सरसों की तगड़ी पैदावार चाहिए तो DAP की जगह करें इस खाद का इस्तेमाल, जानिए सरसों की बुवाई के समय कौन सी खाद डालें
सरसो की खेती
सरसों रबी की महत्वपूर्ण फसल है। कई राज्यों में सरसों की खेती किसान बड़े पैमाने पर करते हैं। सितंबर के अंतिम सप्ताह के साथ 25 अक्टूबर तक किसान सरसों की बुवाई बारिश के अनुसार करते हैं। इसलिए आज हम जानेंगे कि किसान भाई सरसों की बुवाई करते समय कौन सी खाद डालें जिससे उन्हें बढ़िया उत्पादन मिलेगा। यहां पर कृषि विशेषज्ञ के अनुसार किसानों को डीएपी के जगह पर दूसरे खाद के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गई है तो चलिए जानते हैं कि हमें डीएपी की जगह कौन सी खाद का इस्तेमाल करना है।
DAP की जगह करें इस खाद का इस्तेमाल
डीएपी खाद यानी के डाई अमोनियम फास्फेट, इस खाद का इस्तेमाल ज्यादातर किसान भाई अपनी सरसों की फसल में करते हैं। लेकिन कृषि विभाग का कहना है कि इसके जगह पर एसएसपी यानी की सिंगल सुपर फास्फेट डाल सकते हैं। इससे किसानों को कहीं ज्यादा फायदा होगा। क्योंकि जो किसान एक एकड़ में 50 किलोग्राम डीएपी खाद डाल रहे थे उन्हें फिर भी बहुत सारे पोषक तत्वों की कमी हो रही थी, जैसे कि सल्फर आदि की।
इसीलिए किसान एसएसपी खाद डाल सकते हैं। इसमें फास्फोरस, सल्फर सब कुछ रहता है जो की सरसो जैसी तेल वाली फसलों के लिए बहुत जरूरी होता है। इससे फसल के गुणवत्ता के साथ उत्पादन बढ़ जाता है। चलिए जानते हैं 1 एकड़ में इस खाद का इस्तेमाल कितनी मात्रा में किया जाता है।
खाद कितनी मात्रा में डालें
किसी भी खाद को डालने में फायदा तभी है जब आप सही मात्रा में उसका इस्तेमाल करें। जिसमें सरसों की खेती में खाद की बात करें तो बिजाई जब करें उस समय 1 एकड़ में लगभग 75 किलो ग्राम एसएसपी के साथ 35 किलो ग्राम यूरिया और 14 किलो ग्राम के करीब पोटाश और सबसे कम यहाँ पर 10 किलो जिंक सल्फेट डालना है। अगर यह नहीं डालना चाहते है तो दूसरा विकल्प है कि आप 2 बैग जिप्सम के साथ 1 बैग एनपीके (12:32:16), 15 – 20 किलो यूरिया और 10 किलो जिंक सल्फेट डाल सकते है। इससे भी फायदा है। इस तरह किसान जितने जमीन में लगाने जा रहे है उसके अनुसार मात्रा बढ़ा-घटा सकते है।