जय श्री राम
अयोध्या में सोमवार 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई। भक्तों के लिए रामलला का मंदिर खोल गया है। अब मंदिर में जाकर रामलला के दर्शन करने और अयोध्या के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करने की जानकारी के लिए नीचे गई अयोध्या टूर गाइड को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम के जन्मस्थली अयोध्या भारत की पवित्र सप्त पुरियों (अयोध्या, मथुरा, माया (हरिद्वार), काशी, कांची, अवंतिका (उज्जयिनी) और द्वारका) में प्रथम स्थान पर है। जब महाराज मनु के लिए एक नगर का निर्माण होना था, तब महर्षि वशिष्ठ ने सरयू नदी के किनारे एक भूमि का चयन किया, इसी भूमि पर देवशिल्पी विश्वकर्मा जी ने अयोध्या नगरी की स्थापना की। अर्थवेद में अयोध्या को भगवान का नगर कहा गया है। स्कंद्पुरण में दिया है कि अयोध्या नगर भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र पर स्थित है। दशरथ नंदन श्री राम के जन्म के लिए प्रसिद्ध अयोध्या में अन्य कई ऋषि-मुनि, तीर्थकरों, महान योध्या एवं कई चक्रवर्ती सम्राट भी जन्म ले चुके है। बौद्ध धर्मियों के अनुसार भगवान बुद्ध ने अयोध्या (साकेत) में लगभग 16 वर्ष तक निवास किया था। आज हम आपको बताते है कि कैसे आप भगवान श्री राम के दर्शन मंदिर में कर सकते है और अयोध्या के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करके अपनी सम्पूर्ण यात्रा का आनंद ले सकते है।
अयोध्या कैसे पहुँचे?
दूसरे राज्यों से अयोध्या आने वाले पर्यटक एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन,और बस स्टैंड से अयोध्या पहुच सकते है। उत्तरप्रदेश के मुख्मंत्री योगी जी ने फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया है। इसलिए सर्च करते समय अयोध्या का ही प्रयोग करें।
वायुमार्ग से अयोध्या कैसे पहुँचे ?
अयोध्या पहुचने के लिए सबसे निकट अयोध्या एयरपोर्ट से राम मंदिर करीब सात किलोमीटर दूर है। ऑटो या टैक्सी से इतनी दूरी तय करने के लिए आपको 100 से 150 रुपये खर्च करने होंगे। इसके अलावा इलेक्ट्रिक कार बुक करने की सुविधा भी उपलब्ध है जिससे आप सीधे करके भी राम मंदिर जा सकते हैं। अयोध्या 130 किमी की दूरी पर चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट लखनऊ में स्थित है। यहाँ पहुचने के बाद आप एयरपोर्ट से टैक्सी लेकर या ट्रेन या बस के द्वारा सफर करके अयोध्या पहुँच सकते है। आप अन्य गोरखपुर, इलाहाबाद और वाराणसी एयरपोर्ट के माध्यम से भी अयोध्या आ-जा सकते है।
ट्रेन के द्वारा अयोध्या कैसे पहुँचे ?
अयोध्या पहुचने के लिए रेलवे सबसे अच्छा साधन है। अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से राम मंदिर मात्र एक किलोमीटर दूर है। ई-रिक्शा, टेंपो, लोकल बस या रिक्शे से इसका किराया सिर्फ 10 रुपया है। अयोध्या केंट से राम मंदिर सात किलोमीटर दूर है। अयोध्या केंट और अयोध्या रेलवे स्टेशन के किये लगभग सभी प्रमुख महानगरों एवं नगरों से ट्रेन चलती हैं। अगर अयोध्या या अयोध्या केंट पहुचने के लिए आपके शहर से कोई सीधी ट्रेन नहीं है तो आप मनकापुर या लखनऊ रेलवे स्टेशन आ सकते है। मनकापुर से अयोध्या 35 किमी और लखनऊ से 130 किमी दूर है। यहाँ से आप बस, टैक्सी या कार से अयोध्या पहुँच सकते हैं।
सड़क मार्ग से अयोध्या कैसे पहुंचे ?
