रेलवे ट्रैक पर पत्थर बिछाने के पीछे कई वैज्ञानिक और तकनीकी कारण हैं। इन पत्थरों को सामान्यतः “बैलेस्ट” कहा जाता है और ये रेलवे ट्रैक के स्थायित्व और सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस लेख में हम इन पत्थरों के विभिन्न कार्यों और महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
बैलेस्ट का महत्व
पटरियों को स्थिर रखना
रेलवे ट्रैक पर बिछाए गए पत्थर मुख्यतः पटरियों को स्थिर रखने के लिए होते हैं। जब ट्रेन चलती है, तो उसका भारी वजन और गति पटरियों पर दबाव डालते हैं। पत्थर इन पटरियों को अपने स्थान पर मजबूती से पकड़े रखते हैं, जिससे पटरियों का फैलाव और स्थानांतरण कम होता है। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यदि पटरियाँ सही स्थिति में नहीं रहेंगी, तो यह ट्रेन की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है.
कंपन और शोर को कम करना
जब ट्रेन तेज गति से चलती है, तो इससे जमीन और पटरियों में कंपन उत्पन्न होता है। बैलेस्ट इन कंपन को कम करने में मदद करता है। पत्थर पटरियों के नीचे एक कुशन के रूप में कार्य करते हैं, जिससे कंपन का प्रभाव कम होता है और ट्रेन की यात्रा अधिक आरामदायक होती है। इसके अलावा, यह पटरियों के नीचे की स्लीपर्स को फैलने से भी रोकता है.
जल निकासी में सहायता
बारिश के दौरान, पानी ट्रैक पर जमा हो सकता है, जो पटरियों के लिए हानिकारक होता है। बैलेस्ट का एक और महत्वपूर्ण कार्य यह है कि यह पानी को सही तरीके से बहाने में मदद करता है। ये पत्थर जल निकासी को बेहतर बनाते हैं, जिससे पटरियों के नीचे जलभराव की समस्या नहीं होती और पटरियों की उम्र बढ़ती है.
वनस्पति को रोकना
पटरियों के आसपास की वनस्पति को बढ़ने से रोकने के लिए भी बैलेस्ट का उपयोग किया जाता है। यदि पटरियों के आसपास घास या झाड़ियाँ उगती हैं, तो यह ट्रेन की गति और सुरक्षा को प्रभावित कर सकती हैं। पत्थरों की उपस्थिति इन वनस्पतियों को बढ़ने से रोकती है, जिससे ट्रैक की साफ-सफाई बनी रहती है.
बैलेस्ट का निर्माण
बैलेस्ट को बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की चट्टानों का उपयोग किया जाता है, जैसे ग्रेनाइट, ट्रैप रॉक, और डोलोमाइट। इन चट्टानों को विशेष आकार में काटा जाता है ताकि वे एक-दूसरे के साथ अच्छी तरह से जुड़ सकें और स्थिरता प्रदान कर सकें। यह सुनिश्चित करता है कि बैलेस्ट समय के साथ अपनी स्थिति बनाए रखे और ट्रैक की सुरक्षा में कोई कमी न आए.
रेलवे ट्रैक पर बिछाए गए पत्थर केवल सजावट का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि ये सुरक्षा, स्थिरता और ट्रैक के दीर्घकालिक रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी उपस्थिति से न केवल पटरियों की उम्र बढ़ती है, बल्कि यात्रियों के लिए यात्रा को भी अधिक सुरक्षित और आरामदायक बनाया जाता है।