थर्मो-रेडियेटिव जैसी टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने वाले सोलर पैनल रात को भी बिजली जनरेट कर सकते हैं। ऐसे पैनल का प्रयोग करने के बाद बिजली की कमी नहीं होती है।
रात को बिजली जनरेट करने वाला सोलर पैनल (Solar Panel generates electricity at night) बाजार में आने वाला है, यह सबसे एडवांस तकनीक का सोलर पैनल है। इस प्रकार के सोलर पैनल को इंस्टाल करने के बाद अन्य पैनल से ज्यादा बिजली प्राप्त कर सकते हैं, ऐसे में आपकी बिजली की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है, और बिल को कम कर सकते हैं।
रात को बिजली जनरेट करने वाला सोलर पैनल
कुछ समय पहले ही स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा रात को बिजली जनरेट करने वाला सोलर पैनल विकसित किया है, इस प्रकार के पैनल से दिन और रात दोनों में ही बिजली बनती है, अर्थात ये सोलर पैनल 24 घंटे ही बिजली बना सकते हैं। पारंपरिक तकनीक के सोलर पैनल केवल सौर ऊर्जा से ही दिन के समय बिजली बनाते हैं, जबकि नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता को बढ़ाने में आधुनिक तकनीक के पैनल का प्रयोग किया जा सकता है।
कैसे बनती है रात में बिजली?
- ये सोलर पैनल थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेशन के सिद्धांत पर काम करते हैं।
- सोलर पैनल के नजदीकी वातावरण के मध्य उपस्थित तापमान से बिजली जनरेट होती है।
- इन सोलर पैनल में सोलर सेल और ऐम्बिएट एयर के टेम्परेचर में अंतर रहता है, जिसका प्रयोग कर के ही बिजली बनाई जाती है।
- वातावरण में मौजूद गर्मी का प्रयोग कर के ये सोलर पैनल बिजली बनाते हैं।
रात को बिजली जनरेट करने वाला सोलर पैनल क्या रहेगी कीमत?
इस प्रकार के सोलर पैनल की शुरुआती कीमत 30 हजार रुपये से 50 हजार रुपये तक हो सकती है, किसी भी सोलर पैनल की कीमत पैनल की क्षमता और आकार पर निर्भर करती है। इस प्रकार के आधुनिक सोलर पैनल का प्रयोग कर के आप बिजली की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकते हैं। रात को बिजली जनरेट करने वाला सोलर पैनल जल्द ही बाजारों में देखा जाएगा।
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सोलर पैनल के प्रयोग से जीवाश्म ईंधन की निर्भरता को कम किया जा सकता है, क्योंकि जीवाश्म ईंधन से चलने वाले उपकरण भारी मात्रा में प्रदूषण करते हैं, ऐसे में आधुनिक सोलर पैनल का प्रयोग कर के पर्यावरण को भी प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है। साथ ही ग्रिड बिजली की निर्भरता को कम कर बिजली बिल को घटाया जा सकता है।