Pumps Irrigation: मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए सोलर पंप योजना की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजधानी भोपाल में आयोजित जैविक खेती कार्यशाला के दौरान इस योजना का ऐलान किया। सरकार द्वारा जैविक और प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे किसानों को बिजली संकट से राहत मिलेगी और सिंचाई की सुविधा भी आसान होगी।
5 लाख एकड़ का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने इस बार 5 लाख एकड़ जमीन पर जैविक खेती का लक्ष्य तय किया है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया, जहां किसानों को रासायनिक उर्वरकों के नुकसान और जैविक खेती के लाभ के बारे में जागरूक किया गया। कृषि विकास और किसान कल्याण मंत्री एदल सिंह कंसाना ने भी जैविक खेती की महत्ता को हाइलाइट किया और रसायनों के अधिक उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से चर्चा की।
रसायनों से बढ़ती बीमारियां
कार्यशाला में कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना ने बताया कि रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और खरपतवार नाशकों के अंधाधुंध उपयोग से मिट्टी और वातावरण को नुकसान हो रहा है। इन रसायनों के कारण मानव स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। किसानों और आम जनता में बीमारियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे खेती का पारंपरिक तरीका बदलने की जरूरत महसूस की जा रही है।
“एक जिला, एक उत्पाद”
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने “एक जिला, एक उत्पाद” प्रदर्शनी का भी शुभारंभ किया। इस प्रदर्शनी में राज्य के विभिन्न जिलों के जैविक उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर किसानों से सीधा संवाद भी किया और उनकी समस्याओं को सुना। कार्यशाला स्थल पर जैविक खेती से जुड़े कई स्टॉल लगाए गए थे, जहां किसानों को नई तकनीकों और जैविक उत्पादों के बारे में जानकारी दी गई।
जैविक खेती के लिए बनेगा मजबूत बाजार
सीएम डॉ. मोहन यादव ने इस मौके पर कहा कि जैविक और प्राकृतिक खेती का बाजार प्रदेश में ही विकसित किया जाएगा। इससे जैविक उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को उचित दाम भी मिल सकेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि महानगरों में जैविक उत्पादों के मेले आयोजित किए जाएं, जिससे जैविक खेती को बढ़ावा मिले और लोग रासायनिक खादों से मुक्त प्राकृतिक उत्पादों की ओर आकर्षित हों।
बिजली बिल से मिलेगी राहत
मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए सोलर पंप योजना की घोषणा करते हुए कहा कि इससे किसानों को बिजली संकट से राहत मिलेगी। सोलर पंप के इस्तेमाल से किसानों को बिजली बिल का बोझ कम होगा, जिससे वे अपनी खेती पर अधिक ध्यान दे सकेंगे। इससे प्रदेश में सिंचाई की समस्या भी कम होगी और किसान खरीफ और रबी दोनों सीजन में बेहतर उत्पादन कर सकेंगे।
1 लाख एकड़ में हो रही खेती
कृषि मंत्री कंसाना ने बताया कि मध्यप्रदेश के 33 जिलों में 1 लाख एकड़ भूमि पर जैविक खेती की जा रही है। राज्य सरकार इस खेती के क्षेत्र को और ज्यादा फेलाने की योजना बना रही है, ताकि अधिक से अधिक किसान इस सिस्टम को अपनाएं और स्वास्थ्यवर्धक खेती की ओर अग्रसर हो सकें।
जैविक खेती से होगा सुधार
रासायनिक खेती से जहां एक ओर उत्पादन में बढ़ोतरी होती है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण पर इसके गंभीर असर पड़ते हैं। रासायनिक खाद और कीटनाशकों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरता कम हो रही है और जलस्रोत भी प्रदूषित हो रहे हैं। इन सब समस्याओं को देखते हुए राज्य सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है, जिसमें सोलर पंप योजना भी शामिल है।
पूरे साल का कृषि प्लान बनाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कृषि अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रदेश के किसानों के लिए पूरे साल का कृषि प्लान तैयार किया जाए। इससे किसानों को समय-समय पर आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा सकेंगे और वे बेहतर उत्पादन कर सकेंगे। यह योजना किसानों को जल संकट, उर्वरक संकट और बाजार मूल्य में गिरावट जैसी समस्याओं से निपटने में मदद करेगी।
किसानों को मिलेगी जैविक खेती की ट्रैनिंग
राज्य सरकार किसानों को जैविक खेती का प्रशिक्षण भी देगी। इसके लिए कृषि विभाग के तहत खास ट्रैनिंग प्रोग्राम चलाए जाएंगे, जहां किसानों को जैविक खेती की तकनीकों, जैविक उर्वरकों के निर्माण और जैविक उत्पादों के डिस्ट्रब्यूशन की जानकारी दी जाएगी।
किसानों को होगा फायदा
हाल के सालों में जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। लोग अब रासायनिक खादों से मुक्त, प्राकृतिक तरीके से उगाई गई सब्जियों, अनाज और फलों को प्राथमिकता देने लगे हैं। सरकार की इस पहल से किसानों को भी अधिक फायदा मिलेगा, क्योंकि जैविक उत्पाद बाजार में सामान्य उत्पादों की तुलना में ज्यादा कीमत पर बिकते हैं।