOS ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए जारी किए गए हैं। इन वर्जन में मौजूद खामी के चलते एक रिमोट अटैकर यानी दूर बैठे हैकर एक स्पेशली क्राफ्टेड वेबपेज के जरिए यूजर के सिस्टम को टारगेट कर सकता है।
हैकर इस प्रक्रिया में यूजर को ऐसे वेबपेज पर ले जा सकता है जिसे उसने खासतौर पर कोड करके तैयार किया हो। जैसे ही यूजर उस लिंक को क्लिक करता है, उसका सिस्टम कमजोर हो जाता है और हैकर उसे एक्सप्लॉइट कर सकता है।
खामी से कैसे होता है नुकसान
गूगल क्रोम के इन वर्जन में पाई गई खामियों का सीधा संबंध WebAssembly, ANGLE, WebCodecs, WebGPU, WebAudio और V8 JavaScript Engine से है। ये सभी क्रोम के ऐसे कंपोनेंट्स हैं जो ब्राउज़र को तेज और इंटरएक्टिव बनाते हैं, लेकिन इन्हीं में मौजूद सुरक्षा खामी से हैकर यूजर के सिस्टम में आर्बिट्ररी कोड रन कर सकते हैं। इससे उन्हें सिस्टम पर पूरा कंट्रोल मिल सकता है।
CERT-In का कहना है कि इन खामियों का इस्तेमाल कर हैकर डेटा चुराने के साथ-साथ रैंसमवेयर अटैक, फिशिंग और दूसरे साइबर क्राइम्स को अंजाम दे सकते हैं।
गूगल ने किया पैच रिलीज
गूगल ने इस सुरक्षा खामी को गंभीरता से लेते हुए इसके लिए एक सेक्योरिटी पैच जारी किया है। यूजर्स को सलाह दी गई है कि वे क्रोम ब्राउज़र को तुरंत लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट करें। क्रोम के लेटेस्ट अपडेट में इन सभी खामियों को ठीक कर दिया गया है।
गूगल ने कहा है कि उसे इन खामियों की जानकारी कुछ सिक्योरिटी रिसर्चर्स से मिली थी और उसने तुरंत इस पर एक्शन लिया।
कैसे करें गूगल क्रोम अपडेट
- गूगल क्रोम ब्राउज़र खोलें।
- ऊपर दाएं कोने में तीन डॉट्स पर क्लिक करें।
- “Help” पर जाएं और फिर “About Google Chrome” चुनें।
- यहां आपका ब्राउज़र अपडेट होना शुरू हो जाएगा।
- अपडेट पूरा होने के बाद ब्राउज़र को रीस्टार्ट करें।
यह प्रक्रिया बेहद आसान है और कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाती है, लेकिन यह आपके सिस्टम को बड़ी मुसीबत से बचा सकती है।
सरकार की ओर से क्यों जरूरी है यह अलर्ट
CERT-In, जो कि भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत काम करती है, समय-समय पर देश के डिजिटल उपयोगकर्ताओं को साइबर खतरों को लेकर आगाह करती है। इस बार की चेतावनी खास इसलिए भी है क्योंकि यह डेस्कटॉप यूजर्स की सुरक्षा से जुड़ी है, और हैकर इसका इस्तेमाल करके महत्वपूर्ण सरकारी, कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत डेटा तक पहुंच बना सकते हैं।
क्या कहता है साइबर एक्सपर्ट का नजरिया
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के खतरों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। जैसे-जैसे हम डिजिटल होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे हमारी डिजिटल प्राइवेसी और सिक्योरिटी खतरे में पड़ती जा रही है। इसलिए, जरूरी है कि हर यूजर अपने डिवाइस को समय-समय पर अपडेट करता रहे, केवल सुरक्षित वेबसाइट्स पर ही ब्राउज़ करे और किसी भी संदिग्ध लिंक को क्लिक न करे।
फाइनल अलर्ट: अभी करें अपडेट
अगर आप गूगल क्रोम का इस्तेमाल करते हैं और आपने ब्राउज़र को हाल ही में अपडेट नहीं किया है, तो यह समय है कि आप इसे तुरंत अपडेट करें। यह ना सिर्फ आपके सिस्टम को सुरक्षित रखेगा बल्कि आपके डेटा और निजी जानकारी को भी बचाएगा।