हरियाणा राज्य ने पिछले कुछ दिनों में जोरदार मानसूनी बारिश का सामना किया है. पिछले तीन दिनों में हुई वर्षा ने राज्य के अधिकांश जिलों को अपनी चपेट में लिया है
हरियाणा राज्य ने पिछले कुछ दिनों में जोरदार मानसूनी बारिश का सामना किया है. पिछले तीन दिनों में हुई वर्षा ने राज्य के अधिकांश जिलों को अपनी चपेट में लिया है जिससे कृषि और दैनिक जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ा है. मौसम विभाग ने पंचकूला और यमुनानगर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है जो आने वाले सप्ताह में जारी रहने की संभावना है.
बारिश के असर से हरियाणा की हालत
1 अगस्त से अब तक हरियाणा में 177.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो कि सामान्य बारिश (Normal Rainfall) के 140.8 मिलीमीटर से 26% अधिक है. यह अतिरिक्त वर्षा ने कई जिलों में जलभराव (Waterlogging) की स्थिति उत्पन्न की है और कई स्थानों पर बिजली व्यवस्था भी प्रभावित हुई है. जींद में सबसे ज्यादा 10.0 मिमी बारिश हुई, जबकि कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पंचकूला और सोनीपत में भी काफी वर्षा दर्ज की गई है.
मानसून के असमान वितरण की समस्या
हरियाणा के 16 जिलों में इस वर्ष मानसूनी बारिश (Monsoon Rainfall) सामान्य से कम रही है, जिसमें कैथल, करनाल और पंचकूला जैसे जिले शामिल हैं, जहाँ सामान्य से आधी बारिश भी नहीं हुई है. वहीं, महेंद्रगढ़ और नूंह जिलों में बारिश ने अपेक्षा से अधिक अच्छा प्रदर्शन किया है, जहाँ क्रमश: 51% और 63% अधिक बारिश दर्ज की गई है.
जुलाई माह में बारिश की कमी का असर
इस वर्ष जुलाई महीने में हरियाणा में पांच सालों में सबसे कम बारिश हुई है, जिसका आंकड़ा केवल 97.9 मिलीमीटर रहा. इस कमी के कारण धान की फसलों (Paddy Crop Damage) को काफी नुकसान पहुँचा है, जिससे किसानों को अपने खेतों में ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है. इस स्थिति ने किसानों की आर्थिक दशा पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला है.
आगे के मानसून के पूर्वानुमान और तैयारियाँ
मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए मानसून की और अधिक सक्रियता की संभावना जताई है, जिससे राज्य के विभिन्न भागों में वर्षा की स्थिति में सुधार हो सकता है. सरकार और संबंधित विभागों को अत्यधिक बारिश की स्थिति में जलभराव और अन्य संभावित समस्याओं के लिए उचित तैयारियाँ (Preparedness for Heavy Rainfall) करने की आवश्यकता है. इससे प्रभावित क्षेत्रों में निवासियों और किसानों को अपेक्षित राहत मिल सकती है.