पिछले कुछ दिनों से सोने और चांदी की कीमतों में लगातार मजबूती देखी जा रही है। इसी बीच निवेशकों और खरीदारों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि क्या अब दोनों कीमती धातुएं फिर से अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी में हैं?
सर्राफा बाजार में मजबूत मांग और अगले महीने अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों के बीच बुधवार को सोने-चांदी के भाव में अच्छी तेजी दर्ज की गई। शुरुआती कारोबार में दोनों धातुएं आधे फीसदी से ज्यादा मजबूत हुईं और दोपहर तक बढ़त बनाए रखी।
MCX पर सोना-चांदी में दिखी मजबूती
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर भी दिनभर तेजी का माहौल रहा। कारोबारी सत्र के अंत तक:
- सोना 600 रुपये से अधिक चढ़कर करीब 1.25 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर ट्रेड कर रहा था।
- चांदी लगभग 2,300 रुपये की बढ़त के साथ 1.58 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास पहुंच गई।
सुबह करीब 9 बजे:
- MCX दिसंबर वायदा सोना 0.50% की तेजी के साथ 1,25,835 रुपये प्रति 10 ग्राम था।
- MCX दिसंबर वायदा चांदी 0.91% चढ़कर 1,57,750 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई थी।
दोपहर करीब 1:30 बजे तक:
- सोना बढ़कर 1,25,953 रुपये प्रति 10 ग्राम (0.58% ऊपर)
- चांदी बढ़कर 1,58,222 रुपये प्रति किलोग्राम (1.22% ऊपर) कारोबार कर रही थी।
क्यों बढ़ रहे हैं सोने-चांदी के दाम?
कीमतों में इस तेजी की सबसे बड़ी वजह अमेरिका से आ रहे कमजोर आर्थिक आंकड़े हैं, जिनसे ब्याज दरों में कटौती की संभावना और मजबूत हो गई है।
- सितंबर में अमेरिकी खुदरा बिक्री सिर्फ 0.2% बढ़ी, जबकि अगस्त में यह 0.6% थी
- PPI (Producer Price Index) में 0.3% की वृद्धि दर्ज हुई, जो बाजार अनुमान के अनुरूप रही
इन कमजोर आंकड़ों की वजह से अब बाजार में दिसंबर में 25 बेसिस पॉइंट की दर कटौती की संभावना 80% से अधिक मानी जा रही है। कम ब्याज दरें आमतौर पर सोने और चांदी के लिए पॉजिटिव मानी जाती हैं, क्योंकि निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख करते हैं।
क्या आगे गिर सकते हैं दाम?
हालांकि, जब तक दरों में कटौती की उम्मीद बनी है, सोने-चांदी को सपोर्ट मिलता रहेगा। लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर हालिया सकारात्मक संकेत आगे तेजी पर ब्रेक भी लगा सकते हैं।
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस संघर्ष को खत्म करने के लिए मॉस्को और कीव में समानांतर शांति मिशन की घोषणा की है। यदि स्थिति में सुधार होता है, तो निवेशकों का झुकाव जोखिमभरे एसेट्स की ओर जा सकता है, जिससे सोने-चांदी की मांग में कुछ कमी आ सकती है।
एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी), राहुल कलंत्री के अनुसार:
अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों में देरी और ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों के कारण सोना और चांदी बीते दो हफ्तों के उच्चतम स्तर के करीब बंद हुए हैं।
उन्होंने संभावित सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल भी बताए:
अंतरराष्ट्रीय बाजार में:
- सोने का सपोर्ट: 4100–4065 डॉलर प्रति औंस
- सोने का रेजिस्टेंस: 4170–4195 डॉलर प्रति औंस
- चांदी का सपोर्ट: 51.00–50.65 डॉलर प्रति औंस
- चांदी का रेजिस्टेंस: 51.85–52.20 डॉलर प्रति औंस
घरेलू बाजार में (MCX):
- सोने का सपोर्ट: 1,24,350–1,23,580 रुपये
- सोने का रेजिस्टेंस: 1,25,850–1,26,500 रुपये
- चांदी का सपोर्ट: 1,54,850–1,53,600 रुपये
- चांदी का रेजिस्टेंस: 1,57,110–1,58,000 रुपये
निष्कर्ष
फिलहाल सोने और चांदी दोनों के लिए माहौल अनुकूल बना हुआ है। कमजोर अमेरिकी आंकड़े और ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें बाजार को सपोर्ट कर रही हैं, मगर भू-राजनीतिक घटनाक्रम आगे इनके रुख को बदल भी सकता है। अगर मौजूदा वैश्विक स्थितियां बनी रहती हैं, तो आने वाले दिनों में गोल्ड और सिल्वर नए स्तर छू सकते हैं।
