Haryana News:हरियाणा सरकार ने महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मातृ शक्ति उद्यमिता योजना के तहत नई पहल की है। इस योजना के तहत महिलाएं बुटीक, ब्यूटी पार्लर, फूड स्टॉल, ऑटोरिक्शा, ई-रिक्शा, टैक्सी, टेलरिंग, फोटोकॉपी की दुकान और पापड़ बनाने जैसे व्यवसायों के लिए ऋण प्राप्त कर सकती हैं। राज्य सरकार ने इस योजना के तहत ऋण की सीमा दो लाख रुपये बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी है, जिससे अधिक महिलाओं को स्वरोजगार का अवसर मिलेगा।
महिला एवं बाल विकास
महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त एवं सचिव अमनीत पी. कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। खास बात यह है कि इस योजना के तहत महिला उद्यमियों को ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। पहले इस योजना के अंतर्गत अधिकतम तीन लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता था, जिसे अब बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। यह योजना केवल हरियाणा की स्थाई निवासी महिलाओं के लिए लागू होगी, जिनकी वार्षिक आय अधिकतम पांच लाख रुपये तक होनी चाहिए।
आवेदक की आयु
इस योजना का लाभ उठाने के लिए महिला आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए और वह किसी अन्य ऋण की डिफॉल्टर नहीं होनी चाहिए। यदि महिला निर्धारित समय पर ऋण की किस्तों का भुगतान करती है, तो उसे तीन वर्षों तक सात प्रतिशत ब्याज अनुदान की सुविधा दी जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज
महिला उद्यमियों को योजना के तहत ऋण प्राप्त करने के लिए राशन कार्ड, परिवार पहचान पत्र, आधार कार्ड, दो पासपोर्ट साइज फोटो, निवास प्रमाणपत्र, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, ट्रेनिंग सर्टिफिकेट और अनुभव प्रमाणपत्र आदि दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। यह योजना हरियाणा में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेगी और उन्हें अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का सुनहरा अवसर देगी। जिससे वह स्वयं और अपने परिवार की अच्छी सी देखभाल कर सकेंगे।