भारत के वित्त मंत्रालय ने बैंकों से ऋण वसूली न्यायाधिकरणों में लंबित मामलों का बेहतर प्रबंधन करने को कहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को UPI के जरिए लोगों को सशक्त बनाने के लिए नई तकनीक खोजने का निर्देश दिया। अगस्त में UPI लेनदेन में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है।
भारत के वित्त मंत्रालय ने हाल ही में बैंकों से ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (DRT) में लंबित मामलों के प्रबंधन के लिए एक प्रभावी निगरानी सिस्टम स्थापित करने को कहा है। वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने DRT और ऋण वसूली अपीलीय न्यायाधिकरणों (DRAT) के प्रमुखों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने DRT में कुछ सफल तरीकों पर चर्चा की।
वित्तीय व्यवस्था को मजबूत बनाने की तैयारी
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि बैंकों को DRT में लंबित छोटे और बड़े मामलों के लिए स्पष्ट नीतियां बनानी चाहिए। सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि लंबित मामलों की संख्या कम की जा सके। यह कदम वित्तीय व्यवस्था को मजबूत बनाने और ऋण वसूली की प्रक्रिया को तेज करने में मदद करेगा।
UPI के जरिए लोगों को सशक्त बनाना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से कहा है कि वे यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का इस्तेमाल करके लोगों को सशक्त बनाने के लिए नई तकनीक और डिजिटल अवसरों की खोज करें। उन्होंने बताया कि भारत का UPI विश्व के डिजिटल भुगतान का 45 प्रतिशत हिस्सा है, जो इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है।
लेनदेन में वृद्धि
अगस्त में UPI से होने वाले लेनदेन में सालाना आधार पर 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो अब 14.96 अरब लेनदेन तक पहुंच गई है। इसी समय लेनदेन की कुल राशि सालाना 31 प्रतिशत बढ़कर 20.61 लाख करोड़ रुपये हो गई है। हर महीने लगभग 60 लाख नए उपयोगकर्ता UPI से जुड़ रहे हैं, जिसका कारण UPI को क्रेडिट कार्ड से जोड़ना और इसे विदेशी बाजारों में पेश करना है।
आर्थिक और सामाजिक प्रगति
सीतारमण ने कहा कि एक मजबूत बैंकिंग सिस्टम न केवल आर्थिक विकास में मदद करती है, बल्कि सामाजिक प्रगति और पर्यावरणीय स्थिरता को भी बढ़ावा देती है। UPI का यह विस्तार और सफल संचालन लोगों के लिए नए अवसरों का निर्माण कर रहा है, जिससे आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हो रही है।

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		