अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीजा पर $100,000 (करीब 88 लाख रुपये) की भारी-भरकम फीस थोपने के फैसले के बाद दुनियाभर में हड़कंप मच गया। खासतौर पर आईटी सेक्टर में इस कदम से बड़ा झटका महसूस किया गया, क्योंकि अमेरिका में काम कर रहे H-1B वीजा धारकों में भारतीयों की हिस्सेदारी 70% से ज्यादा है। हालांकि, मचे इस हंगामे के बीच व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलाइन लेविट ने स्थिति स्पष्ट की और बताया कि यह चार्ज हर साल का नहीं, बल्कि नए आवेदकों के लिए एक वन-टाइम फीस है।
H-1B वीजा और नया नियम
H-1B वीजा अमेरिका का एक नॉन-रेजिडेंट वर्क वीजा है, जिसके जरिए अमेरिकी कंपनियां विदेशी प्रोफेशनल्स को नियुक्त कर सकती हैं। यह वीजा खासतौर पर टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर, फाइनेंस और एजुकेशन जैसे क्षेत्रों में दिया जाता है। Infosys, TCS, Google, Amazon, Microsoft और Meta जैसी कंपनियों में बड़ी संख्या में कर्मचारी इसी वीजा पर काम करते हैं, जिनमें भारतीय सबसे आगे हैं।
नए नियम के तहत, किसी भी विदेशी कर्मचारी को अमेरिका में पहली बार प्रवेश दिलाने या दोबारा एंट्री कराने के लिए कंपनी को हर H-1B एप्लीकेशन पर $100,000 का भुगतान करना होगा। शुरुआती रिपोर्ट्स में कहा गया था कि यह शुल्क एनुअल बेसिस पर लिया जाएगा और रिन्यूअल पर भी लागू होगा, जिससे भ्रम और चिंता और बढ़ गई।
भारत क्यों सबसे ज्यादा प्रभावित?
H-1B वीजा पर अमेरिका में काम कर रहे पेशेवरों में सबसे बड़ा हिस्सा भारतीयों का है। अमेरिकी इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) के डेटा के अनुसार, फाइनेंशियल ईयर 2024 में स्वीकृत कुल H-1B आवेदनों में से करीब 71% भारतीय नागरिक थे। अनुमान है कि लगभग 3 लाख भारतीय इस वीजा पर अमेरिका में काम कर रहे हैं। ऐसे में ट्रंप सरकार का हर बदलाव सीधे तौर पर भारतीय आईटी सेक्टर और प्रोफेशनल्स को प्रभावित करता है।
एयरपोर्ट्स पर अफरातफरी
नए नियम की घोषणा के बाद भारत सहित कई देशों में अफरातफरी का माहौल बन गया। सैन फ्रांसिस्को क्रॉनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक, कई वीजा धारकों ने डर के कारण अपनी यात्रा रद्द कर दी और कुछ ने एयरपोर्ट से ही वापस लौटना बेहतर समझा। दिल्ली से न्यूयॉर्क की फ्लाइट का किराया कुछ घंटों के भीतर 37,000 रुपये से बढ़कर 70,000–80,000 रुपये तक पहुंच गया।
व्हाइट हाउस ने साफ की तस्वीर
नियम को लेकर उठ रहे सवालों के बीच कैरोलाइन लेविट ने विस्तार से जवाब दिया:
- कौन होगा प्रभावित?
यह चार्ज सिर्फ नए H-1B वीजा आवेदन पर लागू होगा। मौजूदा वीजा धारकों या उनके रिन्यूअल पर कोई असर नहीं पड़ेगा। - कितनी बार लगेगा?
यह शुल्क वन-टाइम फीस है। यानी केवल नए आवेदन करने पर ही देना होगा, हर साल नहीं। - क्या मौजूदा धारकों का अमेरिका में प्रवेश रोका जाएगा?
बिल्कुल नहीं। मौजूदा H-1B वीजा धारक पहले की तरह अमेरिका आ-जा सकेंगे।
30 दिन में समीक्षा और हेल्पलाइन
नए नियम पर स्थिति साफ करने के साथ ही अमेरिकी प्रशासन ने यह भी कहा कि अगले H-1B लॉटरी साइकिल शुरू होने के 30 दिनों के भीतर इसकी समीक्षा की जाएगी। वहीं, भारतीय नागरिकों की मदद के लिए अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर +1-202-550-9931 जारी किया है।