अयोध्या के लिए सरकारी और निजी बस सेवाओं का बड़ा नेटवर्क है, जो अयोध्या को देश के कई शहरों से जोड़ कर रखता है। अयोध्या बस स्टैंड से राम मंदिर से तीन किलोमीटर दूर स्थित है। आपको लता मंगेशकर चौराहे से होते हुए जाना होगा। ऑटो / ई रिक्शा/ और लोकल बस वाले 20 रुपये किराया लेंगे। उत्तरप्रदेश और आस पास के राज्यों से अयोध्या के लिए कई एसी और नॉन एसी बस चलती है। अयोध्या से लखनऊ 130 किलोमीटर, वाराणसी 200 किलोमीटर, इलाहाबाद 160 किलोमीटर, गोरखपुर 140 किलोमीटर और दिल्ली लगभग 636 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। जिनसे आप बस, टैक्सी या कार के माध्यम से अयोध्या तक का सफ़र कर सकतें है।
अयोध्या जाने का उचित समय
अयोध्या भगवान राम का धाम है और भगवान राम के दर्शन के लिए हर मौसम सुहाना होता है परन्तु बच्चों और परिवार को ध्यान को में रखते हुए बारिश का मौसम जाने बाद अक्टूबर से मार्च का समय अयोध्या जाने के सबसे अच्छा होता है। अयोध्या में अप्रैल, मई और जून में बहुत गर्मी पड़ती है।
अयोध्या में रुकने की व्यवस्था ?
अयोध्या में कई प्रकार के प्रायवेट होटल और धर्मशालाएं उपलब्ध है। यहाँ पर श्री जानकी महल ट्रस्ट और बिड़ला धर्मशाला रुकने के लिए उत्तम है। यहाँ रुकने से आप अयोध्या की धर्म और संस्कृति से भी परिचित हो जायेंगे। यहाँ नॉन AC कमरा 400 रु में और AC रूम 1200-2000 रु में मिल जायेंगे। आप ऑनलाइन वेबसाइट से होटल के AC और NON AC रूम बुक कर सकते है। अयोध्या में धर्मशालाओं की जानकारी का लिंक नीचे दिया गया है।
अयोध्या में भोजन की उपलब्धता
अयोध्या में कई AC और NON AC रेस्टोरेंट और भोजनालय है। जहाँ पर आप अपना मनपसंद भोजन कर सकते है। श्री राम जन्म भूमि के पास अमावा राम मंदिर के बाहर पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर के द्वारा राम की रसोई का संचालन किया जाता है, जहाँ भक्तों को निशुल्क भोजन प्रसाद दिया जाता है। इसके अलावा कनक भवन ट्रस्ट द्वारा संचालित कनक रसोई में बिना लहसुन प्याज का भोजन प्रसाद और नाश्ता अत्यंत कम दामों में मिल जाता है। कुछ धर्मशालाओं में रुकने वाले वाले यात्रियों को निशुल्क या नाममात्र शुल्क में चाय, नाश्ता और भोजन आदि दिया जाता है।
अमावा राम रसोई, अयोध्या
अमावा राम रसोई अयोध्या में बहुत प्रसिद्ध हैं। यह राम रसोई राम मन्दिर के बगल में ही स्थित हैं। ऐसा कहा जाता है की अगर आप अयोध्या घूमने आये है और आपने अमावा राम रसोई में अगर खाना नहीं खाया तो आपने अयोध्या के असली खाने के स्वाद को नहीं चखा। अगर आप खाना नहीं खा सकते है तो यहां प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं। यहां पर अनेक प्रकार के भोजन मिलते हैं। यहाँ पर सभी को निःशुल्क भोजन कराया जाता हैं। वैसे तो यहाँ भोजन करने का एक रुल है सबसे पहले आप राम रसोई के कार्यालय में जाकर एक पर्ची ले उस पर्ची पर नाम पता के अलावा आधार कार्ड नम्बर भी भरे जो अयोध्या से बाहर के हो पर्ची कार्यालय हेड को दिखानी होती है। उसके बाद उस पर्ची को लेकर आपको लाइन में लगना पड़ता है। तब जाकर आप यहाँ के स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकते है।
अयोध्या राम मंदिर दर्शन बुकिंग (निःशुल्क)
अयोध्या में राम मंदिर के निःशुल्क सुगम दर्शन की बुकिंग
राम मंदिर दर्शन कैसे करें?
