स्मार्ट प्रीपेड मीटर की सटीकता को लेकर उठे सवालों का समाधान चेक मीटर है। यह प्रक्रिया 15 दिनों में आपके मीटर की सटीकता की जांच करती है। 118 रुपये के मामूली शुल्क पर यह सेवा उपभोक्ताओं की समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित हो रही है।
Bijli Bill News: स्मार्ट प्रीपेड मीटर ने बिजली उपभोक्ताओं के जीवन को सुविधाजनक बनाने का वादा किया था, लेकिन इसकी सटीकता को लेकर उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में सवाल उठ रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि यह मीटर पुराने मीटरों की तुलना में तेज चलता है, जिससे बिजली बिल अधिक आता है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने इस समस्या को सुलझाने के लिए चेक मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू की है। यह पहल न केवल उपभोक्ताओं की शंकाओं को दूर करती है, बल्कि बिजली वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता भी लाती है।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर और उपभोक्ताओं की चिंताएं
स्मार्ट प्रीपेड मीटर का उद्देश्य बिजली खपत को नियंत्रित करना और उपभोक्ताओं को अपनी खपत के प्रति जागरूक बनाना था। हालांकि, इन मीटरों की सटीकता पर कई सवाल उठे हैं। उपभोक्ता इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि यह मीटर वास्तविक खपत से अधिक रीडिंग दिखाते हैं। ठंड के मौसम में जब गीजर, रूम हीटर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ जाता है, तो खपत भी बढ़ती है। इससे उपभोक्ताओं को लगता है कि मीटर तेज चल रहा है, जिससे उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है।
चल रही है चेक मीटर लगाने की योजना
चेक मीटर उपभोक्ताओं की समस्या का व्यावहारिक और वैज्ञानिक समाधान है। UPPCL हर 100-120 मीटरों के बीच 5% चेक मीटर लगाने की योजना बना रहा है। यह मीटर अन्य स्मार्ट मीटरों की सटीकता की जांच करता है। यदि उपभोक्ता को लगता है कि उनका स्मार्ट मीटर तेज चल रहा है, तो वे चेक मीटर लगवाकर इसकी सटीकता की जांच कर सकते हैं।
चेक मीटर को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह रीडिंग की पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। यह प्रक्रिया उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाती है कि उनकी शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है।
चेक मीटर लगाने की प्रक्रिया
चेक मीटर लगाने के लिए उपभोक्ता को अपने क्षेत्र के उपखंड अधिकारी (SDO) या खंड के अधिशासी अभियंता (Executive Engineer) के पास आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद, बिजली विभाग आपके घर के उपकरणों और उनके लोड की जांच करता है। यदि आपकी शिकायत को सही पाया जाता है, तो चेक मीटर लगवाने का निर्णय लिया जाता है।
चेक मीटर लगाने के लिए सिंगल फेज कनेक्शन पर 118 रुपये का शुल्क लिया जाता है। आवेदन की रसीद के साथ यह राशि जमा की जाती है।
15 दिनों की जांच प्रक्रिया
चेक मीटर लगने के बाद, यह 15 दिनों तक आपके मीटर की रीडिंग को मॉनिटर करता है। इस दौरान मीटर की सटीकता की पूरी जांच की जाती है। यदि चेक मीटर यह साबित करता है कि स्मार्ट मीटर तेज चल रहा है, तो इसे तुरंत बदल दिया जाता है।
ठंड में बिजली खपत और मीटर पर प्रभाव
सर्दियों में बिजली की खपत बढ़ने के साथ स्मार्ट मीटर पर संदेह भी बढ़ जाता है। गीजर, रूम हीटर और हीटिंग उपकरण ठंड के मौसम में बिजली की खपत को काफी हद तक बढ़ा देते हैं। गर्मियों में जहां एयर कंडीशनर और कूलर खपत को ऊंचा करते हैं, वहीं सर्दियों में रूम हीटर जैसी जरूरतें खपत को और बढ़ाती हैं।
यही कारण है कि ठंड के मौसम में स्मार्ट मीटर को लेकर शिकायतें अधिक आती हैं। हालांकि, चेक मीटर की प्रक्रिया से इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।