Expressway : देश में केंद्र सरकार भारतमाला परियोजना के तहत देश के कोने-कोने में सड़कों का जाल बिछा रही है। देशभर में एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया जा रहा है। देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई तो बन ही रहा है, दूसरा सबसे लंबा अमृतसर- जामनगर एक्सप्रेसवे भी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।
इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। जिसकी कुल लंबाई 1,271 किलोमीटर है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 1,350 किलोमीटर के आसपास है. यह एक्सप्रेसवे चेन्नई को सूरत से जोड़ेगा और वेस्टर्न घाट के रास्ते लोग इस सफर को तय करेंगे. नया एक्सप्रेसवे 2 साल में पूरा हो जाएगा और इससे दोनों शहरों के बीच ट्रैवल टाइम भी घटकर आधा रह जाएगा.
राजस्थान में रेगिस्तान के बीच से गुजरेगा
इस एक्सप्रेसवे का एक बड़ा हिस्सा हरियाणा और राजस्थान में रेगिस्तान के बीच से गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल आम लोगों की बजाय यहां के उद्योगों और व्यापारियों को होगा। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से अमृतसर और उसके आसपास के उद्योंगों की पहुंच सीधे गुजरात के उद्योगों तक हो जाएगी। इस एक्सप्रेसवे का करीब 500 किमी हिस्सा राजस्थान से गुजरेगा, जो रेगिस्तान में रेत के टीलों के बीच से होकर जाएगा।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) इस एक्सप्रेसवे को विकसित कर रहा है. इस पर अधिकतम स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई है. एक्सप्रेसवे के निर्माण पर करीब 50 हजार करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है. इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से करीब 50 हजार गाडि़यों का ट्रैफिक सड़क पर कम हो जाएगा. फिलहाल इसे 4 लेन का बनाया जा रहा है, जो भविष्य में बढ़ाकर 6 और फिर 8 लेन किया जा सकेगा.
सफर में कितना समय लगेगा
चेन्नई और सूरत के बीच एक्सप्रेसवे तैयार होने के बाद दोनों शहरों की मौजूदा दूरी 1,600 किलोमीटर से घटकर 1,270 किलोमीटर रह जाएगी. अभी जहां इस दूरी को तय करने में 35 घंटे तक का सफर लग जाता है, वहीं नए एक्सप्रेसवे से सफर का समय आधा घटकर सिर्फ 18 घंटे रह जाएगा.