सबसे पहले हम राम मंदिर परिसर तक पहुचेंगे, राम मंदिर परिसर के मुख्य प्रवेश द्वार से राम मंदिर लगभग 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से मंदिर तक पहुंचने के लिए बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की सुविधा भी उपलब्ध है। सबसे पहले जूते चप्पल अदि जमा करके टोकन ले लीजिये फिर आगे बढ़ने पर कोई भी इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे कार की चाबी, स्मार्टफ़ोन, कैमरा, स्मार्ट वाच, ऑडियो उपकरण, मीडिया रिकॉर्डिंग डिवाइस, और जीपीएस जैसे उपकरण लॉकर में जमा करा दीजिये।
यहाँ से हमें लाइन में लगकर धीरे धीरे आगे बढ़ना होगा। इसके बाद हमें सुरक्षा जाँच से गुजरना होगा जहाँ से आप कोई भी खाने पीने का सामान, पानी को बोतल, इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे कार की चाबी, स्मार्टफ़ोन, कैमरा, ऑडियो उपकरण, मीडिया रिकॉर्डिंग डिवाइस और जीपीएस जैसे उपकरण अन्दर नहीं ले जा सकते।
राम मंदिर तक पहुचने लिए हमें सिंह द्वार पार करना होगा। फिर 32 सीढ़ियाँ चढ़कर आगे बढ़ते हुए एक-एक करके पांच मंडपों को भी पार करना होगा। इसके बाद आपको लाइन नंबर 1 में आना है जिससे आप सबसे पास से गर्भगृह में भगवान राम के बालक रूप में के दर्शन कर सकते है। भगवान रामलला को भी नये राम मंदिर में शिफ्ट कर दिया है आप यहाँ उनके भी दर्शन कर सकते है। दर्शन करने के बाद बायीं ओर से निकास होगा।
Ayodhya Ram Mandir Timing
सुबह- 6.30 से दोपहर 12.00 बजे तक
दोपहर- 2.30 से रात 10.00 बजे तक
दिन में ढाई घंटे (दोपहर 12 बजे से 2.30 बजे तक) भगवान विश्राम करते है। इस समय पर गर्भगृह के दरवाजे बंद रहेंगे।
Ayodhya Ram Mandir Aarti Timing
रामलला की दिन में छह बार की जाती है
मंगला आरती – सुबह 4.30 बजे
शृंगार आरती – सुबह 6.30 बजे से 7.00 बजे तक
भोग आरती – सुबह 11.30 बजे
मध्यान्ह आरती – दोपहर 2.30 बजे
संध्या आरती – शाम 6.30 बजे
शयन आरती – रात 8.30 बजे से 9.00 बजे तक
आरती में कैसे सम्मलित हों ?
