राजस्थान पेंशन नियमों में बदलाव: राजस्थान सरकार ने कर्मचारियों के आश्रितों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है, जो एक बड़ी सौगात साबित होने वाला है। भजनलाल सरकार ने यह अहम फैसला लेते हुए खुशखबरी दी है। पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सिविल सेवा नियमों में भी अहम बदलाव किए गए। पेंशन की सीमा बढ़ाने के फैसले ने भी कई लोगों को चौंकाया। अब तक कर्मचारी की मृत्यु के बाद पेंशन का 30 प्रतिशत हिस्सा माता-पिता को दिया जाता था, लेकिन नियम 62 को निरस्त कर दिया गया है। अब ऐसा नहीं होगा। पारिवारिक पेंशन का 50 प्रतिशत हिस्सा माता-पिता को देने के फैसले को मंजूरी दे दी गई है।
माता-पिता को कितनी पेंशन मिलेगी?
राजस्थान सरकार ने घोषणा की है कि कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके माता-पिता को भी 5 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन मिलेगी। इसके अतिरिक्त, मानसिक रूप से विक्षिप्त या दिव्यांग बच्चे भी विवाह के बाद पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर सकेंगे। पहले, यह लाभ विवाह के बाद समाप्त हो जाता था। पेंशन की सीमा 8,550 रुपये से बढ़ाकर 13,750 रुपये करने का भी निर्णय लिया गया है। राजस्थान सरकार का यह एक बड़ा फैसला है, जो बूस्टर डोज साबित होगा।
सरकार ने यह उपहार भी दिया।
उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के अनुसार, जयपुर स्थित महाराणा प्रताप खेल विश्वविद्यालय के लिए मसौदा विधेयक को मंज़ूरी दे दी गई है। यह विश्वविद्यालय खेल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अनुसंधान को बढ़ावा देगा। यह खेलों की गुणवत्ता और खिलाड़ियों के प्रदर्शन में भी सुधार लाएगा, साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप होगा और उत्कृष्टता केंद्र के रूप में कार्य करेगा। महाराणा प्रताप के नाम पर स्थापित यह खेल विश्वविद्यालय देश भर में खेलों को विशेष प्रोत्साहन भी प्रदान करेगा।
एनआरआई कोटा पर एक प्रमुख अपडेट
कैबिनेट ने मेडिकल कॉलेजों के लिए एनआरआई कोटा फीस और मैनेजमेंट कोटा फीस में भी बड़े बदलाव किए हैं। अब तक, एनआरआई कोटा फीस 31 लाख रुपये और मैनेजमेंट कोटा फीस 90 लाख रुपये थी। इस बीच, मैनेजमेंट के लिए एनआरआई कोटा 35 प्रतिशत और एनआरआई के लिए 1 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।
इसमें प्रतिवर्ष प्रतिशत वृद्धि का प्रावधान था। इससे कॉलेजों को घाटा हो रहा था। इसके अलावा, अब कैबिनेट ने फैसला किया है कि एनआरआई कोटे की फीस मैनेजमेंट कोटे की फीस से ढाई गुना होगी। इससे एनआरआई फीस 24 लाख रुपये से भी कम हो जाएगी।