Roopway in Shimla: शिमला जो कि पहाड़ों की रानी के नाम से जानी जाती है अब सैलानियों के लिए और भी आसान होने जा रहा है. एक नई रोपवे परियोजना की घोषणा की गई है जो परवाणू से शिमला तक यात्रा को कुछ ही घंटों में संभव बना देगी. इस प्रोजेक्ट पर लगभग 6800 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा जिससे यह राज्य के सबसे महत्वपूर्ण परिवहन ढांचों में से एक बन जाएगा.
तकनीकी प्रगति और सर्वेक्षण का चरण
इस रोपवे परियोजना की तैयारी में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. रोपवे कॉरपोरेशन (Ropeway Corporation’s Planning) ने जमीन की पहचान कर ली है और सर्वेक्षण का काम पूरा कर लिया है. यह रोपवे 38 किलोमीटर लंबा होगा और इसे पीपीपी मोड पर बनाया जाएगा जिससे सार्वजनिक-निजी साझेदारी से यह विशाल परियोजना साकार हो सकेगी.
लाभार्थी और पर्यटन को बढ़ावा
रोपवे परियोजना से न केवल स्थानीय निवासी लाभान्वित होंगे बल्कि सैलानी भी शिमला और सोलन के खूबसूरत पहाड़ों को आसमान से निहार सकेंगे (Enhancing Tourism). इससे पर्यटन में वृद्धि होगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा. रोपवे से शिमला पहुँचने का समय कम हो जाएगा और पर्यटक अधिक समय शहर की सुंदरता का आनंद ले सकेंगे.
भारत का सबसे लंबा रोपवे
इस रोपवे को भारत का सबसे लंबा रोपवे बनाने की योजना है, जिसका निर्माण आठ चरणों में पूरा किया जाएगा. इसमें कई स्टेशन शामिल होंगे जैसे कि परवाणू-जाबली, जाबली-डगशाई, और डगशाई-बड़ोग आदि (India’s Longest Ropeway Route). प्रत्येक स्टेशन पर यात्रियों को उत्कृष्ट सुविधाएं और दर्शनीय स्थलों का अनुभव प्राप्त होगा.