रामलला की हर आरती में अभी अधिकतम 30 लोगों के ही शामिल होने की अनुमति है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद दर्शन और आरती का स्वरूप और भक्तों की संख्या बढ़ सकती है।
आरती में वही शामिल हो सकते हैं, जिसके पास ट्रस्ट द्वारा जारी अनुमति पास हो। ट्रस्ट के कार्यालय से ऑफलाइन के अलावा रामजन्मभूमि मंदिर के पोर्टल के जरिए ऑनलाइन पास बनवाए जा सकते हैं।
पास के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट में कोई एक दस्तावेज देना होगा। जिस दस्तावेज पर पास बनेगा, उसे सुरक्षाकर्मियों को दिखाना होगा। पास नि:शुल्क होते हैं।
राम मंदिर और अयोध्या के दर्शनीय स्थल
अयोध्या के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण उत्तर प्रदेश पयर्टन ने इसे धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना आरम्भ कर दिया है। अयोध्या में 8000 से ज्यादा मंदिर है। अयोध्या के लगभग सभी दर्शनीय स्थल और मंदिरों के मध्य ज्यादा दूरी नहीं है। आप पैदल या रिक्शे से अयोध्या के प्रमुख स्थानों का भ्रमण कर सकते है। अब हम आपको ले चलते है अयोध्या दर्शन के लिए।
सरयू घाट, अयोध्या
अयोध्या दर्शन की शुरुवात सरयू नदी के किनारे स्नान करने से होती है। सरयू तट पर कई घाट जैसे नया घाट, राम घाट, लक्ष्मण घाट, गुप्तार घाट आदि बने हुए है। आप किसी भी घाट पर स्नान कर सकते है। सरयू में स्नान करने से जाने अनजाने में किये सारे पाप धुल जाते है। घाट पर कई नाव वाले अपनी नाव को सजा कर नौका विहार के लिए तैयार रखते है जिसमे बैठकर आप सरयू नदी के सभी घाटों का सौन्दर्य देख सकते है। यहाँ सायंकल में होने वाली आरती का द्रश्य अति सुंदर होता है। यहां शाम 7 बजे में होने वाली आरती का दृश्य बेहद सुंदर तथा मनमोहक होता है।
राम की पैडी, अयोध्या
सरयू घाट के पास स्थित है राम की पैडी, जिसके बारे के एक पौराणिक कथा प्रचलित है। एक बार लक्ष्मण जी ने सभी तीर्थ स्थलों के दर्शन करने के लिए जाने का निश्चय किया। तब श्री राम जी ने यहाँ इस पैडी की स्थापना की और कहा कि सायंकाल के समय सभी तीर्थ यहाँ स्नान के लिए उपस्थित होंगे। जो भी व्यक्ति इस समयअवधि में यहाँ स्नान करेगा, उसे सभी तीर्थ का पुण्य प्राप्त होगा। श्री राम के जाने बाद यहाँ का जल सूख गया। इस समय मोटर पम्प से सरयू नदी का जल इसमें भरा जाता है। इस पुण्य स्थल पर स्नान अवश्य करें। यहाँ विश्व का सबसे बड़ा दीपोस्तव मनाया गया था, जिसे देखने पूरे विश्व से लोग अयोध्या आये थे।
हनुमानगढ़ी, अयोध्या
जहाँ भगवान श्री राम है, वहाँ महाबली हनुमान जी भी है। भगवान राम ने यहाँ हनुमान जी को अयोध्या की रक्षा के लिए नियुक्त किया था। यह मंदिर राम से 500 मी. की दूरी पर स्थित है। भगवान राम के दर्शन से पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन करना आवश्यक है। एक ऊँचे टीले पर स्थित होने के कारण 76 सीढियों को चढ़ने के बाद हनुमान जी की 6 इंच की प्रतिमा दर्शन प्राप्त होते है। चारों तरफ से चढ़ी हुई कई फूल माला में मध्य में हनुमान जी बाल रूप में माता अन्जनी की गोद में बैठे हुए अति सुन्दर लगते है। हनुमान जी की इस छबि को अपने मन में उतार लीजिये, उनका यह रूप शायद की किसी और मंदिर में देखने को मिले।
श्री नागेश्वरनाथ मंदिर, अयोध्या
