Indian Railway Mall Dhulaai: भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 11 महीनों में 1,465.371 मीट्रिक टन माल ढुलाई करके एक नया मुकाम हासिल किया है. यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष के पूरे 12 महीने में की गई 1,443.166 मीट्रिक टन माल ढुलाई से भी अधिक है. इस उपलब्धि ने न केवल रेलवे की क्षमता को दर्शाया है बल्कि इससे आर्थिक विकास में भी योगदान दिया है.
माल ढुलाई से रेवेन्यू में बढ़ोतरी
माल ढुलाई रेवेन्यू में लगभग 65% का योगदान देने वाली भारतीय रेलवे की आय का मुख्य स्रोत बनी हुई है. मुख्य रूप से कोयला, लौह अयस्क और सीमेंट जैसे सामग्रियों की ढुलाई रेवेन्यू के प्रमुख घटक हैं, जिससे रेलवे की आय में स्थिरता और वृद्धि दोनों सुनिश्चित होती है.
रेल पटरियों का विस्तार और नवीनीकरण
पिछले 11 वर्षों में भारतीय रेलवे ने 34,000 किलोमीटर से अधिक नई रेल पटरियों का निर्माण किया है. इस विस्तार ने मालगाड़ियों के संचालन में तेजी लाई है और यात्री गाड़ियों की संख्या में भी वृद्धि की है. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) के विकास ने मालगाड़ियों की गति को भी बढ़ाया है, जिससे लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन में क्रांति आई है.
लोकोमोटिव उत्पादन में बढ़ोतरी
रेलवे की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए लोकोमोटिव के उत्पादन में भी तेजी आई है. वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान केवल जनवरी तक 1,346 लोकोमोटिव का उत्पादन हुआ है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9% अधिक है. यह उत्पादन न केवल मालगाड़ियों के संचालन को बेहतर बनाता है बल्कि यात्री गाड़ियों की सेवाओं में भी सुधार करता है.
यह जानकारी न केवल रेलवे के क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि सामान्य जनता और व्यवसायिक हितधारकों के लिए भी उपयोगी है. ये आंकड़े भारतीय रेलवे के निरंतर प्रगति और विकास की गाथा को दर्शाते हैं, और इसके भविष्य के उज्जवल होने की आशा को जगाते हैं.