अगर खेती में खर्च कम करना चाहते हैं, लेकिन कमाई अधिक, तो चलिए एक फूल की खेती के बारे में बताते हैं। इसमें केवल गोबर खाद का इस्तेमाल करके भी अच्छी-खासी कमाई की जा सकती है।
फूलों की खेती में मुनाफा
कई ऐसे किसान हैं जो फूलों की खेती में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। उन्हें सब्जियों और अनाज की खेती में ज्यादा फायदा नहीं होता। इनमें कुछ युवा किसान भी हैं, जो खुले खेत में फूलों की खेती करके अच्छी कमाई कर रहे हैं। कुछ लोग सालों से फूलों की खेती से मुनाफा कमा रहे हैं, जिनकी सफलता की कहानी हम आपको पहले भी बता चुके हैं। आज बात कर रहे हैं गुलाब की खेती की। यहां पर आपको गुलाब की एक बढ़िया वैरायटी के बारे में भी बताया जाएगा।
गुलाब की खेती एक ऐसी फसल है, जिसे एक बार लगा देने के बाद 10 से 12 साल तक उत्पादन मिलता रहता है। यहां आपको खुले में खेती करने की जानकारी देंगे, जिससे खर्च कम आएगा।
गुलाब की यह वैरायटी लगाएं, महक नहीं, मिलेगा पैसा
दरअसल, यहां गुलाब की “सुपर वैरायटी” की बात की जा रही है, जो काफी बढ़िया होती है। इसकी खासियत यह है कि इसे आप कभी भी तोड़ सकते हैं, जबकि देसी वैरायटी को सुबह-सुबह तोड़ना पड़ता है, नहीं तो वह मुरझा जाती है। यही वजह है कि सुपर वैरायटी बिक्री के लिए बेहतर होती है। इसका फूल बधा होता है। इसमें महक यानी सुगंध तो नहीं होती, लेकिन शोपीस के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता है। देखने में सुंदर होने के कारण ग्राहक इसकी ओर आसानी से आकर्षित हो जाते हैं।
बाजार में मिलने वाली कीमत
गुलाब की सुपर वैरायटी लगाकर किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। कीमत की बात करें तो कई किसान अपने आसपास की मंडी में ही बिक्री कर देते हैं, जहां ₹100 प्रति किलो तक कीमत मिल जाती है। बताते हैं कि यह वैरायटी लगाने के चार महीने बाद उत्पादन मिलने लगता है। इसके बाद, अक्टूबर और फरवरी में ग्राफ्टिंग भी की जाती है, जिससे 3 महीने बाद फिर से किसानों को फूल मिलने लगते हैं। इसमें खाद का खर्च कम आता है। रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता। केवल गोबर की खाद से अच्छे फूल आ जाते हैं।
हालांकि, इस फसल को थ्रिप्स और फंगस से बचाना जरूरी है, क्योंकि यह समस्या अधिक आती है। इसलिए समय-समय पर निरीक्षण करते रहें। कोई भी समस्या आए तो तुरंत स्प्रे करें। अगर घरेलू उपाय करना चाहें तो, गुलाब के पौधों में थ्रिप्स और फंगस लगने पर बेकिंग सोडा का घोल, नीम का तेल और फिटकरी का इस्तेमाल अच्छा माना जाता है। वहीं, सल्फर रोजाना छिड़काव करने से भी पत्तों की समस्या से राहत पाई जा सकती है।