घाट के पास भोलेनाथ का श्री नागेश्वरनाथ मंदिर स्थित है। इसका निर्माण भगवान राम के पुत्र कुश ने करवाया था। एक बार सरयू नदी में स्नान के दौरान कुश का बाजूबंद निकल कर बहता हुआ एक नागकन्या के पास पंहुच गया। उस नागकन्या को कुश से प्रेम हो गया। वह नागकन्या भगवान शिव की उपासक थी, उसके लिए कुश ने यह नागेश्वर मंदिर बनवाया। बाद में यह मंदिर खंडहर हो गया फिर महाराज विक्रमादित्य ने इसका जीर्णोद्धार करवाया।
राजा दशरथ महल, अयोध्या
हनुमान गढ़ी से 200 मीटर की दूरी पर दशरथ महल स्थित है। इस महल में महाराज दशरथ का निवास था। श्री राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघन चारों भाइयों का बचपन इसी महल में बीता है। अति प्राचीन नक्काशी से सुशोभित भव्य द्वार से अन्दर प्रवेश करने पर विशाल आँगन मिलेगा। भगवान राम के सुन्दर भजन से आपके मन में भक्ति का रस प्रवाहित होने लगेगा। इस मंदिर में दशरथ नंदन श्री राम, माता सीता, लक्ष्मणजी, भरत और शत्रुघनजी की अद्वितीय प्रतिमाये स्थापित है। यह महल दर्शन के लिए सुबह 8 से लेकर दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 से लेकर रात के 10 बजे तक खुला रहता है।
कनक भवन, अयोध्या
प्राचीन कल में सोने से बना कनक महल रानी कैकेयी ने सीता जी को मुंह दिखाई में दिया था। माता कैकई ने कहने पर राजा दशरथ ने श्रेष्ठ शिल्पकारों से अद्भुद निर्माण शैली में कनक भवन का निर्माण करवाया था। यह भगवान राम और माता सीता का निवास स्थान था। यह अयोध्या का सबसे भव्य और सुंदर महल है। इस रमणीय कनक भवन में भगवान राम और सीता की सोने के मुकुट पहने हुई मूर्तियां सुशोभित हैं। इस मंदिर में आप भगवान राम और माता सीता के होने के सुखद अहसाह प्राप्त कर सकते है। मन्दिर के प्रांगण में कई शुभ काम करने जैसे कि सगाई , मुंडन, आदि किये जाते हैं।
सीता की रसोई, अयोध्या
सीता की रसोई एक प्रकार का मंदिर है। यह कोई रसोई नहीं है। इसी रसोई को देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते है। ऐसा कहा जाता है की माता सीता ने भी इसी मंदिर में पांच ऋषियों को भोजन करवाया था। पांच ऋषियों को भोजन कराने के बाद तभी से माता सीता को अन्नपूर्णा कहा जाने लगा। यह रसोई एक मंदिर होने के कारण इसमें भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न और उन सभी की पत्नियों सीता, उर्मिला, मांडवी और सुक्रिर्ति की मूर्तिया स्थापित है। इस रसोई में अभी कुछ बर्तन रखे गए है जिसमे चकला, बेलन और हांड़ी है। लेकिन इस रसोई में अब मतलब की इस मंदिर में फ्री में भोजन देकर पुरानी परंपरा को कायम रखा गया है। पर्यटक इस जगह पर भोजन करके अपनी इच्छानुसार धनराशि का दान में दे सकते हैं।
गुप्तार घाट, अयोध्या
वैसे तो अयोध्या में अनेक घाट है और सभी घाटो का अपना कुछ महत्व है लेकिन इन सभी प्रमुख घाटो में से भी एक गुप्तार घाट है जिसकी कहानी कुछ अलग ही है। हर दिन यहाँ हजारों की संख्या में पर्यटक इस गुप्तार घाट के नजारे को देखने के लिए आते हैं जिसे देखकर पर्यटक लोग मनमोहित हो जाते है। यह घाट इसलिए ज्यादा प्रसिद्ध है की यही पर भगवान श्रीरामचन्द्र जी ने जलसमाधि ली थी। जिसे वह अपने परमधाम को चले गए थे। यहाँ पर जाकर श्रद्धालुओं को एक अलग ही प्रकार की शांति महसूस होती है। ऐसा कहा जाता है श्रद्धालु लोग यहां पर मुक्ति पाने की इच्छा को लेकर आते हैं। इस घाट के आसपास का नजारा भी बहुत ही खूबसूरत है।
मणि पर्वत, अयोध्या
