राकेश टिकैत के खिलाफ योगी सरकार की कार्रवाई ने एक बार फिर किसान आंदोलन को सुर्खियों में ला दिया है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत को हाल ही में अलीगढ़ पुलिस ने हिरासत में लिया था। यह घटना तब हुई जब वह गौतम बुद्ध नगर में एक किसान पंचायत में भाग लेने जा रहे थे। टिकैत की गिरफ्तारी और उसके बाद की घटनाओं ने किसानों के बीच असंतोष को बढ़ा दिया है।
राकेश टिकैत की गिरफ्तारी
बुधवार को राकेश टिकैत को अलीगढ़ पुलिस ने हिरासत में लिया। उन्हें यमुना एक्सप्रेसवे पर उनके समर्थकों के साथ गिरफ्तार किया गया और टप्पल थाने ले जाया गया। पुलिस ने स्पष्ट किया कि टिकैत को गिरफ्तार नहीं किया गया, बल्कि उन्हें ‘हिरासत’ में लिया गया है। इस दौरान, टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलिस किसानों को उनके घरों में नजरबंद कर रही है और उन्हें नोएडा जाने से रोक रही है।
किसानों का आंदोलन
टिकैत ने कहा कि यदि अधिकारियों का यही रवैया जारी रहा तो किसानों का आंदोलन और तेज हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पूरे प्रदेश में 50 से अधिक पुलिस थानों पर हिरासत में लिए गए किसानों को पंचायत करने की सलाह दी गई है। उनका कहना है कि किसान लंबे संघर्ष की तैयारी कर रहे हैं और वे अपनी मांगों के लिए एकजुट रहेंगे।
मांगें और मुद्दे
किसान मुख्य रूप से अपनी जमीन के बदले उचित मुआवजे और अन्य लाभों की मांग कर रहे हैं। हाल ही में, कई गांवों के सैकड़ों प्रदर्शनकारी ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर इकट्ठा हुए थे। यह प्रदर्शन राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन के मुआवजे को लेकर था। टिकैत ने कहा कि वे गौतम बुद्ध नगर में चल रही किसान पंचायत के निर्णय का सम्मान करेंगे और उसके अनुसार आगे बढ़ेंगे।
वीडियो वायरल
इस घटनाक्रम के बीच, राकेश टिकैत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में वह बताते हैं कि कैसे योगी सरकार उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है और किसान अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं।
योगी सरकार की प्रतिक्रिया
योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर सवाल उठ रहे हैं। सरकार का कहना है कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है, लेकिन किसान नेताओं का आरोप है कि यह कार्रवाई उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।
राकेश टिकैत की गिरफ्तारी और उसके बाद का घटनाक्रम यह दर्शाता है कि किसान आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है। किसान अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं, और उनका संघर्ष जारी रहेगा। योगी सरकार को अब यह देखना होगा कि वह किस प्रकार से इस स्थिति को संभालती है।