हाल ही में पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे साजिब वाजेद जॉय ने उन अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि उनकी मां ने कहीं शरण (asylum) लेने के लिए आवेदन किया है। साजिब वाजेद जॉय ने स्पष्ट किया कि उनकी मां का ऐसा कोई इरादा नहीं है और वे अपनी राजनीतिक स्थिति चाहे जो भी हो, बांग्लादेश में ही अपने गांव के घर में रिटायर होने की योजना बना रही हैं।
साजिब वाजेद जॉय का बयान
ANI के साथ एक विशेष साक्षात्कार में साजिब वाजेद जॉय ने कहा, “ये सभी अफवाहें हैं। मेरी मां ने कहीं भी शरण के लिए आवेदन नहीं किया है। उन्होंने अपना अधिकांश जीवन बांग्लादेश में बिताया है और वह देश से बाहर नहीं रहना चाहतीं। उनके इस कार्यकाल के अंत में उनका प्लान था कि वे राजनीति में रहें या न रहें, वे गांव के घर में जाकर रिटायर होंगी।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या शेख हसीना राजनीति में वापस लौटेंगी, तो जॉय ने इस पर कोई निश्चित टिप्पणी नहीं की और कहा कि इसका उत्तर शेख हसीना खुद दे सकती हैं। जॉय ने बताया कि शेख हसीना को विदेश में रहने का विकल्प होते हुए भी उन्होंने बांग्लादेश में ही रहना चुना क्योंकि उन्हें अपने देश से बहुत प्यार है।
बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर चिंता
साजिब वाजेद जॉय ने बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति को “अराजक” बताया और कहा कि देश में कानून और व्यवस्था पूरी तरह से टूट चुकी है। उन्होंने अल्पसंख्यकों की दुर्दशा और कानून प्रवर्तन की कमी पर भी चिंता जताई।
उन्होंने कहा, “इस समय बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था नहीं है। अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं। देशभर में कानून प्रवर्तन एजेंसियां काम नहीं कर रही हैं, और इस समय बांग्लादेश में कोई पुलिस नहीं है।”
एक और महत्वपूर्ण बयान में उन्होंने यह भी बताया कि उनकी माता ने अभी तक प्रधानमंत्री पद से किसी भी प्रकार का रेजिग्नेशन नहीं दिया है। मामले की पूरी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वक्त इतना काम था कि इसके लिए भी कोई समय उनके पास नहीं था। इसके साथ ही शेख हसीना के वासी और प्रधानमंत्री पद से रेजिग्नेशन के पूरे बातों पर विराम लग गया है। हालांकि उन्होंने यह जरूर बताया कि पार्लियामेंट को भंग कर दिया गया और कमान सेना को सौंप दी गई थी।