मणि पर्वत अयोध्या का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस मणि पर्वत की ऊंचाई 65 फिट है। इस पर्वत के बारे में ऐसी मान्यता है की भगवान राम के छोटे भाई लक्षमण को जब मेघनाद ने युद्ध के दौरान घायल कर दिया था तो उस समय उनको संजीवनी बूटी की अति आवश्यकता थी। संजीवनी बूटी लाने के लिए जब वह गए और वह वापस आ रहे थे लंका में तो अयोध्या के रास्ते से गुजर रहे थे तो भरत जी ने समझा की कोई शत्रु है और वह अयोध्या पर आकर्मण करना चाहता तो उन्होंने उसपर वार किया। तब हनुमान जी उस पहाड़ लेकर नीचे गिर गए। तो उस पहाड़ का छोटा सा दुकड़ा टूटकर यहां गिर गया था । तभी से यह पहाड़ मणि पर्वत के नाम से जाना जाने लगा।
काले राम मन्दिर, अयोध्या
काले राम मन्दिर अयोध्या के मुख्य दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। ऐसी मान्यता है इस मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से इस मन्दिर में अपनी मनोकामना मांगता है तो उसकी सभी मांगी गयी मुरादअवश्य पूर्ण होती है। ऐसा माना जाता है कि इस काले राम मन्दिर मूर्तियां की स्थापना 2000 साल पहले राजा विक्रमादित्य द्वारा कराई गयी हैं। ऐसा कहा जाता है की इसी पवित्र जगह पर भगवान राम ने अश्वमेध यज्ञ किया था। इस मंदिर की मूर्तियों को काले पत्थर से निर्मित किया गया हैं जिसको देखकर मन भावविभोर हो जाता हैं।
शेषावतार मन्दिर, अयोध्या
शेषावतार मन्दिर अयोध्या के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर सरयू नदी के स्थित है। इस मंदिर में हमेशा श्रद्धालु की भीड़ देखने को मिलती है। इस मन्दिर का भी अपना कुछ अलग ही खासियत है की यह मंदिर भारत में लक्ष्मण जी का अकेला मंदिर है। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है की जो भी लोग सरयू नदी में स्नान करने के लिए आते है तो इस मंदिर में दर्शन के लिए जरुर जाते है।
गोरे राम मन्दिर, अयोध्या
गोरे राम मन्दिर अयोध्या एक प्रसिद्ध और पूजनीय मंदिर है। यह मंदिर भगवान राम को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान राम की सुंदर और आकर्षक सफेद सुन्दर संगरमर की मूर्ति है। यह मंदिर सभी मंदिरों से अलग है क्योंकि इस मंदिर में भगवान राम की मूर्ति गोरे रंग की है और यह भक्तों के लिए श्रद्धा और आकर्षक का केन्द्र है। अगर आप अयोध्या घूमने आ रहे है तो इस गोरे राम मन्दिर का दर्शन अवश्य करे।
सुग्रीव किला, अयोध्या
सुग्रीव किला अयोध्या के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह एक प्राचीन समय का बना हुआ है। इस किले को भरत जी ने बनवाया है जो की बहुत ही सुन्दर था। जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास और लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटे। इस किले को भरत जी ने भगवान राम के स्वागत के लिए बनवाया था। तब यह किला भगवान श्री राम ने सुग्रीव जी को दे दिया। तब से यह यह किला सुग्रीव किला के नाम से जाना जाने लगा। यह किला अन्दर से भी बहुत सुन्दर है और इसके अन्दर एक गरुङ स्तंभ है।
रंग महल, अयोध्या
रंग महल अयोध्या के सभी प्रमुख रंग महलों में से एक हैं। यह रंग महल इसलिए काफी ज्यादा फेमस है क्योंकि इसी महल में जब माता सीता विवाह करके अयोध्या आयी थी तब इसी महल में माता सीता की मुंह दिखाई की रस्म हुई थी। तो उसी समय माता सीता के सास यानि की माता कौशल्याजी ने सीता जी को मुंह दिखाई के रूप इस महल को उपहार में दे दिया। इस मंदिर में सीता जी को प्रमुख रूप से पूजा जाता है और भगवान श्रीराम के दूल्हा स्वरूप में विराजमान है। इस मंदिर के संत अपने आपको सीता जी की सखी मानते हैं। और तिलक के बाद बिंदी लगाकर घूंघट डाल कर पुजारी आरती किया करते हैl
नया घाट, अयोध्या
