Haryana Railway Route: भारतीय रेलवे लगातार अपने नेटवर्क को आधुनिक बनाने और यात्रियों की सुविधाओं को बेहतर करने की दिशा में काम कर रहा है। इसी कड़ी में रेलवे मंत्रालय ने दिल्ली-अंबाला रेल मार्ग को फोरलेन करने की योजना को मंजूरी दे दी है। यह फैसला इस रूट पर बढ़ते लोड को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। फिलहाल इस रेल मार्ग पर दो लाइनें हैं, लेकिन बढ़ती ट्रेनों और यात्रियों की संख्या को देखते हुए इसे चार लाइन वाले कॉरिडोर में अपग्रेड करने की योजना बनाई गई है।
चार साल में पूरा होगा रेलवे फोरलेन प्रोजेक्ट
रेल मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट को चार साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस परियोजना पर काम शुरू हो चुका है और इसे असरदार ढंग से आगे बढ़ाने के लिए पानीपत और सोनीपत में जिला प्रशासन और रेलवे अधिकारियों की बैठक हो चुकी है। बैठक में दोनों जिलों के उपायुक्त भी शामिल हुए, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन पर चर्चा की।
क्यों जरूरी है दिल्ली-अंबाला रेल मार्ग का विस्तार?
फिलहाल दिल्ली से अंबाला रेलवे ट्रैक पर केवल दो लाइनें हैं, लेकिन इस मार्ग पर ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस वजह से इस कॉरिडोर का विस्तार जरूरी हो गया था। रेलवे मंत्रालय ने दिल्ली से अंबाला तक 193.6 किलोमीटर के इस रेल मार्ग का विस्तार करने का निर्णय लिया है, जिससे ट्रेनों की आवाजाही सुगम होगी और यात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी।
रेलवे स्टेशनों पर भी होगा विकास कार्य
इस परियोजना के तहत न केवल रेलवे ट्रैक का विस्तार किया जाएगा, बल्कि मार्ग के साथ 32 रेलवे स्टेशनों पर भी विकास कार्य किए जाएंगे। इन स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में सुधार किया जाएगा, जिससे यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मिल सकें। इस पूरे प्रोजेक्ट की एस्टिमेट लागत 7,074 करोड़ रुपये रखी गई है।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया होगी सरल
इस परियोजना के लिए 15 गांवों से लगभग 11 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें समालखा डिवीजन के आठ गांव और पानीपत के सात गांव शामिल हैं। रेलवे प्रशासन ने यह भी विश्वास दिया है कि भूमि मालिकों को उचित मुआवजा प्रदान किया जाएगा। परियोजना के लिए 80 हेक्टेयर भूमि प्राइवेट होगी, जबकि 5 हेक्टेयर भूमि सरकारी स्वामित्व में होगी।
दिल्ली-अंबाला फोरलेन रेलवे से होंगे कई फायदे
इस परियोजना के पूरा होने के बाद दिल्ली-अंबाला रेल मार्ग पर ट्रेनों का संचालन अधिक सुगम हो जाएगा। इससे यात्रियों को समय की बचत होगी, माल ढुलाई आसान होगी और रेल मार्ग पर भीड़भाड़ कम होगी।
इस परियोजना से होने वाले प्रमुख फायदे:
- यात्रा का समय होगा कम – ट्रैक के विस्तार से ट्रेनों की रफ्तार में बढ़ोतरी होगी और यात्रियों को तेज और सुरक्षित यात्रा मिलेगी।
- रेलवे संचालन में सुधार – ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की कपैसिटी बढ़ेगी, जिससे अधिक यात्रियों को लाभ मिलेगा।
- माल ढुलाई को बढ़ावा – व्यापारियों को सामान की तेज़ी से ढुलाई की सुविधा मिलेगी, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
- आर्थिक विकास को मिलेगी गति – रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
दिल्ली-अंबाला फोरलेन रेलवे के निर्माण में आ रही चुनौतियाँ
हालांकि यह परियोजना रेलवे और यात्रियों के लिए कई फायदे लेकर आएगी, लेकिन इसके निर्माण में कई चुनौतियाँ भी सामने आ रही हैं। भूमि अधिग्रहण, तकनीकी पहलू और बजट का सही इस्तेमाल परियोजना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
परियोजना के सामने आने वाली चुनौतियाँ:
- भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना।
- निर्माण कार्य के दौरान रेलवे संचालन को बाधित न होने देना।
- परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।