किसी भी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 के अनुसार उसके परिवार को हर महीने एक निश्चित राशि दी जाती है। इस राशि को पारिवारिक पेंशन ( Family Pension ) कहा जाता है। इस पारिवारिक पेंशन के लिए कर्मचारी अपने परिवार के सदस्यों के नाम देता है, ताकि उसकी मृत्यु के बाद उसके परिवार को आर्थिक सहायता मिलती रहे।
सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद बेटी को मिल सकती है फ़ैमिली पेंशन?
केंद्रीय सिविल सेवा का नियम 54 एक सामाजिक कल्याण योजना है। इस योजना के तहत ऐसे पेंशनभोगी कर्मचारियों के जीवनसाथी या बच्चों को आर्थिक राहत दी जाती है जिनकी मृत्यु हो गई है।
अब सवाल यह है कि क्या पेंशनभोगी की बेटी को पारिवारिक पेंशन ( Family Pension ) मिल सकती है? तो इसका जवाब है हां। केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 के अनुसार अविवाहित, विवाहित और विधवा बेटियां पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र हैं।
इस नियम के तहत सरकारी कर्मचारी के पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र परिवार के सदस्यों की सूची से बेटी का नाम नहीं हटाया जा सकता। पारिवारिक पेंशन पाने के लिए बेटी की उम्र 25 साल से अधिक होनी चाहिए। परिवार में अन्य सभी बच्चों की आयु भी 25 वर्ष से अधिक होनी चाहिए तथा उनके पास आय का कोई स्रोत होना चाहिए।
बेटी कब तक पात्र है?
बेटी तब तक पारिवारिक पेंशन पाने की पात्र रहती है, जब तक उसकी शादी नहीं हो जाती, उसे नौकरी नहीं मिल जाती या वह मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग नहीं हो जाती। अगर किसी के पिता या माता सरकारी सेवा में थे और उनकी बेटी अविवाहित, तलाकशुदा या विधवा है, तो ऐसे कर्मचारियों की अनुपस्थिति में बेटी पारिवारिक पेंशन पाने की हकदार है।
किन परिस्थितियों में आजीवन पेंशन मिलेगी?
अगर किसी सरकारी कर्मचारी ने अपनी बेटी का नाम फॉर्म 4 में शामिल किया है, तो उसे आधिकारिक तौर पर परिवार का सदस्य माना जाता है। अगर बेटी मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग है, तो उसे आजीवन पारिवारिक पेंशन ( Family Pension ) मिल सकती है। विधवा या तलाकशुदा बेटी भी आजीवन पारिवारिक पेंशन पा सकती है। अगर घर में कोई बच्चा विकलांग है, तो उसे पेंशन पाने का पहला अधिकार मिलता है।
सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद अविवाहित बेटी को मिल सकती है फ़ैमिली पेंशन? जानें नियम
भारत सरकार ने पारिवारिक पेंशन पाने के लिए अविवाहित बेटियों की पात्रता या पात्रता के लिए कुछ नियम बनाए हैं। नियम बताते हैं कि अविवाहित, विधवा या तलाकशुदा बेटी कैसे और किस राज्य में पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र है। आइए जानते हैं कि अविवाहित बेटी को पारिवारिक पेंशन मिल सकती है या नहीं। सभी अविवाहित और विधवा बेटियां पारिवारिक पेंशन पाने की पात्र हैं। अगर बेटी का तलाक का आदेश पारित हो जाता है, तो पेंशनभोगी पिता की बेटी पारिवारिक पेंशन की हकदार होती है।
अविवाहित बेटी के लिए Family Pension की पात्रता
नियम 54 के उपनियम 6 (iii) के तहत, जब तक अविवाहित बेटी की शादी नहीं हो जाती या वह खुद कमाने नहीं लगती, तब तक वह पारिवारिक पेंशन की पूरी हकदार है।
परिवार में सबसे बड़ी : अगर अविवाहित बेटी सभी भाई-बहनों में सबसे बड़ी है, तो वह माता-पिता के जीवित न रहने की स्थिति में पारिवारिक पेंशन पाने की हकदार है।
जुड़वां : अगर अविवाहित बेटी की जुड़वां बहन है, तो रकम बहनों के बीच बराबर-बराबर बांटी जाएगी।
दो पेंशन : अगर माता और पिता दोनों पेंशन योजना से जुड़े थे, तो बेटी भी दो पेंशन पाने की हकदार है। लेकिन दोनों पारिवारिक पेंशन की राशि 1,25,000 रुपये प्रति माह से अधिक नहीं होनी चाहिए।
आय : यदि अविवाहित बेटी योजना की लाभार्थी है, तो पहली पेंशन उसकी आय नहीं मानी जाएगी।
गोद ली गई संतान : यदि अविवाहित बेटी पति या पत्नी की गोद ली हुई बेटी है, तो पारिवारिक पेंशन से इनकार किया जा सकता है।
विकलांग बेटी : बेटी के शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग होने की स्थिति में, पूरे जीवन या 25 वर्ष की आयु तक पेंशन दी जा सकती है।
तलाकशुदा माता-पिता : यदि अविवाहित बेटी के मृतक माता-पिता ने तलाक के लिए याचिका दायर की थी, या उनका तलाक हो गया था, तो उस स्थिति में भी अविवाहित बेटी पारिवारिक पेंशन ( Family Pension ) की हकदार है।