वैसे तो अयोध्या में अनेक घाट है लेकिन इस नया घाट का अपना कुछ अलग ही महत्व हैं। यह नया घाट सरयू नदी के किनारे तट पर हैं। जब कोई भी अयोध्या में रामलला के दर्शन हेतु आते है तो इस पवित्र नया घाट में जरुर स्नान करते हैं। यहां दूर-दूर से पर्यटक इस सरयू नदी में डूबकी लगाने के लिए आते है। ऐसा माना जाता है इस पवित्र नदी में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं। इस घाट के पास शांत वातावरण रहता है जहा आप कुछ समय शांति से बैठ सकते है। इस घाट में बोटिंग की भी सुविधा है जहां आप इस सरयू नदी में घूम सकते हैं।
राम कथा संग्रहालय, अयोध्या
राम कथा संग्रहालय अयोध्या के लोकप्रिय स्थलों में से एक है। यह संग्रहालय राम कथा पार्क के पास में स्थित है। इस संग्रहालय के अन्दर चीजो इतनी बखूबी से रखाया गया है जिसे देखकर कोई भी मनमोहित हो जाता है। इस संग्रहालय में भगवान राम से जुड़ी हुई चीजों को दिखाया गया है। इस संग्रहालय में रामायण से जुड़ी हुई समृद्ध विरासत की एक अनूठी झलक देखने को मिलती है। इस संग्रहालय में राम दरबार भी बने हुए है जो इस संग्रहालय का आकर्षण का केंद्र है। अगर आप अयोध्या घूमने आ रहे है तो इस संग्रहालय को देखने जरुर आये।
त्रेता के ठाकुर, अयोध्या
त्रेता के ठाकुर का मंदिर अयोध्या के सरयू नदी के किनारे स्थित है। इस मंदिर का इतिहास त्रेता युग के समय का माना जाता है। इस मंदिर में भगवान श्रीराम, माता सीता जी, लक्ष्मण जी, भरत जी, हनुमान जी और सुग्रीव कई प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है जी प्राचीन समय में काले बलुआ पत्थर से बनाई गई थी। इस मंदिर के बारे में एक बात और भी कहा जाता है की भगवान श्रीराम ने यहीं इसी जगह पर अश्वमेध यज्ञ किया था। त्रेता के ठाकुर का मंदिर अयोध्या आये हुए श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है।
सूरजकुंड, अयोध्या
सूरजकुंड अयोध्या का प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह जगह अयोध्या से लगभग चार किलोमीटर की दूरी पर है। इस कुंड के बारे में एक पौराणिक कथा है जो इस प्रकार है जब भगवान राम का जन्म हुआ तब सभी देवता ने भगवान राम के जन्म के बाद उनकी बाल लीलाओं का दर्शन करने के इसी जगह पर एक महीने तक रुके थे। इसी जगह से भगवान सूर्य ने भगवान राम की बाल लीलाओं के दर्शन किये थे। तब भगवान सूर्य का रथ यहां करीब एक महीने तक यहाँ रहा था जिसकी वजह से अयोध्या में त्रेतायुग में उस वक्त एक महीने रात नहीं हुई थी। ऐसा कहा जाता है की अगर किसी व्यक्ति को कुष्ठ रोग हुआ हो और वह इस कुंड में स्नान करता है, तो उसके सारे रोग छुट जाते हैं।
तुलसी स्मारक भवन, अयोध्या
यदि आप राम लीला का आनंद लेना चाहते है तो आप हनुमान गढ़ी के निकट स्थित तुलसी स्मारक भवन अवश्य जाइये। यहाँ प्रतिदिन प्रार्थना, भक्ति संगीत और धार्मिक प्रवचन का आयोजन होता हैं और प्रतिदिन सायंकाल 6 से 9 बजे के बीच राम लीला का आयोजन होता है। यहाँ गोस्वामी तुलसीदास जी की कई साहित्यिक रचनाओं का संग्रह है।
अयोध्या में शॉपिंग
वैसे तो अयोध्या में खरीदारी करने के लिए अनेक लोकप्रिय वस्तुएँ हैं लेकिन यहाँ की खूबसरत मंदिर की तस्वीरें, धार्मिक प्रिंट वाली शर्ट, राम और सीता की मूर्तियाँ को खरीद सकते है। यहाँ पर लकड़ी और संगमरमर में उकेरी गई भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियाँ को भी खरीद सकते है जो देखने में बहुत ज्यादा खूबसूरत लगती है। आप यहाँ पर पीतल के बर्तन भी खरीद सकते है।